पर्यावरण पर जलावायु परिर्वतन का प्रभाव- World Environment day 2022

हर साल पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है। इसी पर अगर हम पिछले साल की बात करें तो कोरना महामारी के समय लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा यदि कुछ हुआ है तो वह हमारे पर्यावरण को हुआ है। आए दिन किसी न किसी तरह से हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचा ही रहे हैं। इतना ही नहीं जलवायु परिर्वतन का भी सीधा असर आप पर्यावरण पर देख सकते हैं। हम सभी जानते है कि हमारी प्रकृति को जो भी नुकसान हो रहा है वो हमारे कारण ही है अपनी जरूरतों और विकास के लिए जिस प्रकार से देश प्राकृतिक संसाधनो का दोहन कर रहे हैं उससे हम सिधे तौर पर अपना ही नुकसान कर रहे हैं। जलावायु परिर्वतन इस समय सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है जिससे निपटना बेहद ही आवश्यक है। खैर अब यूएन इस दोहन और जलावायु परिर्वतन से निपटन के लिए कई कार्यक्रम चला रहा है। फिलहाल हम जानेंगे की किस तरह जलावायु परिर्वतन हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है।

जलावायु परिर्वतन क्या है?

जलवायु से हमारा तात्पर्य किसी क्षेत्र या स्थान के औसत मौसम में से होता है। वहीं जलावायु परिर्वतन का अर्थ उस मौसम और तापमान में आए बदलाव से होता है। जिसका प्रभाव पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। पृथ्वी का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी का तापमान आए दिन बढ़ता जा रहा है और इस बदलाव का मुख्य कारण जीवाशम ईंधनों जैसे कोयला, तेल गैस का जरूरत से ज्यादा दोहन है।

जलावायु परिर्वतन का सीधा असर पिघलते ग्लेशियर को देख कर लगायाजा सकता है। पृथ्वी के तापमान में इस प्रकार वृद्धि हो रही है कि हर साल कई ग्लेशियर पिघल रहे है जिससे महासागरों के स्तर में बढ़ौतरी हो रही है। जिससे किनारे पर स्थित द्विपों के लिए खतरा बढ़ रहा है।

जलवायु परिर्वतन का पर्यावरण पर प्रभाव

जलवायु परिर्वतन का पर्यावरण पर सिधा प्रभाव पड रहा। मौसम में आए बदलाव, पृथ्वी के तापमान में होती बढ़तौरी हर तरह से हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है।

जंगलों में आग लगना

आपको कई बार वनों में आग लगने की खबर सुनने को मिलती है। अब सोचने वाली बात ये है कि ऐसा क्यों होता है। यह पृथ्वी के तापमान में हुई बढ़ौतरी से होता है। पहने भी ऐसी घटनाए होती थी लेकिन इतनी ज्यादा नहीं होती थी वर्तमान समया में ये ज्यादा देखने को मिलता है। मौसम में परिर्वतन की वजह से यह होता है। गर्मी इस दौरान ितनी ज्यादा है कि आपसे में लकड़ियों के घर्षण से जंगलों में आग लगती है और फिर ये इस कदर फैलती है कि उसको समय रहते रोकपाना कठिन होता है इसका सीधा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ता है। यदि इस तहर सारे जंगल जलते रहे तो पृथ्वी के तापमान में और वृद्धि होगी।

पर्यावरण पर जलावायु परिर्वतन का प्रभाव

वर्षा पर प्रभाव

जलवायु परिर्वतन से मानसूनी क्षेत्रों में वर्षा अधिक होती है जिससे बाढ़, भूस्खलन और भूमि अपरदन जैसी समस्या उतपन होती है और वहीं कई ऐसे इलाके भी होते है जहां पूरे-पूरे साल वर्षा नहीं होती जिससे सुखा पड़ने की नौवृबत आ जाती है। लंबे समय तक सुखा पड़े रहने का कारण जमीन की उर्वरक क्षमता में कमी आती जाती है। मिट्टी की खराब स्थिती से भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। आपने देखा होगा की भारत के मध्य और उत्तरी भाग में वर्षा कम होती है और इसके मुकाबले दक्षिण-पश्चिम और पूर्वोत्तर के राज्यों में अधिक वर्षा जिसके कारण से मध्य और उत्तर के भाग में अक्सर सुखा पड़ा रहता है और दक्षिण-पश्चिम और पूर्वोत्तर में भाग में बाढ़ आदी जैसी आपदाएं होत रहती है। इससे पीने के जल पर भी प्रभीव पड़ता है। वर्षा का जरूरत से ज्यादा होना और जरूरत से कम होना दोनों ही स्थितियां नुकसानदायक है।

कृषि के लिए जंगलों की कटाई

मानव केवल अपने फायदे के बारे में सोचता है वह यह भूल जाता है कि जो वह कर रहा है उसका असर उसे आने वाले भविष्य में देखने को मिलेगा। उसी तरहा कृषि में बढ़ौतरी करने के लिए लोगों ने अंधाधुन जंगलों की कटाई की इससे उन्होंने ना केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचायां है बल्कि जलवायु परिर्वतन पर में भी पूरा योगदान दिया है। पेड़ों की जड़े मिट्टी को जोर से पकड़े हुए होती है जब मनुष्य पेड़ों की कटाई करता तो वह पकड़ कमजोर होती है जिससे भूस्खलन और भूमि अपरदन की स्थिति उत्पन होती है।

पर्यावरण पर जलावायु परिर्वतन का प्रभाव


तापमान बढ़ने से ग्लेशियर का पिघलना

जलवायु परिर्वतन से लगातार पृथ्वी के तापमान में बढ़ौतरी हो रही है जिससे ग्लेशियर पिघल रहे है जिससे महासागर के स्तर में वृद्धि हो रही है और इसे रोका न गया तो जल्द ही दूनिया में पीने के पानी के स्त्रोत भी दुषित हो जाएंगे। किनारे पर बसे इलाके व छोटें द्विप पानी में डूब जाएंगे। यह एक और कारण की हमें समय रहते जलवायु परिर्वतन पर रोक लागानी चागिए।

विश्व पर्यावरण दिवस और थीम

इस तरह हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए की किस तरहा हम जलवायु परिर्वतन को रोके और उससे हो रहे पर्यावरण के नुकासन को भी इसी लिए हर साल विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन किया जाता है ताकि हमारे जिवन में पर्यावरण के महत्व को बढ़ाया जा सकें। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन स्वीडन में होना है। इस साल का पर्यावरण नारा "केवल एक पृथ्वी" है जिसका फोकस "प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहे"।

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English summary
Climate change has major impact on environment. Climate change is biggest issue we are facing in present time. World Environment day celebrated every year. Sweden is hosting world environment day 2022. This year slogan for world environment day is 'ONLY ONE EARTH' with the focus on 'living sustainable in harmony with nature'.
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