Difference Between Coronavirus and Influenza H3N2: भारत एक बार फिर से कोविड-19 महामारी की चपेट में आ रहा है। इस बात का अंदाजा देश के विभिन्न राज्यों से कोरोनावायरस के मामलों में हो रही बढ़ोत्तरी से लगाया जा सकता है। कोविड-19 के मामलों में स्पाइक के साथ ही अब लोगों में डर दोगुना हो गया है क्योंकि एक नए इन्फ्लूएंजा H3N2 ने भी लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। एक जैसे लक्षणों वाले इस इन्फ्लूएंजा ने अब तक दो लोगों की जान ले ली है।
हाल के कुछ दिनों में भारतीयों को एक जैसे लक्षण वाले दो अलग-अलग वायरस का खतरा सता रहा है। इन्फ्लुएंजा एच3एन2 और कोविड-19 वैरिएंट एक्सबीबी 1.16 के मामले प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में लोग कई बार लक्षणों को आम समझकर खुद अपनी चिकित्सा करने लगते हैं। हालांकि दोनों वायरस के लक्षण भले ही एक समान हो सकते हैं लेकिन दोनों के उपचार के तरीके अलग हैं। इसीलिए समय पर चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है। विशेषज्ञों का कहना है कि उपचार प्रक्रिया के लिए गलत दवाएं ले लेना जानलेवा साबित हो सकती है। इस लेख में हम आपको श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाली इन दोनों वायरस यानी कोरोनावायरस के नए वैरिएंट और इन्फ्लूएंजा H3N2 के अंतर और उनके लक्षणों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
संक्रमण के तेजी से फैलने की चेतावनी
नया कोविड वैरिएंट एक्सबीबी 1.16 ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल रहा है, क्योंकि नए वैरिएंट को देखे जाने के बाद से केवल 14 दिनों में ही भारत में कोविड महामारी के संक्रमण के मामलों में 281 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार नया कोविड वैरिएंट अब तक 12 से भी ज्यादा देशों में फैल चुका है, जिनमें भारत, अमेरिका, ब्रुनई और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं। रिपोर्ट्स की माने तो तत्कालीन आंकड़ों के अनुसार देश में, कोविड-19 के नए वैरिएंट के लगभग 76 मामले सामने आए हैं। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) डेटा के अनुसार, नया वैरिएंट कर्नाटक (30), महाराष्ट्र (29), पुडुचेरी (7) दिल्ली (5), तेलंगाना (2), गुजरात (1), हिमाचल प्रदेश (1) और ओडिशा (1) मामले पाये गये हैं।
देश के कई राज्यों में बढ़ रहें मामलें
बीते दिनों महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक को भेजे गए एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने उनसे कोरोनावायरस के नए वैरिएंट को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किया है। इस पत्र में उनसे नए वैरिएंट के परीक्षण, उपचार, ट्रैकिंग और टीकाकरण पर अधिक जोर देने का आग्रह किया। पत्र में कहा गया है कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में अब तक संक्रमण को रोकने के उपाय कारगर साबित हुए हैं। ऐसे में सभी राज्यों को इस जोखिम का सामना करने के लिए उचित दृष्टिकोण के पालन करने की आवश्यकता है। कुछ राज्य हैं जो संक्रमण के संभावित स्थानीय प्रसार का संकेत दे रहे हैं, और यहां संक्रमण के मामलों की अधिक संख्या की रिपोर्ट की गई है।
इन्फ्लूएंजा H3N2 क्या है?
आप सबके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि तेजी से फैल रहा एच3एन2 आखिर है क्या। आइए जानते हैं- यह Influenza-A वायरस का सबटाइप है, जो संक्रमण का कारण बनता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य इन्फ्लूएंजा संक्रमण की तुलना में इस H2N3 से संक्रमित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना ज्यादा होती है। इन्फ्लूएंजा H3N2 के मामलों में सांस संबंधी समस्याएं अधिक बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि H3N2 के इलाज के समय कुछ रोगियों को आईसीयू में देखभाल या ऑक्सीजन की आवश्यकता हो सकती है। भारत में अब तक इन्फ्लूएंजा वायरस से दो मौत की घटना सामने आ चुकी है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों की चिकित्सा करवा रहे मरीजों की स्थिति इस वायरस के प्रभाव को और खतरनाक बना सकती हैं। गंभीर मामलों में संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों को इससे मृत्यु का खतरा भी हो सकता है।
इन्फ्लूएंजा H3N2 के लक्षण क्या है?
इन्फ्लूएंजा H3N2 के लक्षण बेहद आम होते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, H3N2 के जो मामले अब तक सामने आए हैं उनमें गंभीर श्वास संबंधी संक्रमण (SARI) पाया गया है। अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों की कुल संख्या में से 92 प्रतिशत ने बुखार, 86 प्रतिशत ने खांसी, और 27 प्रतिशत ने सांस फूलने संबंधी लक्षणों का अनुभव किया है।
इन्फ्लूएंजा H3N2 के लक्षण-
- बुखार
- लगातार खांसी
- सांस का फूलना
- थकान एवं सुस्ती
- शरीर में दर्द
- गले में खराश
कोविड एक्सबीबी 1.16 क्या है?
विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार, कोविड एक्सबीबी 1.16 और एक्सबीबी 1.15 के लक्षणों में बहुत कम या कोई अंतर नहीं है। हालांकि उनका कहना है कि कोमोरबिडिटी वाले लोगों को इस संक्रमण से विशेष बचाव की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसे लोगों में H3N2 और कोरोनावायरस का नया वैरिएंट एक्सबीबी 1.16, दोनों प्रकार के संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है।
कोविड एक्सबीबी 1.16 के सामान्य लक्षण क्या है?
कोविड एक्सबीबी 1.16 के सामान्य लक्षणों में बुखार, सर्दी, सिरदर्द, शरीर में दर्द शामिल हैं। यह आपके पाचन तंत्र और श्वसन प्रणाली को भी प्रभावित कर सकता है।
कोविड एक्सबीबी 1.16 के लक्षण-
- बुखार
- गले में खराश
- ठंडा
- सिरदर्द
- शरीर में दर्द
- थकान
कोविड और इन्फ्लूएंजा वायरस में अंतर क्या है?
कोविड और फ्लू दोनों ही अलग-अलग प्रकार के वायरस से होने वाला संक्रमण है। क्योंकि दोनों ही संक्रमण व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, इसलिए दोनों ही संक्रमण के लक्षण लगभग एक समान हो सकते हैं। कोविड और इन्फ्लूएंजा में अंतर का पता करने का सबसे अच्छा तरीका उनका परीक्षण करवाना है। दोनों ही संक्रमण के मामले में यह ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है कि संक्रमित व्यक्ति को सही समय पर और उचित उपचार मिल सके।
COVID-19 और इन्फ्लूएंजा वायरस कैसे समान हैं?
कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा दोनों ही वायरस के प्रकार हैं और यह संक्रमित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं। दोनों वायरस में खांसी, बहती नाक, गले में खराश, बुखार, सिरदर्द और थकान आदि समान लक्षण हो सकते हैं। कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा दोनों ही व्यक्ति को अलग-अलग स्तर पर प्रभावित कर सकते हैं। कुछ में कोई लक्षण नहीं होता तो वहीं कुछ लोगों में हल्के लक्षण या अन्य में गंभीर बीमारी हो सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं, इन्फ्लूएंजा और COVID-19 दोनों ही जानलेवा हो सकते हैं।
कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा कैसे फैलते हैं?
कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा लगभग समान तरीकों से फैलते हैं। कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा दोनों हवा में फैले कणों से फैलते हैं। जब एक संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है, बोलता है या सांस लेता है, तो उनके मुँह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से संक्रमण फैल सकता है। ये बूंदें और एयरोसोल आस-पास के लोगों की आंखों, नाक या मुंह में गिर सकते हैं। आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के एक मीटर के दायरे में रहने वाले व्यक्ति को संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रहने, बिना हाथों को साफ किए अपनी आंखों को छूने, नाक या मुंह को छूने से भी कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा दोनों से संक्रमित हो सकते हैं।
कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा संक्रमण से बचने के उपाय क्या है?
एक बार फिर महामारी तेजी से फैलने लगी है। इससे लड़ने के लिए स्वच्छता का अभ्यास शुरू कर देना चाहिए। इन अभ्यासों में मुख्य रूप से नियमित रूप से हाथ धोना और खाँसते या छींकते समय अपना मुँह ढकना, संक्रमण और वायरस के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण है।
नोट: आपको सलाह दी जाती है कि ऊपर बताए गए लक्षणों को अनदेखा ना करें, और चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें।
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