World River Day 2023 History, Significant and Theme: विश्व नदी दिवस हर साल सितंबर महीने के चौथे रविवार को मनाया जाता है। जो इस साल 25 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिवस की शुरुआत 2005 में हुई थी उसी साल पहला विश्व नदी दिवस मनाया गया था और तभी से आज तक हर साल मनाया जाता है। इस साल 18 विश्व नदी दिवस मनाया जाता है। नदियों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए और उनके संरक्षण पर ध्यान देने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। नदियों में फेका जा रहा कूड़ा करकट नदियों के पानी को दूषित करता है वह उसमें रह रहे जीवों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। ये नदियां ही हैं जो कई लोगों, शहरों के जीवन का साधन है।
भारत की बात करें तो यहां 400 से अधिक नदियां है जिसमें से 8 नदियां भारत की सबसे बड़ी नदियां है। इन नदियों के माध्यम से सिंचाई आदि जैसे न जाने कितने कार्य किए जाते हैं। ऐसे में जब हम फायदे के लिए इसका उपयोग करते हैं तो ये हमारी जिम्मेदारी बनती है की हम इनकी स्वच्छता पर भी उतना ही ध्यान दें। लगातार बढ़ते जल प्रदूषण (Water Pollution) के कारण उसमें रहने जल जीव को नुकसान पहुंचता है।
इतना ही नहीं नदियों का पानी ही होता है जो सभी के घरों में साफ होकर आता है। हम सभी अपने जीवन के लिए नदियों पर निर्भर रहते हैं लेकिन हम इन नदियों के लिए कभी कुछ नहीं करते हैं। हर साल एनजीओ आदि द्वारा नदियों की सफाई में लाखों टन का कचरा निकाल उसे साफ करने का प्रयत्न किया जाता है। नदियों को लेकर हो रही लापरवाही को ध्यान में रख कर ही इस दिन को विश्व भर में मनाया जाता है और लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता है। हर साल विश्व नदी दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है। आइए इस दिन के इतिहास और महत्व के बारे में जाने।
विश्व नदी दिवस का इतिहास
नदियों के माध्यम से कई सभ्यताओं की शुरुआत हुई है। यदि एक की बात करें तो सिंधु घाटी सभ्यता सिंधु नदी के तट पर शुरू हुई। इन नदियों ने समाज निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भी हम अपने हितों की पूर्ति के लिए नदियों और उनसे मिलने वाले संसाधनों का दोहन बिना सोचे समझे कर रहे हैं और इन्हें दुषित कर रहें है। यदि हम अब भी नदियों के लगातार हो रहे दोहन आदि पर ध्यान नहीं देते हैं तो इसके विनाशकारी प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं। इन्हीं सब गतिविधियों को देखते हुए वर्ष 2005 में मार्क एंजेलो जो की एक प्रसिद्ध नदी पर्यावरणविद् हैं ने संयुक्त राष्ट्र को जल जीवन अभियान के दौरान संबोधित किया।
उनके इस संबोधन में उन्होंने जल आपूर्ति के बारे में जागरूकता फैलाने की बात कही। इस अभियान में संबोधन करते हुए उन्होंने विश्व नदी दिवस मनाने की बात सामने रखी। ताकि सभी लोग इस बात को समझे की नदियां समाज के लिए कितनी महत्वपूर्ण है और उनको सुरक्षित रखना हमारे लिए कितना आवश्यक है। उसी साल यानी 2005 में पहला विश्व नदी दिवस मनाया गया था। उसी समय से सितंबर महीने के चौथे रविवार को विश्व नदी दिवस मनाने का फैसला लिया गया। आज इस दिवस को दुनिया भर में 100 से अधिक देश मनाते हैं और नदियों में घटते जल को सीमित करने का प्रयास कर रहें है।
विश्व नदी दिवस का महत्व
नदियों की सुरक्षा सभी के लिए महत्वपूर्ण है। ये दिवस नदियों की सुरक्षा और पुनर्स्थापना के लिए साथ काम करने के लिए सरकार, सामुदायिक समूहों, व्यक्तियों को पर्यावरण संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना का कार्य करता है। हम सभी को हमारे जीवन में नदी के महत्व को समझता है और इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का स्मरण कराता है। जल ही जीवन है लाइन तो सभी ने सुनी होगी। लेकिन जीवन के लिए जल स्वच्छ होना चाहिए ये हम पर निर्भर करता है। ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी नदियों की सुरक्षा करें और उन्हें स्वच्छ रखें। लोगों में इस भावना को जगाने के लिए और उन्हें जागरूक बनाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है।
विश्व नदी दिवस की थीम
हर साल विश्व नदी दिवस एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल विश्व नदी दिवस 2023 कि थीम है - "नदियों का अधिकार" वहीं बात करें पिछले साल यानी विश्व नदी दिवस 2022 की तो उस साल इस दिवस की थीम थी - "एक नदी सब कुछ बदल सकती है"। इसी के साथ आइए आपको बताएं पीछले कुछ सालों की विश्व नदी दिवस की थीम के बारे में।
विश्व नदी दिवस 2018 - पानी के लिए प्रकृति आधारित समाधान
विश्व नदी दिवस 2019 - हमारे समुदायों में जलमार्ग।
विश्व नदी दिवस 2020 - नदियों के लिए कार्य दिवस
विश्व नदी दिवस 2021 - हमारे समुदायों में जलमार्ग
विश्व नदी दिवस 2022 - एक नदी सब कुछ बदल सकती है
विश्व नदी दिवस 2023 - नदियों का अधिकार