भारत के राष्ट्रपतियों की सूची, क्या हैं राष्‍ट्रपति की विशिष्‍ट शक्तियां?

संविधान में ‘अनुच्छेद 52 से 62' के तहत राष्ट्रपति के विशेष प्रावधान शामिल हैं, जो बताते हैं कि भारत में राष्ट्रपति को कैसे चुना जाता है, उनकी शक्तियां क्या होंगी और उनके क्या कार्य होंगे?

भारत में राष्ट्रपति को सर्वप्रथम नागरिक का दर्जा दिया गया है जो कि भारतीय सेनाओं के मुख्य सेनापति भी है। भारतीय संविधान के 'अनुच्छेद 52' में बताया गया है कि भारत में केवल एक राष्ट्रपति होगा। जबकि संविधान में 'अनुच्छेद 52 से 62' के तहत राष्ट्रपति के विशेष प्रावधान शामिल हैं, जो बताते हैं कि भारत में राष्ट्रपति को कैसे चुना जाता है, उनकी शक्तियां क्या होंगी और उनके क्या कार्य होंगे?

डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 26 जनवरी 1950 से 13 मई 1962 तक लगातार दो कार्यकालों तक सेवा की। देश की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं, जिन्होंने भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई 2022 को पद संभाला। बता दें कि मुर्मू अनुसूचित जनजाति समुदाय से देश की पहली राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। राष्ट्रपति चुनाव 2022 की नवीनतम मतगणना के अनुसार, द्रौपदी मुर्मू ने यशवंत सिन्हा (पूर्व राजनयिक और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री) के खिलाफ 5,77,777 मतों की बढ़त के साथ जीत हासिल की।

भारत के राष्ट्रपतियों की सूची, क्या हैं राष्‍ट्रपति की विशिष्‍ट शक्तियां?

कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव?

हालांकि, भारत में राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कोई सीधी प्रक्रिया नहीं है। यह चुनाव गुप्त मतदान प्रणाली के माध्यम से किया जाता है। जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य के साथ-साथ राज्यों की विधानसभाएं और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाएं राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया में अपना वोट दे सकते हैं।

राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के लिए मानदंड

भारतीय संविधान में किसी व्यक्ति को देश का पहला नागरिक बनने के योग्य होने के लिए कुछ मानदंड तय है। जो कि कुछ इस प्रकार है- एक व्यक्ति जो भारत का मूल निवासी है और न्यूनतम 35 वर्ष की आयु का है, वह राष्ट्रपति चुनाव में अपनी उम्मीदवारी का दावा कर सकता है। साथ ही उसे लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने की शर्तों के लिए अर्हता प्राप्त करनी चाहिए और साथ ही, उसे केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण के तहत लाभ का कोई पद नहीं रखना चाहिए।

राष्ट्रपति की विशिष्‍ट शक्तियाँ

देश की सभी कार्यकारी, विधायी, वित्तीय, न्यायिक, राजनयिक, सैन्य और आपातकालीन शक्तियाँ राष्ट्रपति में निहित हैं। राष्ट्रपति राष्ट्र के सशस्त्र बलों के प्रमुख हैं। भारत सरकार के सभी कार्यकारी कार्य औपचारिक रूप से उनके नाम पर किए जाते हैं। अपनी विधायी शक्तियों के तहत, वह संसद को बुला सकता है या प्रस्तावना दे सकते हैं और जरुरत पड़ने पर लोकसभा को भंग भी कर सकते हैं। भारत के राष्ट्रपति 'साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्तियों' में से राज्यसभा के 12 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं। जिसके साथ उन्हें लोकसभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय से 2 सदस्यों को मनोनीत करने का भी अधिकार है।

राष्ट्रपति कि वित्तीय शक्तियों की बात करें तो उनकी पूर्व सिफारिश से ही धन विधेयक संसद में पेश किया जा सकता है। वह केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व के वितरण को निर्धारित करने के लिए हर 5 साल के बाद वित्त आयोग का गठन करते हैं। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के CJI और न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अपनी न्यायिक शक्तियों के तहत की जाती है।

ध्यान देने वाली बात तो ये है कि भारत में राष्ट्रपति के पास किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए किसी भी व्यक्ति की सजा को क्षमा, राहत, और सजा की छूट या निलंबित, छूट या सजा को कम करने की शक्ति है। राष्ट्रपति की ओर से सभी अंतर्राष्ट्रीय संधियों और समझौतों पर बातचीत और निष्कर्ष निकाला जाता है। रक्षा का सर्वोच्च कमांडर होने के नाते उन्हें थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों को नियुक्त करने का भी अधिकार है।

राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां

भारत का संविधान राष्ट्रपति को 'अनुच्छेद 352' के तहत परिभाषित राष्ट्रीय आपातकाल, 'अनुच्छेद 356 और 365' के तहत राष्ट्रपति शासन और 'अनुच्छेद 360' के तहत परिभाषित वित्तीय आपातकाल जैसी स्थितियों से निपटने के लिए असाधारण शक्तियां प्रदान करता है।

राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां

बता दें कि मुख्य रूप से चार प्रकार की वीटो शक्तियां होती हैं जिन्हें एब्सोल्यूट वीटो, क्वालिफाइड वीटो, सस्पेंसिव वीटो और पॉकेट वीटो नाम दिया गया है। इन 4 प्रकार की वीटो शक्तियों में से, भारत के राष्ट्रपति के पास योग्य वीटो को छोड़कर 3 वीटो हैं। एक योग्य वीटो केवल संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पास होता है।

राष्ट्रपति की महाभियोग प्रक्रिया

राष्ट्रपति को केवल 'महाभियोग की प्रक्रिया द्वारा संविधान के उल्लंघन' के लिए पद से हटाया जा सकता है। संसद के किसी भी सदन के मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के महाभियोग में भाग ले सकते हैं। महाभियोग के आरोपों पर सदन के एक चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं और राष्ट्रपति को 14 दिनों का नोटिस दिया जाता है। जिसके बाद प्रस्ताव को उस सदन की कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से पारित होने के बाद दूसरे सदन में भेजा जाता है। यदि दूसरा सदन भी कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करता है, तो राष्ट्रपति को अंततः पद से हटाया जा सकता है।

गौरतलब है कि भारत में अब तक किसी राष्ट्रपति पर महाभियोग नहीं लगाया गया है।

भारत के राष्‍ट्रपतियों की सूची

यहां पर आप 1947 से लेकर अब तक देश के राष्‍ट्रपतियों की सूची देख सकते हैं-

July 2022
  • द्रौपदी मुर्मू
    द्रौपदी मुर्मू
    भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू को चुना गया हैं। मुर्मू दूसरी महिला राष्ट्रपति और अनुसूचित जनजाति समुदाय की पहली भारतीय राष्ट्रपति बनी हैं।
July 2017
  • राम नाथ कोविंद
    राम नाथ कोविंद
    श्री राम नाथ कोविन्द ने 25 जुलाई, 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी। वे वर्तमान में देश के प्रथम नागरिक हैं।
July 2012
  • प्रणब मुखर्जी
    प्रणब मुखर्जी
    प्रणब मुखर्जी ने 25 जुलाई, 2012 से 25 जुलाई, 2017 तक देश के राष्‍ट्रपति पद पर अपनी सेवाएं दीं।
July 2007
  • श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटील
    श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटील
    श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटील कार्यकाल: 25 जुलाई, 2007 से 25 जुलाई, 2012 तक। प्रतिभा पाटील देश की पहली महिला राष्‍ट्रपति रही हैं।
July 2002
  • डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
    डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
    डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (1931-2015) कार्यकाल: 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007 तक देश के राष्‍ट्र‍पति रहे।
July 1997
  • श्री के.आर. नारायणन
    श्री के.आर. नारायणन
    श्री के.आर. नारायणन (1920-2005) कार्यकाल: 25 जुलाई, 1997 से 25 जुलाई, 2002 तक।
July 1992
  • डॉ. शंकर दयाल शर्मा
    डॉ. शंकर दयाल शर्मा
    डॉ. शंकर दयाल शर्मा (1918-1999) कार्यकाल: 25 जुलाई, 1992 से 25 जुलाई, 1997 तक।
July 1987
  • आर. वेंकटरमण
    आर. वेंकटरमण
    आर. वेंकटरमण 25 जुलाई, 1987 से 25 जुलाई, 1992 तक देश के राष्‍ट्रपति रहे।
July 1982
  • ज्ञानी जैल सिंह
    ज्ञानी जैल सिंह
    ज्ञानी जैल सिंह 25 जुलाई, 1982 से 25 जुलाई, 1987 तक देश के राष्‍ट्रपति पद पर रहे।
July 1977
  • नीलम संजीव रेड्डी
    नीलम संजीव रेड्डी
    नीलम संजीव रेड्डी (1913-1996) ने 25 जुलाई, 1977 से 25 जुलाई, 1982 तक अपनी सेवाएं बतौर राष्‍ट्रपति दीं।
August 1974
  • डॉ. फखरुद्दीन अली अहमद
    डॉ. फखरुद्दीन अली अहमद
    डॉ. फखरुद्दीन अली अहमद (1905-1977) उनका कार्यकाल 24 अगस्त, 1974 से 11 फरवरी, 1977 तक था।
May 1969
  • वी वी गिरि
    वी वी गिरि
    वी॰ वी॰ गिरि ने 3 मई 1969 से 20 जुलाई 1969 के बीच राष्‍ट्रपति पद पर अपनी सेवाएं दीं। अपने दूसरे कार्यकाल में वे 24 अगस्‍त, 1969 से 24 अगस्‍त, 1974 वे राष्‍ट्रपति पद पर रहे।
May 1967
  • डॉ. जाकिर हुसैन
    डॉ. जाकिर हुसैन
    डॉ. जाकिर हुसैन ने देश के राष्‍ट्रपति पद पर 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान वी॰ वी॰ गिरि उप राष्‍ट्रपति पद पर थे।
May 1962
  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन
    सर्वपल्ली राधाकृष्णन
    सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्‍ट्रपति पद पर स्‍वतंत्र उम्‍मीदवार के रूप में आये। वे 13 मई 1962 से लेकर 13 मई 1967 तक राष्‍ट्रपति पद पर रहे। उनके साथ उप राष्‍ट्रपति पद पर डॉ. जाकिर हुसैन रहे।
January 1950
  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद
    डॉ. राजेंद्र प्रसाद
    डॉ. राजेन्द्र प्रसाद 26 जनवरी 1950 से 13 मई 1962 तक देश के राष्‍ट्रपति रहे। इस दौरान उपराष्‍ट्रपति पद पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन रहे। डॉ. प्रसाद को कांग्रेस ने नामित किया गया था।

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