UPSC Congress President Election History राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में एलन ऑक्टेवियन ह्यूम द्वारा की गई थी‚ जो एक ब्रिटिश प्रशासक थे। कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में 97 बार अध्यक्ष का चयन हुआ है‚ और 61 लोगों को यह कुर्सी नसीब हुई है। कांग्रेस के प्रारंभिक वर्ष में अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष के लिए किया गया था‚ जिसमें व्योमकेश चंद्र बनर्जी पहली बार निर्वाचित हुए थे। बाद में अध्यक्ष पद के लिए एक निश्चित कार्यकाल सीमा को समाप्त कर दिया गया लेकिन फिर कांग्रेस ने 2010 में हर पांच साल में आंतरिक चुनाव कराने के लिए अपने संविधान में संशोधन किया था। कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में 97 बार के बदलाव में केवल 4 बार चुनाव हुए हैं‚ अधिकतर चुनाव में किसी न किसी उम्मीदवार पर आम सहमति बन गई।
1) कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पहला चुनाव 1939 में सुभाष चंद्र बोस और पट्टाभि सीतारमैया के बीच हुआ था‚ जिसमें नेताजी सुभाष विजयी हुए थे।
2) 1950 में फिर से इस पद के लिए चुनाव जेबी कृपलानी और पुरुषोत्तम दास टंडन के बीच लड़ा गया था‚ जिसमें टंडन विजयी हुए थे।
3) 1997 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे जोरदार मुकाबला हुआ था‚ उस वक्त सीताराम केसरी‚ शरद पवार और राजेश पायलट के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था। केसरी को 6224 वोट मिले जबकि पवार को 882 और पायलट को 354 वोट मिले थे।
4) सोनिया गांधी को 2000 में जितेंद्र प्रसाद के रूप में अध्यक्ष पद के लिए एक चुनौती का सामना करना पड़ा था। उन्होंने प्रसाद के खिलाफ 7448 वोट हासिल करके अपना पद बरकरार रखा‚ जबकि जितेंद्र प्रसाद केवल ९४ वोट हासिल कर पाए थे। वहीं‚ राहुल गांधी ने 2017 में निर्विरोध जीत हासिल की और 2019 में कांग्रेस की लोक सभा में हार के बाद तुरंत इस्तीफा दे दिया था‚ उनके इस्तीफे के कुछ महीनों बाद से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत हैं।
वर्तमान चुनाव
जुलाई 2019 में राहुल गांधी के त्यागपत्र के बाद से उत्पन्न कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व संकट को समाप्त करने के लिए कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने 28 अगस्त 2022 को पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए 17 अक्टूबर 2022 की तारीख तय की। उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने के लिए निर्धारित तिथि 24 सितम्बर 2022 को चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। इसका समापन 17 अक्टूबर को होगा। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है और उम्मीदवारों की अंतिम सूची उसी दिन शाम 5 बजे जारी कर दी जाएगी। अगले पार्टी प्रमुख को चुनने के लिए 9300 से अधिक प्रतिनिधि 17 अक्टूबर 2022 को अपना-अपना वोट देंगे। चुनाव प्रक्रिया के आखिरी दिन 30 सितम्बर 2022 को तीन नेताओं ने नामांकन दाखिल किया था। थरूर और खड़गे के अलावा तीसरे नेता झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी थे। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए त्रिपाठी के नामांकन को खारिज कर दिया गया‚ जिसके बाद आगामी चुनाव में विपक्ष के राज्य सभा नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (जिन्होंने नामांकन दाखिल करने के बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया है) और लोक सभा सदस्य शशि थरूर के बीच मुकाबला है। गांधी परिवार ने संकेत दिया है कि वह अध्यक्ष पद के चुनाव में 'तटस्थ' रहेगा। शीर्ष पद गांधी परिवार के पास पिछले २४ साल से अधिक समय से है।
उम्मीदवारों का परिचय
मल्लिकार्जुन खड़गेः अस्सी वर्षीय खड़गे लंबी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले वरिष्ठ कांग्रेसी हैं। वह 1969 से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं‚ जब वे गुलबर्गा सिटी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। खड़गे 1972 से 2009 तक 9 बार विधायक और 2009 से 2019 तक दो बार लोक सभा सांसद रहे। वह 2019 का लोक सभा चुनाव हार गए लेकिन जून 2020 में राज्य सभा के लिए चुने गए। इन्होंने पार्टी में कई पदों पर कार्य किया है जैसे कर्नाटक कांग्रेस के महासचिव और एआईसीसी व कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य रहे हैं।
शशि थरूरः छियासठ वर्षीय थरूर कांग्रेस में बनिस्बत नये सदस्य हैं‚ जो 2009 में पार्टी में शामिल हुए थे। 2009 से लगातार केरल के तिरु वनंतपुरम से तीन बार के सांसद हैं। वह ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) के अध्यक्ष भी हैं। केंद्र सरकार में राज्य मंत्री का कार्यभार सम्भाल चुके हैं। इसके अलावा‚ थरूर ने संयुक्त राष्ट्र में 1978-2007 तक (लगभग 29 वर्ष) विभिन्न पदों पर कूटनीतिज्ञ के तौर पर कार्य किया है।
विवेचना
खड़गे को व्यापक रूप से अनौपचारिक आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है‚ जिनको कई वरिष्ठ नेताओं और जी-23 के कई नेताओं का भी समर्थन प्राप्त है। चुनाव लड़ने के लिए बहुत पहले से निर्णय लेने के बावजूद थरूर के पास 50 प्रस्तावक थे‚ जबकि खड़गे के पास कुछ ही घंटों में 140 प्रस्तावकों की बड़ी फौज जुट गई जिनमें अधिकतर वरिष्ठ नेता और वर्तमान में संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे व्यक्ति हैं। खड़गे गांधी परिवार द्वारा पसंद किए जाते हैं। यह इस बात से पता चलता है कि उन्हें 2014 और 2019 के बीच लोक सभा में कांग्रेस का नेता नियुक्त किया गया था।
2019 के लोक सभा चुनाव में खड़गे के हारने के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें राज्य सभा की सीट दी और उन्हें राज्य सभा में विपक्ष का नेता बनाया लेकिन जिस तरह से शशि थरूर और उनकी टीम ने पीसीसी के नवनिर्वाचित सदस्यों और पार्टी नेताओं को अपना चुनावी घोषणापत्र वाट्सएप के जरिए भेजना और फोन पर संपर्क करना शुरू किया है‚ और नामांकन के बाद उनके समर्थन में कई सांसद आए हैं‚ और युवाओं के बीच में उनकी लोकप्रियता ने इस चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। कांग्रेस के लिए नेतृत्व का चुनाव एक महत्वपूर्ण बिंदु है। पार्टी ने महात्मा गांधी के व्यापक जनसंपर्क के विचारों को समाहित करते हुए 500 किमी से लंबी 'भारत जोड़ो यात्रा' प्रारंभ कर दी है‚ जो अभी अपने शुरु आती दिनों में है‚ लेकिन क्या संगठन के स्तर पर इस चुनाव के जरिए पार्टी अपनी खोई हुई जमीन फिर से हासिल कर पाएगी।
कैसे होता है कांग्रेस अध्यक्ष का चुनावॽ
कांग्रेस के संविधान के अनुच्छेद 18 के अनुसार‚ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव पार्टी की विभिन्न राज्य समितियों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। अनुच्छेद और इसके विभिन्न उपखंडों के तहत ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों को प्राथमिक समिति (मूल संगठन इकाई) के सदस्यों में से चुना जाता है। ऐसे सदस्य कांग्रेस के संविधान के अनुच्छेद 5(अ) (ब) के तहत उल्लिखित सभी शर्तों को पूरा करते हुए पार्टी के सदस्यों के रूप में नामांकित लोगों में से चुने जाते हैं। अठारह वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति 5 रुपये का भुगतान करके और उसके घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके पांच साल के लिए कांग्रेस का सदस्य बन सकता है।
यही ब्लॉक कांग्रेस कमेटी प्रतिनिधि गुप्त मतदान के माध्यम से राज्य समिति या प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के लिए एक प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं। अन्य पीसीसी सदस्यों में पूर्व-पीसीसी अध्यक्ष‚ डीसीसी (जिला) अध्यक्ष‚ उस क्षेत्र में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य‚ कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के सदस्य और सह-चयनित सदस्य शामिल होते हैं। पीसीसी प्रतिनिधि या पीसीसी सदस्य कांग्रेस के प्रतिनिधि होते हैं‚ और नामांकित उम्मीदवारों में से कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कर सकते हैं।
अनुच्छेद 18 के अनुसार‚ कोई भी दस कांग्रेस प्रतिनिधि संयुक्त रूप से कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुनाव के लिए किसी भी प्रतिनिधि के नाम का प्रस्ताव कर सकते हैं। रिटनिÈग ऑफिसर सभी उम्मीदवारों के नाम (वापस लिए गए उम्मीदवारों को छोड़कर) प्रकाशित करते हैं‚ और उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के सात दिनों के भीतर उन्हें पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) को भेजते हैं। यदि नामांकन वापसी के बाद केवल एक उम्मीदवार रहता है‚ तो उसे विधिवत निर्वाचित अध्यक्ष घोषित किया जाता है। चुनाव के स्थिति में‚ कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा निर्धारित तिथि पर‚ प्रत्येक प्रतिनिधि प्रत्येक राज्य में पीसीसी मुख्यालय में बैलेट पेपर के माध्यम से अध्यक्ष के लिए मतदान करने का हकदार है। यदि दो या दो से अधिक उम्मीदवार हैं‚ तो प्रतिनिधि एक को वोट दे सकता है। दो से अधिक उम्मीदवार हैं‚ तो प्रतिनिधि अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को 1‚ 2 और आगे की रैंकिंग करके चिह्नित कर सकता है।
सभी मतपेटियों को पीसीसी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी)‚ जो पार्टी की शीर्ष निर्णायक समिति है‚ को अग्रेषित किया जाता है‚ और कोई भी उम्मीदवार जिसे पहली वरीयता के रूप में ५०‡ से अधिक वोट मिलते हैं‚ उसे अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित घोषित किया जाता है।