Digital Data Protection Bill 2022 केंद्र सरकार ने डाटा प्रोटेक्शन को लेकर उठ रही चिंताओं को दूर करने के लिए नया संशोधित डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। सरकार इस बिल को संसद के अगले सत्र में पेश कर, सभी लोगों को राय ले सकती है। इस बिल का उद्देश्य लोगों के पर्सनल डेटा की सुरक्षा करना, भारत से बहार डेटा भेजने पर नजर रखना और उल्लंघन करने पर दंड/जुर्माना देने का प्रावधान है। पिछले बिल को वापस लेकर सरकार ने नए डेटा संरक्षण विधेयक का मसौदा जारी किया। जिसके तहत याइड कोई संस्थान डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2022 का उल्लंघन करती है तो उसपर 500 करोड़ रुपये का जुर्माने का प्रावधान है। आइए जानते हैं नए संशोधित डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2022 से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2022
- सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले की सुनवाई करते हुए था कि प्राइवेसी हर भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है। तब से पुराना डाटा संरक्षण कानून 2017 से काम कर रहा है।
- अब केंद्र सरकार ने नया संशोधित डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2022 का ड्राफ्ट बनाया है।
- जिसपर 17 सितंबर 2022 से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने लोगों से प्रतिक्रिया मांगी।
- जनता अपनी प्रतिक्रिया MyGov की आधिकारिक वेबसाइट https://www.mygov.in/ पर प्रस्तुत कर सकते हैं।
- यदि कोई कंपनी किसी यूजर्स का पर्सनल डाटा गलत इस्तेमाल, चुराने या लीक करती है तो, उसपर 500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा।
- इससे पहले इस जुर्माने की राशि 15 करोड़ रुपए थी। यदि आय कम हो तो उसके वैश्विक कारोबार का 4 प्रतिशत, जुर्माने के तौर पर वसूलने का प्रावधान था।
- यह बिल पास होने के बाद सरकार के पास उन देशों को स्पेसिफाई करने की शक्ति होगी, जिन्हें कंपनियां पर्सनल डाटा ट्रांसफर करती है।
- सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसे प्रस्तावित कानून से स्टेट एजेंसियों को डाटा प्रोसेसिंग से मुक्त सकती है।
- यह बिल पास होने के बाद सरकार एक "डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड" स्थापित करेगी, जहां कंज्युमर्स अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- यह बिल संसद में पास होने के बाद, केंद्र सरकार अधिनियम के प्रयोजनों के लिए एक बोर्ड की स्थापना करेगी, जिसे 'डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया' नाम दिया जाएगा।
- डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2022 के ड्राफ्ट में लिखा है कि सभी कार्य जैसे - बोर्ड के निर्णय, शिकायत, सुनवाई और निर्णयों की घोषणा आदि डिजिटल होंगे।
- डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन कानून के प्रावधानों के अनुपालन का मूल्यांकन करने के लिए एक स्वतंत्र डेटा ऑडिटर नियुक्त किया जाएगा, जो इसपर अपनी रिपोर्ट डिजिटल रूप में पेश करेगा।
- जहां तक बायोमेट्रिक डेटा की बता है, यदि कोई कंपनी अटेंडेंस के लिए कर्मचारी का बायोमेट्रिक का इस्तेमाल करती है तो इसके लिए उसे अपने कर्मचारी की अनुमति/सहमति लेनी होगी।
जल्द ही अन्य तथ्य अपडेट किए जाएंगे।