मधुमेह या डायबिटीज नामक बीमारी आज के समय में सबसे कॉमन बीमारीयों में से एक है। केवल भारत की बात करें तो भारत में कुल 77 मिलियन लोग है जो इस बीमारी के ग्रस्त हैं। विश्व में भारत दूसरे नंबर की ऐसा देश हैं जहां, सबसे अधिक लोग हैं जिन्हें डायबिटीज है। पहले स्थान पर चीन है। इसके साथ ही आपको बता दें की वर्ष 2022 में करीब 7 लाख के आस-पास लोगों की मृत्यु इस बीमारी या इससे होने वाली अन्य परेशानियों के कारण हुई थी। इन्ही समस्याओं को देखते हुए हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के रूप मे मनाया जाता है। ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके और दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही इसकी संख्या की रोका जा सकें। लोगों को अपने आहर और जीवन शैली में बदलाव कर डायबिटीज से बचा जा सकता है और जो इस बीमारी से पहले से ग्रसित है वह इसे नियंत्रण में रख सकते हैं। हर साल इस दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है और इस साल की विश्व मधुमेह दिवस 2022 की थीम है "मधुमेह देखभाल तक पहुंच" (2021-23) के अंतर्गत "कल की रक्षा के लिए शिक्षा" तय की गई है। आइए आपको इसके बारे में और जानाकारी दें।
विश्व मधुमेह दिवस का इतिहास
इस दिवस की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन - डब्ल्यूएचओ द्वारा 1991 में की गई थी। विश्व भर में मधुमेह को तेजी से बढ़ते हुए देख इस दिवस को मनाये जाने का फैसला लिया गया ताकि इसे रोका या नियंत्रित किया जा सके। साथ ही लोगों में जीवन शैली और मधुमेह को लेकर जागरूकता पैदा की जा सकें।
विश्व मधुमेह दिवस की तिथि 14 नवंबर को इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्म हुआ था। फ्रेडरिक बैंटिंग एक नोबल पुरस्कार विजेता हैं जिन्हें 1923 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार जीता था। उन्होंने अपने मित्र चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर 1922 में इंसुलिन हार्मोन की खोज की थी। 1991 में उनकी 100वीं जयंती पर विश्व मधुमेह दिवस मनाये जाने की घोषणा की गई और इनकी जयंती को चिन्हित करने के लिए हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाने लगा।
मधुमेह के प्रकार
टाइप 2 मधुमेह
एक ऐसी अवस्था जो शरीर द्वारा रक्त शुगर (ग्लूकोज) को संसाधित करने के तरीके को प्रभावित करती है।
टाइप 1 मधुमेह
एक ऐसी अवस्था जिसमें अग्न्याशय बहुत कम या इंसुलिन पैदा ही नहीं करता है।
प्रीडायबिटीज
ऐसी स्थिति जिसमें रक्त शुगर अधिक है, लेकिन टाइप 2 मधुमेह होने के लिए पर्याप्त नहीं है।
गर्भावधि मधुमेह
उच्च रक्त शुगर का एक रूप गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है।
भारत में मधुमेह
भारत में हर 11 व्यक्तियों में से एक को मधुमेह या डायबिटीज होता है। मधुमेह के कारण हर साल लाखों लोगों की जान जाती है। 2020 के आकंडों की माने तो उस साल करीब 7 लाख लोगों की जान मधुमेह और इससे आई परेशानियों के कारण गई थी। हर साल ये आंकड़ बढ़ता है।
अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ- आईडीएफ द्वारा की माने तो इस संघ के अनुसार 2020 में विश्व में कुल 436 मिलियन लोग मधुमेह से ग्रसित थें जिसमें से केवल 77 मिलियन लोग भारत के हैं। आईडीएफ द्वारा दिए गए अनुमानित आंकडों से यह जानकारी मिलती है कि टाइप 1 मधुमेह अमेरिका के बाद जिस राज्य में सबसे अधिक पाया जाता है वह भारत है और उसमें में भी इसकी अधिक संख्या बच्चों में पाई जाती है। टाइप 1 मधुमेह से सबसे अधिक बच्चे ग्रसित हैं।
विश्व मधुमेह दिवस की पिछले कुछ सालों की थीम (2013 से 2022)
2013: हमारे भविष्य की रक्षा करें: मधुमेह शिक्षा और रोकथाम
2014: गो ब्लू फॉर ब्रेकफास्ट
2015: स्वस्थ भोजन
2016: मधुमेह पर आंखें
2017: महिलाएं और मधुमेह - स्वस्थ भविष्य का हमारा अधिकार
2018-2019: परिवार और मधुमेह - मधुमेह हर परिवार को चिंतित करता है
2020: नर्स और मधुमेह
2021-2023: मधुमेह देखभाल तक पहुंच
2022- कल की रक्षा के लिए शिक्षा