G20 Summit 2023: बीते कुछ वर्षों से भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था बन कर ऊभरा है और इसके साथ ही विकसित देशों की सूची में शामिल होने की राह पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना लिए भारत ने विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अपनी जगह बना ली है।
इस वर्ष भारत, जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व के 20 प्रमुख राष्ट्रों के प्रतिनिधि भारत में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं। बता दें कि जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में आगामी 9 और 10 सितंबर को किया जा रहा है। बीते कई वर्षों से जी-20 शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दुनिया भर के लीडर को एक मंच प्रदान करता आ रहा है।
क्या है जी20 शिखर सम्मेलन?
जी20 शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुखों को वैश्विक आर्थिक सहयोग और नीति समन्वय पर मिलने और चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। यूरोपीय संघ और 19 अन्य राष्ट्र मिलकर जी20 बनाते हैं। इसे कभी-कभी 20 राष्ट्रों के 20 प्रतिनिधियो के समूह के रूप में भी जाना जाता है। विश्व की जनसंख्या और सकल घरेलू उत्पाद के एक बड़े हिस्से के साथ, ये सदस्य राष्ट्र वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं।
जी20 शिखर सम्मेलन में कौन से देश शामिल हैं?
जी20 समूह में यूरोपियन संघ के साथ 19 देश शामिल हैं। इन देशों में मुख्य रूप से अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
जी20 की स्थापना कब हुई थी?
जी20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। जी20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष राष्ट्रपति पद के नेतृत्व में रोटेशन के लिए आयोजित किया जाता है। जी20 प्रेसीडेंसी अन्य सदस्यों के परामर्श से और वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास के जवाब में जी20 एजेंडा को एक साथ लाने के लिए जिम्मेदार है।
जी20 शिखर सम्मेलन 2023 में कौन से अतिथि देश शामिल हो रहे हैं?
भारत की अध्यक्षता में आयोजित होने जा रहे जी20 शिखर सम्मेलन 2023 में कुल 9 अतिथि देश शामिल होने जा रहे हैं। इन देशों में मुख्य रूप से बांग्लादेश, इजिप्ट, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात आदि शामिल है।
भारत की अध्यक्षता में आयोजित G20 Summit 2023 में क्या होगा खास?
दिल्ली में 9 और 10 सितंबर 2023 को आयोजित होने वाले जी-20 सम्मेलन से जुड़ी अंतिम चरण की तैयारियां चल रही है। दो दिवसीय इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए यूरोपियन संघ समेत 19 राष्ट्रों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने जा रहे हैं।
जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन समेत अन्य कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। हालांकि चीन के राष्टपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मेलन में हिस्सा न लेने की बात इन दिनों चर्चाओं का मुख्य कारण बना हुआ है।
जी20 शिखर सम्मेलन 2023 के मुद्दे क्या हैं?
जी20 शिखर सम्मेलन से कुछ ही दिन पहले, सभी की निगाहें और रुचियां इस वैश्विक राजनयिक सम्मेलन पर होने वाली चर्चाओं पर टिकी हुई हैं। दिल्ली में 9 और 10 सितंबर 2023 को आयोजित हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन में कई मुद्दों पर चर्चा होनी है। इन मुद्दों को बिंदुवार तरीके से नीचे दिया जा रहा है-
- इस जी-20 बैठक में बहुपक्षीय संस्थानों से विकासशील देशों को अधिक ऋण माफी जैसे मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
- जी20 शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय ऋण व्यवस्था में सुधार के मुद्दे को भी चर्चा का हिस्सा बनाया जा सकता है
- इसके साथ ही जी20 शिखर सम्मेलन में क्रिप्टोकरेंसी पर नियम को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है।
- खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर भूराजनीतिक अनिश्चितताओं के प्रभाव पर भी विमर्श हो सकता है।
- वैश्विक आर्थिक स्थिरता, सतत विकास प्राप्त करने के लिए इसके सदस्यों के बीच नीति समन्वय के मुद्दे पर चर्चा
- ऐसे वित्तीय नियमों को बढ़ावा देना, जो जोखिमों को कम करें और भविष्य के वित्तीय संकटों को रोकें, मुद्दे पर चर्चा
- एक नई अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय वास्तुकला का निर्माण करना, विषय पर चर्चा।
- बाली में पिछले शिखर सम्मेलन के एक साल बाद, अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में कई बदलाव देखे गए हैं। जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध चर्चा का विषय बना हुआ है।
- इस सम्मेलन में अफ्रीकी यूनियन को ग्रूप में शामिल करने के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।
- जी20 शिखर सम्मेलन 2023 में विश्व भर में आर्थिक मंदी के आसार पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
कैसे काम करता है जी20 समूह ?
विश्व के अन्य कई संगठनों और समूह की भांति जी-20 भी सदस्यों के साथ काम करती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि प्रति वर्ष जी-20 समूह में शामिल राष्ट्रों में से किसी एक राष्ट्र को जी-20 समिट की अध्यक्षता करने के लिए चयनित किया जाता है। इस दौरान जिस भी देश को जी20 की अध्यक्षता मिलती है, वह उस पूरे वर्ष देश में जी20 की बैठकें आयोजित करवाता है। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान वह देश विभिन्न बैठकों का एक सम्मिलित एजेंडा पेश करता है।
इसके अलावा, G20 एक साथ दो मार्गों पर कार्य करता है। पहला वित्त ट्रैक है, जहां सभी देशों के वित्त मंत्री केंद्रीय बैंक गवर्नरों के साथ सहयोग करते हैं। दूसरा शेरपा ट्रैक है, जहां प्रत्येक देश एक शेरपा को नेता नियुक्त करता है। सरल शब्दों में, शेरपा उन मार्गदर्शकों के समान हैं, जो पहाड़ों में मिशन को सुविधाजनक बनाते हैं।
इसी प्रकार, G20 शेरपा नेतृत्व अपने-अपने राष्ट्राध्यक्षों के कार्यों को सुव्यवस्थित करने की जिम्मेदारी लेते हैं। सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले ये शेरपा बैठकों की एक श्रृंखला के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाने का प्रयास करते हैं।
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