यूक्रेन से भारत लौटे सभी छात्रों को मिले एडमिशन: AICTE

AICTE: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों को अब राहत मिल सकती है। हाल में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने सभी तकनीकी संस्थानों को पत्र लिखकर भारत लौटे छात्रों को ए

AICTE: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों को अब राहत मिल सकती है। हाल में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने सभी तकनीकी संस्थानों को पत्र लिखकर भारत लौटे छात्रों को एडमिशन देने को कहा है। यह प्रवेश उन्हें संबंधित संस्थान की खाली सीटों पर ही दिया जा सकेगा। एआईसीटीई ने संस्थानों को लिखे पत्र में कहा है कि करीब 20 हजार छात्रों को यूक्रेन से वापस भारत लाया गया है।

यूक्रेन से भारत लौटे सभी छात्रों को मिले एडमिशन: AICTE

युद्ध के चलते इन छात्रों का शैक्षणिक भविष्य फिलहाल अस्थिर है। कुछ दिनों पहले संसद में भी यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों के भविष्य पर चिंता जताई गई थी। अब एआईसीटीई ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और निदेशकों को पत्र लिखा है। गौरतलब है कि यूक्रेन से भारत लौटे अधिकांश छात्र मेडिकल बैकग्राउंड से हैं। हालांकि नेशनल मेडिकल कमीशन ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

एआईसीटीई इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए सहित अन्य कोर्सेज संचालित करने वाले संस्थानों को ही रेग्युलेट करता है। बड़ी चिंता मेडिकल के छात्रों की है। हालांकि यूक्रेन के कुछ कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है, लेकिन उनके प्रैक्टिकल, एग्जाम और इंटर्नशिप पर संकट मंडरा रहा है। इंंटर्नशिप काे लेकर भारत सरकार ने कुछ निर्णय जरूर लिए हैं।

दरअसल, यूक्रेन में युद्ध के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान हुआ है। इन छात्रों के वापस यूक्रेन लौटने पर असमंजस ही बना हुआ है। अब एआईसीटीई ने कुछ स्ट्रीम के छात्रों को राहत देने की पहल जरूर की है। उधर, चीन से भारत लौटे एमबीबीएस छात्रों पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जल्द ही फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट टेस्ट भी होने वाला है। ऐसे में चाइना में एमबीबीएस करने वाले छात्रों का बड़ा नुकसान हो सकता है।

इस बीच फिलीपींस में एमबीबीएस कर रहे छात्रों को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन ने स्थिति साफ कर दी है। एनएमसी ने कहा है कि वहां के बीएस कोर्स को एमबीबीएस के समकक्ष नहीं माना जा सकता है। बीएस कोर्स में 11वीं व 12वीं की फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी का सिलेबस है। भारत में एमबीबीएस का सिलेबस अलग है।

रूस, यूक्रेन, चाइना और श्रीलंका अलग-अलग संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में अब आने वाले सालों में इन देशों में पढ़ने के लिए जाने वाले छात्रों की संख्या कम हो सकती है। वहीं, स्टूडेंट्स व फैकल्टी और एक्सचेंज प्रोग्राम पर भी असर आ सकता है। एमओयू भी प्रभावित होंगे।

एनएमसी ने 18 नवंबर 2021 में एफएमजी रेग्युलेशंस में बदलाव किया था। इसमें प्रावधान था कि विदेश से एमबीबीएस करने वालों को 54 माह का कोर्स करना जरूरी है। इसके बाद ही वे एफएमजीई की पात्रता हासिल कर पाएंगे। कुछ देशों में एमबीबीएस की अवधि इससे कुछ कम है।

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English summary
AICTE: Amidst the ongoing war between Russia and Ukraine, students who have returned from Ukraine to India can now get relief. Recently, the All India Council for Technical Education (AICTE) has written a letter to all technical institutions asking them to admit students who have returned to India.
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