Most Devastating Cyclones in India: भारत में पिछले 50 वर्षों में सबसे विनाशकारी चक्रवातों की सूची

List of Most Devastating Cyclones in Last 50 Years in India: साइक्लोन या चक्रवात। प्रत्येक वर्ष भारत समेत विश्व के कई तटीय देशों में चक्रवाती तुफान या साइक्लोन आते हैं। भारत में हर साल प्रलयकारी और विनाशकारी चक्रवाती तूफान बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आते हैं।

भारत में पिछले 50 वर्षों में सबसे विनाशकारी चक्रवातों की सूची

विशेषज्ञ कहते हैं यूं तो भारत में प्री-मॉनसून चक्रवात आम हैं, लेकिन कुछ चक्रवाती तूफान भारी तबाही और संकट लेकर आते हैं। बता दें कि अरब सागर में चक्रवात बिपरजॉय ने गुजरात के तटों पर दस्तक दे दी है।

भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गंभीर रूप धारण कर सकता है। गूजरात के सभी समुद्र तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है और सुरक्षा टीमों को क्षेत्र में तैनात कर दिया गया है। चक्रवात या साइक्लोन दुनिया की कई विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक है, जो मानव जीवन के लिए एक बड़े पैमाने में विनाश का कारण बनती है। भारत में अधिकतर चक्रवाती तुफानी बंगाल की खाड़ी में आते हैं, जो भारत के प्रमुख राज्य बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं।

यदि आप यूपीएससी, एसएससी जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं में उपस्थित होने की तैयारी कर रहे हैं, तो आप भूगोल के विषय में भारत में चक्रवात के टॉपिक पर पूछे गये प्रश्नों की तैयारी के लिए इस लेख से सहायता ले सकते हैं।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात या ट्रॉपिकल साइक्लोन क्या है?

दुनिया में कई ऐसी प्राकृतिक आपदाएं हैं, जो मानव आवासों के लिए बड़े पैमाने पर विनाश लाती हैं, और उनमें से एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात है। ऐसे चक्रवात उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में महासागरों से उत्पन्न होते हैं और तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ते हैं, जिससे प्रचंड तेज हवाएं, भारी वर्षा और तूफान के कारण बड़े पैमाने पर तटीय इलाकों के गांवों, शहरों और जनमानस को क्षति पहुंचते हैं।

भारत, युगों से कई चक्रवातों से प्रभावित रहा है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिंद महासागर के ऊपर उत्पन्न होते हैं। इन चक्रवातों में हवा का वेग बहुत अधिक होता है और भारी वर्षा होती है और ये भारतीय तटीय राज्यों से टकराते हैं। हालांकि चक्रवात केवल भारत के तटीय इलाकों को प्रभावित करते हैं, लेकिन पश्चिमी तट की तुलना में पूर्वी तट अधिक संवेदनशील है। यदि बात सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की करें तो इनमें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और गुजरात शामिल हैं।

चक्रवात के नाम की शुरुआत कैसे हुई?

चक्रवात एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक रह सकते हैं और एक समय में एक से अधिक चक्रवाती तूफान आ सकते हैं। मौसम के पूर्वानुमानकर्ता, चक्रवाती तूफानों की संख्या का आंकलन करने के लिए और इनकी संख्याओं के भ्रम से बचने के लिए प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को एक नाम देते हैं। सामान्य तौर पर, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण क्षेत्रीय स्तर पर नियमों के अनुसार किया जाता है। अटलांटिक और दक्षिणी गोलार्ध (हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत) में, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को वर्णानुक्रम में नाम मिलते हैं, और महिलाओं और पुरुषों के नाम वैकल्पिक होते हैं। उत्तरी हिंद महासागर के राष्ट्रों ने साल 2000 में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के लिए एक नई प्रणाली का उपयोग करना शुरू किया।

भारत में पिछले 50 वर्षों में सबसे विनाशकारी चक्रवातों की सूची

दुनिया का सबसे घातक चक्रवाती तूफान "भोला"

चक्रवात भोला, यह दुनिया के सबसे घातक उष्णकटिबंधीय चक्रवात है, जिसने वर्तमान के बांग्लादेश में 5,00, 000 लोगों की जान ले ली। इस तूफान से न केवल लोगों की जाने ली बल्कि इससे गांव के गांव और शहर के शहर बर्बाद हुए। इसकी वजह से देश की आर्थिक स्थिति को भी काफी नुकसान पहुंचा। चक्रवाती तूफान भोला, दक्षिण मध्य बंगाल की खाड़ी में एक अवसाद से उत्पन्न हुआ था। यह 12-13 नवंबर 1970 को उस समय के पूर्वी पाकिस्तान वर्तमान के बांग्लादेश से टकराया था। इसने अनुमानित 3,00,000 से 5,00,000 लोगों की जान ले ली थी। डब्ल्यूएमओ (Weather Meteorological Organization) के वर्ल्ड वेदर एंड क्लाइमेट एक्सट्रीम आर्काइव ने चक्रवात भोला को दुनिया का सबसे घातक उष्णकटिबंधीय चक्रवात घोषित किया।

भारत एक देश है जो समुद्री तटों के आसपास स्थित है, जिसके कारण हर साल यहां विनाशकारी और भयावह चक्रवात (Cyclone) दस्तक देते हैं। चक्रवात से अत्यंत तेज तथा घातक मौसमी हवाओं का प्रवाह होता है जो जलवायु प्रणाली का हिस्सा है। इनमें जल, वायु और मेघ का सम्मिलित प्रभाव होता है और उच्च वेग संचार करने के कारण प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन सकता है।

बीते पांच दशकों या 50 वर्षों में भारत में प्रत्येक वर्ष तेज हवाओं के साथ कई प्रलयकारी तूफान आए हैं। इनमें कुछ अत्यंत विनाशकारी थे, जिनसे देश को ना केवल जानमाल का नुकसान हुआ बल्कि इनसे इन्फ्रास्ट्रक्चर, कृषि, आर्थिक और मानवीय जीवन पर विकास की दृष्टिकोण से गहरा प्रभाव पड़ा। यहां भारत में पिछले पांच दशकों में आए कुछ ऐसे प्रमुख चक्रवातों का उल्लेख किया जा रहा है, जिसने अपने साथ तबाही और विनाश लाया:

चक्रवाती तूफान यास (2021): चक्रवाती तूफान यास को बेहद गंभीर श्रेणी में रखा गया था। इस चक्रवात ने ओडिशा राज्य पर दस दिनों के भीतर भीषण तबाही मचाई। यह साल 2021 में देश में दस्तक देने वाला दूसरा चक्रवात था। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के कुछ हिस्से थें। चक्रवात यास से कम से कम 10 मिलियन लोग प्रभावित हुए और 3,00,000 लोगों के घर क्षतिग्रस्त हो गए। उनमें से ज्यादातर तूफानी लहरों, उच्च खगोलीय ज्वार और टूटे तटबंधों के कारण हुए थे। चक्रवात यास ने नेपाल और बांग्लादेश को भी प्रभावित किया था।

सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म अम्फान (2020): सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म अम्फान ने केवल 6 घंटे में श्रेणी 1-समतुल्य चक्रवात से श्रेणी 4 और अंत में श्रेणी 5 समतुल्य चक्रवात और सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म के रूप में विस्फोटक रूप धारण कर लिया था। अम्फान ने बाद में कमजोर होने के बाद 20 मई को बक्खाली, पश्चिम बंगाल के पास लैंडफॉल बनाया। इस तूफान ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में भीषण तबाही मचाई। यह तूफान आर्थिक और मानविक विनाशकारी क्षति के निशान अपने को पीछे छोड़ गया। इसे अब तक का सबसे महंगा तूफान घोषित किया गया। इसने करीब 128 लोगों की जान ले लिया था।

चक्रवात फणी (2019): वर्ष 2019 में आया चक्रवाती तूफान फणी ने ओडिशा को गंभीर रूप से प्रभावित किया। इससे आम जनता और राज्य की सरकार को व्यापक नुकसान तो हुआ ही साथ ही इस तूफान ने लाखों लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। यह हाल ही में हुए सबसे मजबूत चक्रवातों में से एक था, जिसने राज्य के विभिन्न क्षेत्रो के इंफ्रास्ट्रक्चर को गंभीर रूप से नष्ट कर दिया।

चक्रवाती तूफान बुलबुल (2019): गंभीर चक्रवाती तूफान बुलबुल 6 नवंबर को तटीय क्षेत्रों से टकराया और एक प्रलयकारी उष्णकटिबंधीय तूफान बना, जो बंगाल की खाड़ी में शुरू हुआ। बुलबुल ने उस समय भयावह और विनाशकारी रूप धारण कर लिया और 8 नवंबर तक यह एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान बन गया। इससे पश्चिम बंगाल में लैंडफॉल हुआ और राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं उत्पन्न हुई। इससे राज्य को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा।

चक्रवात हुडहुड (2014): हुडहुड ने वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश और ओडिशा की तटीय क्षेत्रों पर दस्तक दिया। इससे दोनों राज्यों के इंफ्रास्ट्रक्चर, घरों, बिजली लाइनों और फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा। इस चक्रवाती तूफान हुडहुड ने कई जीवों की जान ले ली और प्रभावित क्षेत्रों पर लंबी अवधि तक प्रभाव डाला।

चक्रवात फैलिन (2013): फैलिन, हाल ही के समय में सबसे ताकतवर चक्रवातों में से एक था, जिसने व्यापक रूप से ओडिशा और आंध्र प्रदेश को प्रभावित किया था। यह चक्रवात भयानक तबाही लेकर आया, जिसमें फसलों, इंफ्रास्ट्रक्चर और जानमाल का नुकसान हुआ। प्रभावी आपदा प्रबंधन के प्रयासों से कुछ हद तक इस चक्रवाती तूफान के विध्वंसकारी प्रभाव कम करने में सफलता हासिल हुई।

चक्रवात आइला (2009): चक्रवात आइला ने पश्चिम बंगाल और बांगलादेश को प्रभावित किया, जिससे भारी वर्षा हुई और फसलों को काफी नुकसान हुआ। इसके भयानक रूप लेने का अंदाजा लगाया गया था, जिसके कारण इस चक्रवात के तट से टकराने से पहले लाखों लोगों को तटीय इलाकों से दूर शिफ्ट कराया गया था। इस चक्रवात से इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि भूमि को बड़ा नुकसान पहुंचा।

सुपर चक्रवात गोनू (2007): अधिकारियों के मुताबिक, चक्रवात गोनू का प्रभाव मुख्य रूप से अरब सागर पर पड़ा, लेकिन इसका भारत के गुजरात और महाराष्ट्र की तटीय क्षेत्रों पर भी बड़ा प्रभाव हुआ। इस भयानक चक्रवात ने राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा नुकसान पहुंचाया और साथ ही कई तटीय समुदायों की आजीविकाओं के स्रोतों को भी प्रभावित किया।

गंभीर चक्रवाती तूफान ओडिशा (1990): अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान बीओबी 05 और सुपर चक्रवाती तूफान बीओबी 06 ने अक्टूबर के महीने में ओडिशा में एक के बाद एक ने दस्तक की, जिसमें अनुमानित 15,000 से अधिक लोग मारे गए। यह समस्त उत्तर हिंद महासागर बेसिन में बनने वाला सबसे शक्तिशाली चक्रवात बना।

भारत में पिछले 50 वर्षों में सबसे विनाशकारी चक्रवातों की सूची

गंभीर चक्रवाती तूफान (1994): हालांकि इस वर्ष में चार कुल 4 विनाशकारी चक्रवातों ने दस्तक दिया। गंभीर चक्रवाती तूफान बीओबी 03, 29 अक्टूबर को भारतीय चटों से टकराया था। अगले दिन, आईएमडी ने तूफान को एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में अपग्रेड कर दिया और इससे होने वाले प्रल को लेकर पूर्वानुमान जारी किया। 31 अक्टूबर की शुरुआत में, दक्षिण-पश्चिमी भारत में चेन्नई के पास लैंडफॉल बनाया। इस भीषण तबाही मचाने वाले तूफान ने 304 लोगों की जान ले ली और राज्य को 115 मिलियन डॉलर (तत्कालीन 1994 यूएस डॉलर) का नुकसान हुआ।

चक्रवाती तूफान बीओबी 05 (1989): चक्रवाती तूफान बीओबी 05 ने अक्टूबर के महीने में विशाखापत्तनम के तटीय क्षेत्रों में जोरदार दस्तक दी। इसने आंध्र प्रदेश समेत वर्तमान के तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बनाए। यह लगभग 600 लोगों की जान लेकर एक घातक तूफान बन गया।

ओडिशा चक्रवात (1971): इस वर्ष ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों में तटीय इलाकों में एक के बाद एक तीन चक्रवात आए, जिससे आजीविका और कृषि फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया। 1971 ओडिशा चक्रवात अक्टूबर के महीने में पारादीप शहर से टकराया और 11,000 लोगों की जान लेकर घातक तूफान बन गया। 185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण पूरे ओडिशा राज्य को आर्थिक रूप से भारी नुकसान हुआ।

गंभीर चक्रवाती तूफान (1966): वर्ष 1966 में मौसम का मिजाज औसत से ऊपर था, जिसमें आठ चक्रवात आए और छह गंभीर चक्रवाती तूफान अत्यधिक गंभीर श्रेणी के चक्रवात के रूप में दर्ज किए गए। 3 नवंबर 1966 को मद्रास, वर्तमान में चेन्नई, भारत में एक चक्रवात आया, जिसने भीषण तबाही मचाई। इस भयावह तूफान में 50 से अधिक लोग मारे गए और 800,000 लोग बेघर हो गए।

एक के बाद एक साइक्लोन (1965): इस वर्ष मई, जून और नवंबर के महीनों में सामूहिक रूप से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश को प्रभावित करने वाले तीन घातक चक्रवात शामिल हैं, जिनमें 50,000 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली।

सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म सिक्सटीन (1964): सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म सिक्सटीन तमिलनाडु और सीलोन से टकराने वाला उस साल का सबसे शक्तिशाली चक्रवात था। इसने एक पैसेंजर ट्रेन को भी पलट दिया, जिसमें सवार 200 लोगों की मौत हो गई। इसने धनुषकोडी शहर को 25 फीट (7.6 मीटर) तक उठती तूफानी तबाही के कारण नष्ट कर दिया और उसके बाद, मद्रास सरकार ने कहा कि यह 'मानव सभ्यता के लिए अनुपयुक्त' था और इस तुफान से मची विनाशकारी तबाही के कारण शहर को भूतिया शहर घोषित किया था। आज भी इस चक्रवात के रूप को याद करते हुए लोगों की रूह कांप जाती है।

मिदनापुर चक्रवात (1864): सन् 1864 का चक्रवात ब्रिटिश मिदनापुर में अपने तरह के सबसे भयानक आपदाओं में से एक था। जिले में इतनी भीषण आपदा इससे पहले कभी नहीं आई थी। विद्यासागर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर श्यामाप्रसाद दे द्वारा तैयार की गई एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार, यह चक्रवात तबाही मचाने के मामले में सबसे भयानक था।

शायद इससे पहले रिकॉर्ड किए गए कई चक्रवातों में से कोई भी तूफान 1864 के चक्रवाती तूफान की तुलना में अधिक भयावह नहीं था। इस तूफान ने काउखाली, तामलूक, कोलाघाट, मिदनापुर, गढ़बेता समत कई प्रमुख क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई। एक रिपोर्ट के तहत, सुविधाओं के अभाव में उस समय रिकॉर्ड की गई जानकारी के अनुसार सन् 1864 के मिदनापुर चक्रवात ने करीब 480 लोगों की जान ले ली।

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English summary
List of Most Devastating Cyclones in the Last 50 Years in India: Cyclone or Cyclone Every year, cyclonic storms or cyclones occur in many coastal countries around the world, including India. Catastrophic and destructive cyclonic storms occur in India every year in the Bay of Bengal and the Arabian Sea. Experts say that although pre-monsoon cyclones are common in India, some cyclonic storms bring heavy destruction and distress. Let us tell you that Cyclone Biparjoy in the Arabian Sea has hit the coasts of Gujarat. Here are some of the major cyclones that have brought devastation and destruction to India in the last five decades.
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