उत्तर प्रदेश में अग्निवीरों की भर्ती का वृहद अभियान आज 20 अक्टूबर से शुरू हो गया है। 20 नवंबर तक चलने वाली भर्ती में कानपुर व असपास के 13 जिलों के युवाओं की भर्ती होगी। इसके लिये करीब 95 हजार अभ्यर्थी बुलाये गये हैं। अग्निवीर बनने का सपना लेकर चले युवाओं को यहां तक आने के लिये 'अग्निपथ' पार करना पड़़ा। ट्रेन में बैठने की जगह नहीं मिली‚ जेब में रुपए नहीं थे और एड़मिट कार्ड़ में भर्ती स्थल का पता नहीं लिखा था। किसी तरह भटकते-परेशान होते भर्ती स्थल अर्मापुर तक पहुंच भी गये तो आसपास के होटल व खान-पान सामग्री बेचने वालों ने नहीं छोड़ा। उन्होंने खाद्य सामग्री के दाम बढ़ा दिये‚ जिससे युवाओं को सड़़क किनारे खुले आसमान के नीचे भूखे पेट वक्त गुजारना पड़़ा। भर्ती के दौरान शांति बनाये रखने को सुरक्षा के कड़े़ इंतजाम किये गये हैं। पहले और दूसरे दिन गोंड़ा के अभ्यर्थी बुलाये गये हैं।
निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक महानगर में अग्निवीरों की भर्ती कल गुरुûवार से शुरू होगी। पहले व दूसरे दिन गोंड़ा के अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। कुल 13 जिलों के अभ्यर्थियों की भर्ती होगी‚ जिसमें करीब 95 हजार लोग बुलाये गये हैं। बुधवार रात एक बजे से भर्ती स्थल पर इंट्री हुई। भर्ती में शामिल होने के लिये बड़़ी संख्या में अभ्यर्थी बुधवार दोपहर से ही अर्मापुर पहुंचने लगे। यहां रुकने आदि के इंतजाम न होने के कारण उन्होंने सड़़क किनारें पेड़़ों के नीचे डे़रा ड़ाल दिया और वहीं सो गये। कईयों ने फुटपाथ पर शरण ली।
सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों ने अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने बताया कि ट्रेन में जगह न मिलने के कारण रात भर खड़े़ होकर सफर किया और किसी तरह यहां पहुंचे। हर बार कैंट क्षेत्र में भर्ती होती है लिहाजा वह कैंट क्षेत्र पहुच गये। एड़मिट कार्ड़ में भर्ती स्थल का उल्लेख नहीं किया गया था। कैंट पहुंचे तो पता चला कि वहां पर भर्ती नहीं है। यहां-वहां फोन कर-करके पता किया तो जानकारी मिली कि इस बार भर्ती अर्मापुर में होगी। तब अर्मापुर के लिये चले। जेब में रुपए नहीं थे‚ इसलिये कैंट‚ स्टेशन और बस अड्ड़ों से पैदल ही अर्मापुर तक आये। हालांकि प्रशासन का दावा है कि उसने अभ्यर्थियों को भर्ती स्थल तक पहुंचाने के लिये 30 सिटी बसें लगायी हैं‚ मगर अभ्यर्थियों का कहना था कि बसें नजर नहीं आयीं।
उन्होंने यह भी बताया कि भर्ती स्थल आयुध निर्माणियों से घिरा होने और प्रतिबंधित क्षेत्र होने के कारण वहां रुकने आदि के लिये कोई धर्मशाला या गेस्ट हाउस आदि नहीं है। प्रशासन ने भी कोई इंतजाम नहीं किया‚ इसलिये खुले आसमान के नीचे रुकने के लिये मजबूर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पनकी और विजय नगर में खान-पान सामग्री की दुकानें हैं‚ मगर उन्होंने भर्ती का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़़ी और सभी वस्तुओं के दाम बढ़ा दिये। जेब में रुपए न होने के कारण बड़़ी संख्या में अभ्यर्थियों को भूखे पेट ही वक्त गुजारना पड़़ा।
भर्ती मेला से सीधे मिलेगी नौकरी
अभ्यर्थियों ने बताया कि सेना में जनरल ड्यूटी‚ क्लर्क‚ ट्रेड़ मैन‚ और टेक्निकल पद पर नौकरी के लिये आवेदन लिये गये थे। हर दिन अलग-अलग जिलों के अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। भर्ती मेला में शामिल होने के लिये आवेदन मांगे गये थे। इसमें सबसे पहले फिजिकल टेस्ट देना होगा‚ जिसमें दौड़़ करायी जायेगी। उसे पास करने के बाद लिखित परीक्षा होगी। उसे पास करने के बाद सेना में अग्निवीर के पद पर सीधे भर्ती दी जायेगी।
इन जिलों से आयेंगे अभ्यर्थी
अर्मापुर में 20 अक्टूबर से 20 नवंबर तक होने वाली इस भर्ती परीक्षा में गोंड़ा‚ बाराबंकी‚ कन्नौज‚ औरैया‚ चित्रकूट‚ बांदा‚ हमीरपुर‚ महोबा‚ लखनऊ‚ उन्नाव‚ फतेहपुर‚ कानपुर देहात व कानपुर नगर के अभ्यर्थी शामिल होंगे। पहले व दूसरे दिन गोंड़ा के अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। इसी तरह अन्य दिनों में भी जिलेवार स्लॉट आवंटित किये गये हैं।