International Museum Day 2023: अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई को क्यों मनाया जाता है, जानिए विस्तार में

International Museum Day 2023: 1977 से ही आईसीओएम (इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम-अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद) हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का आयोजन करता है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय समुदाय के अद्भुत क्षण का प्रतिनिधित्व करता है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है और ये बताना है कि किस तरह "संग्रहालय संस्कृति के आदान-प्रदान, संस्कृति के सवर्धन और आपसी समझ, निगम के विकास और लोगों के बीच शांति का एक महत्वपूर्ण साधन है।"

इसका आयोजन हर साल 18 मई किया जाता है। इस दिवस को मनाने के लिए नियोजित कार्यक्रम और गतिविधियां एक दिन, एक सप्ताहांत या फिर पूरे हफ्ते भी चलाई जा सकती हैं।

International Museum Day 2023: जानिए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई को क्यों मनाया जाता है

संग्रहालय हमारे आस-पास की पूरी दुनिया को बदलने की ताकत रखते हैं। एक शानदार स्थान किसी भी नई तरंग की जानकारी की खोज करने के लिए, एक ऐसा स्थान जो हमें हर पल हर समय कुछ न कुछ सिखाता रहता है। अपने भविष्य, भूत और वर्तमान से अवगत करता है। हमारे दिमाग को नए विचारों के लिए खोलता है।

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023

इस साल भारत में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर राष्ट्र राजधानी दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 की शुरुआत की जाएगी। इस एक्सपों की उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10:30 बजे किया जाएगा। एक्सपो दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का इतिहास

इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1977 में की गई थी। इस दिवस की स्थापना मॉस्को, रूस में आईसीओएम महासभा के दौरान की गई और फैसला लिया गया कि प्रतिवर्ष 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाएगा। इस दिवस के माध्यम से संग्रहालय के महत्व को समझाते हुए लोगों में जागरूकता फैलाना है।

इस दिवस के माध्यम से लोगों तक ये संदेश पहुंचाना है कि समझ, सहयोग और लोगों के बीच शांति के लिए संग्रहालय की आवश्यकता है।

बता दें कि शुरुआती समय में ये दिवस बिना थीम के साथ मनाया जाता था, लेकिन वर्ष 1922 के बाद आईसीओएम द्वारा इसे एक थीम के साथ मनाए जाने का फैसला लिया गया और उस साल इस दिवस को एक खास विषय/थीम के 'संग्रहालय और पर्यावरण' के साथ मनाया गया।

आईसीओएम (ICOM) और उसके उद्देश्य

आईसीओएम एक सदस्यता संघ और गैर सरकारी संगठन (NGO) है, जो संग्रहालय की गतिविधियों के लिए पेशेवर और नैतिक मानकों को स्थापित करता है। विशेषज्ञों के रूप में वह सांस्कृतिक विरासत से संबंध रखने वाले मुद्दों की सिफारिस करता है, क्षमता निर्माण को भी बढ़ावा देता है। आईसीओएम अमतराष्ट्रीय मंच पर संग्रहालय के पेशेवरों की आवाज है,जो वैश्विक नेटवर्क और कार्यक्रमों के माध्यम से सार्वजनिक सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ाता है। संग्रहालय के क्षेत्र में आईसीओएम ही एकमात्र वैश्विक संगठन है।

2016 में मिलानो में 24वें सम्मेलन के दौरान, आईसीओएम ने आने वाले छह वर्षों के लिए संगठन का नेतृत्व करने के लिए 3 के मुख्य स्तंभों स्वतंत्रता, अखंडता और व्यावसायिकता पर आधारित एक रणनीतिक योजना को अपनाया।

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2023 की थीम और मक्सद

हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद, अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाने के लिए एक विषय चुनता है जो समाज को ध्यान में रखते हुए चुना जाता है। इस साल अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2023 की थीम है 'संग्रहालय, स्थिरता और भलाई'। वर्ष 2022 में इस दिवस को "द पावर ऑफ म्यूजिम- संग्रहालयों की शक्ति" थीम के साथ मनाया गया था।

1) स्थिरता प्राप्त करने की शक्ति

संयुक्त राष्ट्र की संग्रहालय के सतत विकास के लक्ष्यों में महत्वपूर्ण भागीदारी हैं। अपने स्थानीय समुदायों में वह मुख्य भूमिका के रूप में विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों में योगदान करते हैं। जिसमें शॉर्ट-सर्किट, सामाजिक अर्थव्यवस्था, पर्यावरणीय चुनौतियों पर जानकारीयों का प्रसार शामिल है।

2) डिजिटलीकरण और पहुंच पर नवाचार की शक्ति

आज संग्रहालय खेल के मैदान बन गए जहां नई तकनीकों को विकसित किया जा सकता है और आपकी रोजर्मरा की जिंदगी में लागू भी किया जा सकता है। डिजिटल इनोवेशन, संग्रहालयों को अधिक पहुंच योग्य और आकर्षक बना सकता है। जिससे दर्शकों को जटिल से जटिल और बारीक से बारीक जानकारी और अवधारणाओं को समझने में सहायता मिल सकती है।

3) शिक्षा के माध्यम से सामुदायिक निर्माण की शक्ति

संग्रहालय लोकतांत्रिक मुल्यों को कायम रखते हुए सभी को जीवन भर सीखते रहने के अवसर प्रदान करवाती है। वह सूचित नागरिक समाज को एक आकार प्रदान करती है।

भारते के उल्लेखनीय संग्रहालय

· राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली (संस्कृति मंत्रालय के अधीन अधीनस्थ कार्यालय)
· राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (NMNH), नई दिल्ली
· नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट, बेंगलुरु
· विक्टोरिया मेमोरियल हॉल (वीएमएच), कोलकाता
· एशियाटिक सोसाइटी, कोलकाता

संग्रहालय की विरासतों को विकास और संरक्षण

एतिहासिक स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों की पहचान राजस्थान सहित पूरे देश में पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की जाती है। जब किसी स्थल या स्मारक पर निशान लगाया जाता है तो उसे राष्ट्रीय विरासत घोषित कर दिया जाता है। इसे प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के सभी प्रावधानों के तहत संरक्षित और सुरक्षित कर दिया जाता है।

राष्ट्रीय महत्व के रूप में घोषित करने के लिए संग्रहालय

· आंध्र प्रदेश- चिंताकुंटा वाई.एस.आर. कडपा में रॉक पेंटिंग
· गुजरात- प्राचीन स्थल, खिरसारा कच्छा
· हरियाणा- प्राचीन टीले 6 और 7, राखीगढ़ी हिसार में
· हिमाचल प्रदेश- कांगड़ा में कालेश्वर महादेव मंदिर
· झारखंड- दोइसा नगर, नवरतनगढ़, सिसई गुमला में टेराकोटा ईंट मंदिर
· लद्दाख (यूटी) - रदानग लेह में, रॉक आर्ट साइट मुर्गी
· लद्दाख - प्राचीन गुफाएं सास्पोल/गोन-नीला-फुक ध्यान गुफाएं सास्पोल लेह
· लद्दाख- प्राचीन बौद्ध संस्थान अवशेष, न्यारमा लेह
· लद्दाख-तिरिशा स्तूप के साथ-साथ पवित्र झील लेह के आसपास के अवशेष और प्रागैतिहासिक स्थल
· लद्दाख- प्राचीन खार (महल) स्कर्बुचन लेह में
· मिजोरम - प्राचीन मेनहिर, लुंगफूनलियन चम्फाई में
· मिजोरम - प्राचीन मेन्हिर और बस्ती, दुंगतलांग चम्फाई
· मिजोरम- शिला उत्कीर्णन, प्राचीन मेनहिर और फरकावां चम्फाई में
· पंजाब - पुरातत्व स्थल और अवशेष, मसोल मोहाली
· उत्तर प्रदेश- पुरातत्व स्थल, तालाब टैंक और बावली, गणेश बाग चित्रकूट में
· उत्तर प्रदेश - नक्कड़ खाना, लखनऊ में
· उत्तर प्रदेश - पुरातत्व स्थल, सिसवानिया बस्ती में
· उत्तराखंड - प्राचीन नौला, स्यूनरकत अल्मोड़ा
· उत्तराखंड - अल्मोड़ा के केंद्रीय संरक्षित स्मारक कुबेर मंदिर के समीप स्थित चार मंदिर

संग्रहालयों पर वैश्विक सम्मिट

केंद्रिय संसकृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने 16 फरवरी 2022 को आयोजित किए पहले ग्लोबल सम्मिट का उद्घाटन किया। जिसे उन्होंने "भारत में संग्रहालयों की पुनर्कल्पना करना" कहा।

अपने भाषण में मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रिय संसकृति मंत्री ने देश की चोरी हुई विरासतों को विदेश से वापस लाए जाने के लिए हो रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। किशन रेड्डी ने कहा कि "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के दौरान चोरी या छीनी गई 95% विरासतों को वापस लाया जा चुका है।

भारत का सांसकृति मंत्रालय एक मॉडल पर काम कर रहा है जिसमें कलाकार, संग्रहालय पेशेवर और शिक्षक शामिल है जिसे वह संग्रहालय के केंद्र में रखता है. हमारे संग्रहालयों को 21वीं सदी के डिजिटल युग में प्रसांगिक होने के लिए खुद को एक नए तरिके से तैयार कर की जरूरत है। साथ ही हमें यह भी सिनुश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे ये संग्रहालय और भी सुलभ हो कि नाकरिक उन्हें पार्क और खेल के मैदान की तरह अपना सकें। 1976 के बाद से लौटाए गए 212 प्राचीन वस्तुओं में से 199 2014 के बाद वापस की गई थी। इनमें से 157 प्राचीन वस्तुएं हाल ही में यूएसए ने लौटाई है।"

आगे किसन रेड्डी ने अपने संबोधन में कहा "यह एक बार फिर विकास और विरासत के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है"। इसके साथ ही मंत्री किशन रेड्डी ने तेलंगाना राज्य में हैदरावाद में साइंस सिटी के प्रसताव. सालार संग्रहालय और जनजाती संग्रहालय के साथ और 10 संग्रहालय के लिए समर्थन दिया। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आंध्र प्रदेश में 6 संग्रहालयों का समर्थन किया जा रहा है, जिसमें लम्बासिंगी में एक जनजातीय संग्रहालय भी शामिल है।

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