World Post Day 2022: विश्व डाक दिवस का इतिहास, महत्व और तथ्य

विश्व डाक दिवस हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत 1969 में हुई थी उसी साल पहला विश्व डाक दिवस मनाया गया था। तभी से हर साल इसे 9 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है। उसी तरह से भारत में भी राष्ट्रीय स्तर पर डाक दिवस मनाया जाता है। भारत में दिवस से अधिक इसे स्प्ताह से के तौर पर मनाया जाता है। जिसे नेशनल पोस्टल वीक या राष्ट्रीय डाक सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। भारत में डाक सेवा से कई लोगों को रोजगार के अवसर मिले साथ ही इस सेवा ने सामाजिक और आर्थिक विकास में भी अपना योगदान दिया। भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह हर साल 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है। इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोनज किया जाता है। इस साल विश्व डाक दिवस की थीम है 'पोस्ट फॉर प्लेनेट' तय की गई है। इसके साथ आपको बता दें की विश्व स्तर पर इस दिवस को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना के दिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। किस प्रकार डाक सेवा ने लोगों को और कहीं न कहीं देशों को आपस में जोड़ा है। इस योगदान को देखते हुए इस दिवस को मनाया जाता है। आइए जाने विश्व डाक दिवस के इतिहास के बारे में-

World Post Day 2022: विश्व डाक दिवस का इतिहास, महत्व और तथ्य

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन

विश्व डाक दिवस के बारे में जानने से पहले आपके लिए ये जानना आवश्यके है की यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन क्या है? 1874 में बर्न में उत्तरी जर्मन परिसंघ के सीनियर डाक अधिकारी हेनरिक वॉन स्टीफन ने अंतर्राष्ट्रीय डाक संघ की स्थापना की योजना बनाई जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) के सामने पेश की गई थी। 22 देशों के समर्थन के साथ 1874 में इसे बर्न की संधि द्वारा स्थापित किया गया। यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन इसके सदस्य राष्ट्रों के बीच और विश्वव्यापी डाक प्रणाली के बीच डाक नीतियों का समन्वय करता है। यूपीयू की स्थापना से पहले मेल का आदान-प्रदान करने वाले हर देश को एक-दूसरे के साथ डाक संधि करने के लिए बातचीत करनी पड़ती थी, लेकिन जब से यूपीयू की स्थापना हुई है तभी से दुनिया भर में डाक सेवाएं अधिक सुगम, सुविधाजनक और सुलभ हो गई हैं जिसे सुचारू रूप से चलाया जा रहा है। इसके तहत अब अंतर्राष्ट्रीय डाक विनिमय के संचालन के लिए सभी देश समान शर्तों के लिए सहमत हैं। यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन- यूपीयू का मुख्यालय बर्न, स्विट्जरलैंड में स्थापित किया गया है। इस यूनियन की स्थापना से अब सभी देश आपस में एक सुचारू डाक सुविधा से जुड़ पाएं है। इसके कुछ सालों के बात एक यूपीयू के एक सम्मेलने के दौरान विश्व डाक दिवस की स्थापना की गई।

विश्व डाक दिवस का इतिहास

वर्ष 1840 के समय में इंग्लैंड में एक प्रणाली की शुरुआत की गई थी। इस प्रणाली के तहत जो भी डाक पत्र होते थें उन पर भुगतान पहले यानी प्रीपेड करना होता था। इस प्रणाली की शुरुआत सर रॉलैंड हिल द्वारा की गई थी। इस प्रणाली में पत्रों के लिए प्रीपेड भुगातने के साथ घरेलु सेवा के लिए एक श्रेणी निश्चित की गई थी, जिसमें समान भार वाले सभी पत्रों के लिए एक समान दर वसूल किया जाता था। इतना ही नहीं सर रॉलैंड हिल ने ही दुनिया की पहली डाक टिकट भी पेश की थी।

1863 में यूनाइटेड स्टेट्स के पोस्टमास्टर जनरल मोंटगोमरी ब्लेयर ने पेरिस मे एक सम्मेलन का आयोजन किया। ये आयोजन अंतर्राष्ट्रीय डाक समझौते पर चर्चा करने के लिए किया गया। इस सम्मेलन में 15 यूरोपीय और अमेरिकी देशों ने इसमें भाग लिया। सम्मेलन के दौरान ये सभी राष्ट्र आपसी समझौते और सिद्धांतों के निर्धारण और बातचीते के लिए सामने आए। परंतु सम्मेलन का कोई परिणाम नहीं निकला और अंतर्राष्ट्रीय डाक समझौते पर कुछ स्थापित नहीं हुआ। इसके कई सालों के बाद 1874 में फिर एक बार डाक सेवा को लेकर बात सामने आई जिसमें बर्न में उत्तरी जर्मन परिसंघ के सीनियर डाक अधिकारी हेनरिक वॉन स्टीफन ने अंतर्राष्ट्रीय डाक संघ की स्थापना के लिए एक योजना बनाई। उनके द्वारा दिए इस सुझाव के अनुसार स्विस सरकार ने 1874 में ही 15 सितंबर को बर्न में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। स्विस सरकार द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 22 देशों ने भाग लिया और इस सम्मेलन का अंत जनरल पोस्टल यूनियन की स्थापना के साथ हुआ। जनरल पोस्टल यूनियन की स्थापना 9 अक्टूबर को की गई थी। 1874 में बर्न की संधि हुई, जिसमें लेन-देन और पत्रों के आदान प्रदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय डाक सेवाओं और उसके विनियमों को एक डाक क्षेत्र में सुव्यवस्थिति करने में सफल साबित हुई। इसके ठीक चार साल बाद यानी 1878 में जनरल पोस्टल यूनियन से इसका नाम बदलकर 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' तय किया गया।

कई सालों के बाद 1969 में टोक्यो, जापान में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन - यूपीयू ने विश्व डाक दिवस की घोषणा की और इसे यूपीयू की स्थापना के दिन मनाने का फैसला किया गया और तब से हर साल इसे 9 अक्टूबर को मनाया जाने लागा। इस दिवस को हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल विश्व डाक दिवस 2022 की थीम है "पोस्ट फॉर प्लेनेट"। आइए पिछले कुछ सालों की थीम के बारे में आपको जानकारी देते हैं।

विश्व जाक दिवस की थीम

2022 - पोस्ट फॉर प्लेनेट
2021 - इनोवेशन टू रिकवर
2020 - वी हैव ऑलवेज डिलिवर
2019 - इनोवेशन, इंटिग्रेशन एंड इंक्लूशन
2018 - इमैजिन यू आर ए लेटर ट्रावलिंग थ्रू टाइम

विश्व डाक दिवस महत्व

विश्व डाक दिवस के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। इस दिवस को मुख्य तौर पर लोगों में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इसके उद्देश्य की बात करें तो इसका मुख्य उद्देश्य देशों के विकास सेवा के आर्थिक और सामाजिक महत्व को आगे बढ़ाना है।

भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह - समारोह

भारत में विश्व डाक दिवस के दिन से यानी 9 अक्टूबर से ही राष्ट्रीय डाक सप्ताह की शूरुआत होती है और ये 15 अक्टूबर तक चलता है। इस पूरे सप्ताह में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के माध्यम से भारतीय डाक विभाग विश्व स्तर पर अपना भूमिका को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए पूरे सप्ताह इस दिवस को मनाता है और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है।

होशियापुर मंडल में 5 दिन का राष्ट्रीय डाक दिवस का आयोजन

इसी के साथ होशियापुर मंडल के सीनियर अधिकारी चरणजी सिंह ने बात करते हुए बताया कि इस साल की राष्ट्रीय डाक सप्ताह की थीम है "पोस्ट फॉर प्लेनेट, मूविंग ए स्टेप फॉरवर्ड"। इसी के साथ उन्होंने पूरे होशियार पुर में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी भी दी।

9 अक्टूबर को सप्ताह के पहले दिन स्वच्छाता अभियान चलाया जाएगा। दूसर दिन वित्तीय सशक्तिकरण दिवस मनाया जाएगा और बचत बैंक खाते खोले जाएंगे, बीमा पॉलिसि और इंजिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते खोले जाएंगे। तीसरे दिन फिलाटेलिक उत्पादों को लेकर जागरूकता फैलाई जाएगी और दिन मेल और पार्सल दिवस के रूप में मनाया जाना है। इसके बाद आखिरी दिन यानी 13 अक्टूबर को ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आधार सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित अंत्योदय दिवस के तौर पर मनाएगा। इस दिन होशियारपुर के डाकघरों में आधार नामांकन और अपडेशन की सेवाएं उपवब्ध होंगी।

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English summary
World Post Day is celebrated every year on 9 October. This day was started in 1969, the same year the first World Post Day was celebrated. Globally, this day is celebrated to mark the day of the establishment of the Universal Postal Union. How the postal service has connected people and somewhere between countries. In view of this contribution, this day is celebrated.
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