Rajasthan Election 2023: राजस्थान में शनिवार, 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान होने की पूरी तैयारी है। यह चुनाव राजस्थान में सोलहवीं विधानसभा की सभी 199 सीटों पर किए जाने वाले हैं। जिसके परिणाम चुनाव के एक सप्ताह के बाद 3 दिसंबर 2023 को मतगणना कर घोषित किए जाएंगे।
बता दें कि राजस्थान की कुल 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि करणपुर से कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर की सेप्सिस के कारण मृत्यु हो जाने के बाद करणपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव स्थगित कर दिया गया था। कूनर करणपुर से मौजूदा विधायक थे।
ये तो रही चुनाव की बात, अब करते हैं राजस्थान राज्य में शिक्षा की बात। राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा और जनसंख्या के हिसाब से सातवां सबसे बड़ा राज्य है। राजस्थान में कुल 33 जिले हैं। जिसमें की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा चिन्हित शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों की कुल संख्या 30 है।
राजस्थान में शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों की सूची यहां दी गई है-
अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, नागौर, पाली, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर।
राजस्थान में कुल 33 जिलों में से 30 जिलों की संख्या यूजीसी द्वारा शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों के रूप में चिन्हित की गई है। जिसका मतलब यह है कि भारतीय राज्य राजस्थान शिक्षा के मामले में एक पिछड़ा हुआ राज्य है। जिसके लिए सरकार को राज्य की शिक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। और अपनी राज्य सरकार को चुनना का मौका खुद राजस्थान के लगभग 5.25 करोड़ मतदाता के पास है।
अब देखना यह दिलचस्प होगा की अपने लोग अपने मतदान से किस पार्टी को विजेता बनाते हैं और कौन राज्य के मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करेगा। और फिर वो मुख्यमंत्री राज्य की शिक्षा का गुणवत्तास्तर बढ़ाने के लिए क्या-क्या कदम उठाता है।
यदि आप राजस्थान के शिक्षा के मामले में राजस्थान के पिछले जिलों को सुधारना चाहते हैं तो अपनी वोट सोच-समझकर अवश्य डालियेगा।