Career Scenario 2019: साल 2019 करियर और एंप्लॉयमेंट के लिहाज से बहुत आकर्षक नहीं रहा, फिर भी कुछ क्षेत्रों में प्राफेशनल्स को मिलने वाली सैलरी तमाम दूसरे क्षेत्रों से बहुत आगे रही। इसमें जो क्षेत्र सबसे आगे रहा, वह था डाटा एनालिसिस का क्षेत्र और सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले प्रोफेशनल रहे डाटा साइंटिस्ट या एनालिस्ट। आइये जानते हैं इस साल का जॉब सिनेरियो कैसा रहा...
क्या कहते हैं आंकड़े
इस साल डाटा साइंटिस्टों को दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले 40 से लेकर 240 फीसदी ज्यादा सैलरी हासिल हुई। अगर 2013-14 से तुलना करें तो इस साल डाटा एनालिस्ट को औसतन 300 फीसदी से ज्यादा सैलरी का हाइक मिला। एक ऐसे समय में, जब कई क्षेत्रों में जॉब क्राइसिस हो, इतनी शानदार सैलरी भला किसे नहीं आकर्षित करेगी।
यही वजह है कि इस साल इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में यंग प्रोफेशनल्स ने एंट्री की। इनमें सबसे ज्यादा इंजीनियर ही रहे। खासकर बीई और बीटेक करने वाले इंजीनियर, जो पहले से कोडिंग का अनुभव रखते रहे हों या न भी रखते रहे हों तो भी।
अन्य प्रोफेशनल्स से रहे आगे
वास्तव में डाटा एनालिसिस एक तरह से मैथेमेटिकल जॉब ही है, इसलिए यह इंजीनियरों के स्वभाव के ज्यादा अनुकूल माना जाता है। लेकिन इस जॉब में सोशल, लॉजिकल और जनरल नॉलेज का भी बड़ा योगदान है। इसलिए किसी के इंजीनियरिंग बैकग्राउंड होने भर से वह इस क्षेत्र में सबसे परफेक्ट नहीं हो जाता।
जहां तक सैलरी का सवाल है तो जहां एक एमबीए को मुंबई में इस साल औसतन 6 लाख रुपए वार्षिक का पैकेज मिला, वहीं डाटा साइंटिस्ट को औसतन 11 लाख 75 हजार रुपए का वार्षिक पैकेज मिला। अगर पूरे भारत में देखें तो औसतन डाटा साइंटिस्ट को 9.5 लाख रुपए का वार्षिक पैकेज मिला तो एक एमबीए को पूरे देश में औसतन 4.5 से 5.0 लाख रुपए का ही वार्षिक पैकेज मिला।
मुंबई में मिली मैक्सिमम सैलरी
जहां तक सैलरी देने वाले शहरों की बात है तो पिछले कई सालों की तरह इस साल भी मुंबई, देश के बाकी सारे महानगरों से आगे रहा। मुंबई में दिल्ली से करीब 25 फीसदी, बैंग्लुरु से 20 फीसदी, हैदराबाद से 27 फीसदी, पुणे से 30 फीसदी और समूचे भारत के मुकाबले करीब 32 फीसदी ज्यादा सैलरी मिली। कहना सही होगा कि अपने इसी आकर्षक सैलरी की बदौलत मुंबई ने देश के किसी भी शहर के मुकाबले इस साल भी कहीं ज्यादा प्रतिभाओं को आकर्षित किया।
इन सेक्टर्स में भी मिली जॉब्स...
इन सेक्टर्स में भी मिली जॉब्स...
जहां तक सैलरी के इतर ऐसे प्रमुख एंप्लॉयमेंट सेक्टर्स की बात है, जहां सैलरी भले ज्यादा न मिली हो, लेकिन साल 2019 में दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा नौकरियां मिलीं, उनमें आश्चर्यजनक ढंग से वकालत का पेशा ऐसा रहा, जहां काफी ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलीं। कमर्शियल पायलट को भी इस साल नौकरियों की बहुत कमी का सामना नहीं करना पड़ा।
2019 में साल 2018 के मुकाबले कम वेतन मिला
यह अलग बात है कि दोनों क्षेत्रों के लिए 2019 में साल 2018 के मुकाबले कम वेतन मिला। नौकरियां भी पिछले साल के मुकाबले इस साल कम रहीं। लेकिन 2019 में दूसरे क्षेत्र के मुकाबले यहां नौकरियां ज्यादा मिलीं। मेडिकल फील्ड तो एवरग्रीन है। इसमें इस साल भी लोगों को अच्छी जॉब्स मिलीं। लेकिन साल 2019 में डॉक्टरों को सैलरी के संदर्भ में ऐसी कोई विशिष्टता हासिल नहीं हुई बल्कि उन्हें 2018 के मुकाबले 10 से 20 फीसदी तक कम सैलरी मिली।
कंपनी सेक्रेटरी प्रोफेशनल्स
मैनेजमेंट कंसल्टेंट, चार्टर्ड एकाउंटेंट और मर्चेंट नेवी जैसे सेक्टर्स में भी जॉब्स तो मिलीं लेकिन 2019 में पिछले साल के मुकाबले 10 से लेकर 20 फीसदी तक कम सैलरी ऑफर की गई। कंपनी सेक्रेटरी प्रोफेशनल्स को भी अच्छी जॉब्स ऑफर की गईं।
सार
कहने का सार यही है कि इस साल गिने-चुने सेक्टर्स और प्रोफेशंस में ही यंगस्टर्स को अच्छी जॉब्स और सैलरी ऑफर की गई।