World Pharmacy Day 2023 History Theme Significant: जब हम हेल्थ केयर सेक्टर की बात करते हैं तो इस क्षेत्र में वह सभी लोग सम्मिलित होते हैं जो किसी न किसी रूप में हमारे स्वास्थ्य के लिए कार्य करते हैं। उसी तरह से फार्मासिस्ट भी है जो हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। अगर भारत की बात करी जाए तो पूरे देश में कुल रजिस्टर फार्मेसी 5,59,408 के आस- पास है। आपके घर के नुक्कड़, चौराहे पर एक न एक फार्मेसी जरूर होगी जिस पर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर पूरा यकीन करते हैं। कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कि आप डॉक्टर को नहीं दिखा पाते हैं लेकिन अपने पास के फार्मेसी से एक बेसिक ट्रीटमेंट की दवा जरूर ले आते हैं ताकि उस एक समय के लिए तो आपको आराम मिल जाए।
अपने स्वास्थ्य को लेकर हम जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करते हैं लेकिन रजिस्टर फार्मेसी जो पूरी तरह इस विषय को पढ़ कर समझ कर कार्य करते हैं उनपर हम पूरी तरह से भरोसा भी कर लेते हैं। इनके इसी योगदान की सराहना करने के लिए विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है।
हर साल विश्व 25 सितंबर को फार्मासिस्ट दिवस के तौर पर मनाता है। जब लोग इस दिवस के बारे में सुनते हैं तो उनका पहला प्रश्न होता है कि इस दिन को क्यों मनाया जाता है। या फिर 25 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है आदि। इन सभी सवालों का जवाब आपको इस करियर इंडिया के इस लेख में मिल जाएंगे। हर साल इस दिन का आयोजन एक थीम के साथ होता है और इस साल विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2022 की थीम स्वस्थ विश्व के लिए फार्मासिस्ट यूनाइटेड इन एक्शन तय की गई है। आइए इस दिवस के बारे में विस्तार से जाने।
इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन
विश्व फार्मासिस्ट दिवस के इतिहास और महत्व से पहले ये जानना जरूरी है कि इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन- एफआईपी क्या है। इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन की स्थापना 25 सितंबर 1912 में हुई थी। इस फेडरेशन के आधिकारिक संबंध वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन- डब्ल्यूएचओ के साथ है।
एफआईपी का हेड क्वार्टर हेग, नीदरलैंड में है और इसका आदर्श वाक्य (मोटो) "दुनिया भर में फार्मेसी को आगे बढ़ाना" है। 19 वीं शताब्दी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल कांग्रेस की श्रृंखला के से एफआईपी की शुरुआत हुई। 1910 में 10वीं अंतर्राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल कांग्रेस ने इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन की स्थापना का संकल्प लिया। इसके पहले राष्ट्रपति इटली के प्रो डॉ. लियोपोल्ड बने जो लीडेन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे और पहले महासचिव की उपाधि डॉ. जे.जे हॉफमैन को दी गई जो द हेग में एक फार्मासिस्ट थें।
एफआईपी महासंघ
एफआईपी फार्मासिस्टों और दवा बनाने वाले वैज्ञानिकों के लिए राष्ट्रीयों संघों का एक वैश्विक महासंघ है। कई अध्ययनों के माध्यम से पता चलता है कि स्वास्थ्य देखभाल के दौरान हुई लापरवाही या गलत दवाओं के कारण बड़ी संख्या में रोगियों को नुकसान होता है। जिसके कारण से वह लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है और किसी स्थायी चोट या बीमारी का भी कारण बन जाता है। कई स्थितियों में व्यक्ति की मृत्यु की घटनाएं भी सामने आई हैं। इस तरह दवाइयों में हो रही त्रुटियों के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है और इसमें फार्मासिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इस तरह की वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती को कम करना ही एफआईपी का उद्देश्य है।
एफआईपी का मिशन
इस महासंघ में 127 सदस्य संगठन शामिल है। ये फेडरेशन करीब 30 लाख चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का प्रतिनिधित्व करता है। इस संस्थान का मिशन है कि वह दुनियाभर में उचित, लागत प्रभावी, अच्छी क्वालिटी वाली दवाओं की बेहतर खोज, पहुंच, विकास और सुरक्षित उपयोग को सक्षम बनाने के लिए फार्मेसी अभ्यास और विज्ञान को आगे बढाकर वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए योगदान देगा।
विश्व फार्मासिस्ट दिवस का इतिहास
विश्व फार्मासिस्ट दिवस की शुरुआत 2009 में की गई थी। 2009 में इस्तांबुल, तुर्की में वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल साइंस में एफआईपी द्वारा बनाया गया था। 25 सितंबर की तिथि का इसलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन 1912 में एफआईपी की स्थापना की गई थी। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के हर कोने में स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने में फार्मासिस्ट की भूमिका को प्रोत्साहित करना है।
एक फार्मासिस्ट लोगों की स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर अपने सभी कर्तव्यों का पालन करता है जिसमें, दवा की सही पहचान, उसकी रीस्टॉकिंग, दवाओं की समाप्ति तिथि और उनकी उपलब्धता आदि शामिल होते है। ताकि किसी भी प्रकार से किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर उसका कोई गलत प्रभाव न पड़े। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही एफआईपी ने सभी फार्मासिस्ट को सम्मानित करने के लिए इस दिन को मनाने का समर्थन किया। हर साल विश्व फार्मेसी दिवस एक थीम के साथ मनाया जाता है।
विश्व फार्मासिस्टर दिवस थीम (2013 से 2022)
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2023 - फार्मेसी स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत कर रही है
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2022 - स्वस्थ विश्व के लिए फार्मासिस्ट यूनाइटेड इन एक्शन
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2021 - फार्मेसी : हमेशा आपके लिए विश्वसनीय
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2020 - परिवर्तन वैश्विक स्वास्थ्य
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2019 - सभी के लिए सुरक्षित और प्रभावी दवाएं
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2018 - फार्मासिस्ट: आपके दवा विशेषज्ञ
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2017 - रिसर्च से स्वास्थ्य सेवा तक: आपका फार्मासिस्ट आपकी सेवा में है
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2016 - फार्मासिस्ट : केयरिंग फॉर यू
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2015 - फार्मासिस्ट : योर पाथेर इन हेल्थ
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2014 - फार्मासिस्ट तक पहुंच स्वास्थ्य तक पहुंची है
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2013 - फार्मासिस्ट: अपनी दवाओं के उपयोग को सरल बनाना, चाहे कितना भी जटिल क्यों न हो
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2023 थीम
इस साल विश्व फार्मासिस्ट दिवस को मनाने के लिए फार्मेसी के सेक्टर में योगदान देते हुए इस सेक्टर को आगे बढ़ाने वाले लोगों को प्रोत्साहित करते हुए एक नई थीम का चुनाव किया है। इस साल विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2023 की थीम है 'फार्मेसी स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत कर रही है'।
फार्मासिस्ट बनने के लिए कौनसी करें पढ़ाई
फार्मासिस्ट बनने के लिए आपका बैकग्राउंड अर्थात कक्षा 11 वीं और 12वीं में आपकी स्ट्रीम साइंस होनी अनिवार्य है। इसमें भी आपके लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में अच्छे अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 12वीं पास कर उम्मीदवार डिप्लोमा इन फार्मेसी और बी.फॉर्म यानी बैचलर इन फार्मेसी कोर्स में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।
कोर्स में प्रवेश प्राप्त करने की न्यूनतम आयु 17 वर्ष की तय की गई है। फार्मेसी में डिप्लोमा 2 साल का कोर्स है और बैचलर की डिग्री 4 साल का कोर्स है। ये बच्चे की रुचि पर निर्भर करता है कि वह डिप्लोमा करना चाहता है कि बैचलर कोर्स।
बता दें कि दोनों ही कोर्स में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा पास करना अनिवार्य है। लेकिन कई ऐसे भी संस्थान है जो मेरिट बेस पर प्रवेश प्रदान करते हैं। उम्मीदवार लेख में नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर फार्मेसी में डिप्लोमा और डिग्री दोनों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।