5जी नेटवर्क अब जल्द ही भारत में कदम रखने वाला है। दूरसंचार विभाग (DOT) ने खुलासा किया है की 2022 के अंत तक भारत के कुल 13 शहरों में 5जी टेलीकॉम सेवा मिलनी शुरु की जाएंगी। जिसमें शामिल है दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, लखनऊ, बैंगलोर, चंडीगढ़, जामनगर, पुणे और गांधीनगर।
5G तकनीक क्या है?
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, 5G पांचवीं पीढ़ी की सेलुलर नेटवर्क तकनीक है। यह नेटवर्क कनेक्शन को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह तकनीक NSA 5G स्पेक्ट्रम के साथ ही संभव है, क्योंकि इसमें एक साथ दो रेडियो फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है। जिसकी मदद से डाटा की स्पीड बढ़ जाएगी और 4G नेटवर्क की तुलना में 100 गुना तेज गति से नेटवर्क को एक्सेस कर सकेंगे।
हालांकि विश्व स्तर पर, 5G नेटवर्क परिनियोजन तेजी से परीक्षण से प्रारंभिक व्यावसायीकरण की ओर बढ़ रहा है। जबकि भारत में, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, रिलायंस जियो, आदि जैसे नेटवर्क ऑपरेटरों ने 2020 में सेवा के पूर्वानुमान वाणिज्यिक रोलआउट से पहले, इस साल के अंत तक नियोजित परीक्षणों के लिए एरिक्सन, हुआवेई और सैमसंग जैसे विक्रेताओं के साथ भागीदारी की है।
5G नेटवर्क इन इंडिया
5G तकनीक से भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद है। जहाँ तक प्रौद्योगिकी के राष्ट्रव्यापी परिनियोजन का संबंध है, भारत को अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।
जिसमें की स्पेक्ट्रम की कीमतों को कम करना और ग्रामीण-शहरी इलाके में तकनीक के अंतर को कम करना, नेटवर्क की पहुँच को देश के हर घर तक बढ़ाना, कुछ ऐसे लक्ष्य हैं जिन पर सरकार का ध्यान केंद्रित है।
सरकार का अंतिम लक्ष्य तकनीक में ऐसा बदलाव करना है जो ग्रामीण और शहरी दोनों प्रकार के उपयोगकर्त्ताओं के साथ ही दूरसंचार क्षेत्र की आवश्यकताओं को भी पूरा करता हो।
1G से 5G नेटवर्क की विशेषताएं
- 1G नेटवर्क 1980 के दशक में लॉन्च किया गया था और यह एनालॉग रेडियो सिग्नल पर काम करता था और केवल वॉयस कॉल को सपोर्ट करता था।
- 2G नेटवर्क 1990 के दशक में लॉन्च किया गया था जो कि डिजिटल रेडियो सिग्नल का उपयोग करता है और 64 Kbps की बैंडविड्थ के साथ वॉयस और डेटा ट्रांसमिशन दोनों को सपोर्ट करता है।
- 3G नेटवर्क 2000 के दशक में 1 Mbps - 2 Mbps की गति के साथ लॉन्च किया गया था जो कि डिजीटल वॉयस, वीडियो कॉल और कॉन्फ्रेंसिंग सहित टेलीफोन सिग्नल प्रसारित करता है।
- 4G नेटवर्क 2009 में 100 Mbps - 1 Gbps की पीक स्पीड के साथ लॉन्च किया गया था और यह 3डी वर्चुअल रियलिटी को भी सक्षम बनाता है।
- 5G नेटवर्क में बिजली की रफ्तार से डेटा ट्रांसफर होगा। जिसमें की यूजर्स 3 घंटे की HD फिल्म को 1 सेकंड से भी कम समय में डाउनलोड कर सकेंगेl
5G से क्या फायदा है?
मोबाइल टावर दूर होने के बावजूद भी 5G नेटवर्क होने से इंटरनेट चलाने में कोई परेसानी नहीं होगी। मोबाइल की बैटरी भी कम खपत होगी। इसके अलावा इस नेटवर्क से आप कई डिवाइस को एक साथ भी जोड़ पाने में सक्षम हो पाएंगे।
5G में नई पीढ़ी के मोबाइल नेटवर्क को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए व्यापक लाभ प्रदान करने की परिवर्तनकारी क्षमता है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ संयुक्त होने पर एक कनेक्टेड और स्वायत्त प्रणाली को एक नया चेहरा प्रदान करती है।
ये नेटवर्क मोबाइल बैंकिंग और स्वास्थ्य जैसी सेवाओं की पहुंच में सुधार कर सकता है, और बेरोजगार या अल्प-रोजगार वाले लोगों के लिए पूर्ण और उत्पादक कार्यों में संलग्न होने के अवसरों में तेजी से वृद्धि को सक्षम कर सकता है।
5G भारतीय नीति निर्माता नागरिकों और व्यवसायों को शिक्षित और सशक्त बना सकता है, और मौजूदा शहरों को स्मार्ट शहरों में बदल सकता है।
5G का वैश्विक प्रभाव
एक अध्ययन के अनुसार, 5G को पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने के लिए 2035 तक का समय लग सकता है। जिसका बाजार मूल्य 13.1 ट्रिलियन डॉलर और 22.8 मिलियन डॉलर के रोजगार सृजन का अनुमान है। 2019 की शुरुआत से दुनिया भर के 60 से अधिक देशों में वाणिज्यिक 5G नेटवर्क तैनात किए जाने लगे हैं। जापान, चीन, और अमेरिका जैसे देशों ने 5G परीक्षण के आधार पर 5G मोबाइल सेवाएं भी शुरू कर दी हैं। जब कि दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी जैसे अन्य देश भी 5G तकनीक को जल्दी अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।
जापान में कौन सा नेट चल रहा है?
एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान ने 6G नेटवर्क की आउट लाइन तैयार कर ली है। बताया जा रहा है कि जापान का 6G नेटवर्क मौजूदा 5G से 10 गुना तेज होगा। खैर, मौजूदा समय में दुनिया के ज्यादातर देश अभी 5G को डिवेलप ही कर रहे हैं।