दुनिया में आज ऐसा कोई नहीं है जो अपने स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में नहीं सोचता है। अच्छा स्वास्थ्य और अच्छी बॉडी पाने की चाहत में लोग जिम का सहारा लेते हैं और हेवी एक्सरसाइज करते हैं। अच्छा स्वास्थ्य और बॉडी बनाने की सोचकर जिम जाने वाले कितने लोगों ने ये सोचा होगा कि ये उनके लिए अप्रत्याशित आपात स्थिति का कारण बन जाएगी।
हाल ही में आपने जिम में हार्ट अटैक आने से मृत्यु की खबर सुनी जरूर होगी। इस खबर के अनुसार एक 19 साल के युवक जिम के एक्सरसाइज करते हुए हार्ट अटैक आया और उसकी मृत्यु हो गई। इस प्रकार की खबरें पिछले कई सालों से लगातार सुनने को मिल रही है, जिसमें एक्सरसाइज करते समय लोगों को हार्ट अटैक आना भी आम होता जा रहा है। इतना ही नहीं कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक के कई मामले सामने आ रहे हैं।
इससे कैसे बचें, क्या बेहतर उपाय होगा, ये समझना आपके लिए आवश्यक है। हम सभी जानते हैं कि हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के दौरान सीपीआर परफॉर्म किया जाता है लेकिन इसकी ट्रेनिंग किसी के पास नहीं है। लोगों को हार्ट अटैक और सीपीआर ट्रेनिंग के प्रति जागरूक करने के लिए 'द हीलर्स- विजन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग लाइफ' और 'डॉक्टरों' के एक ग्रुप ने बुरारी में स्थित 'मस्कुलर- द फिटनेस स्टूडियो' से सीपीआर ट्रेनिंग की मुहिम शुरू कर लोगों को सीपीआर के महत्व को समझाने का एक अनूठा प्रयास किया है।
द हीलर्स-विजन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग लाइफ
ये संगठन उन्नत उपचार विधियों के साथ स्वास्थ्य देखभाल पर आधारित है। द हीलर्स-विजन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग लाइफ डॉक्टरों के परामर्श, पैरामेडिकल सुविधाओं, हार और पोषण संबंधी परामर्श , योग विज्ञान, फिटनेस कोच और स्ट्रेस थेरेपी सहित कुशल स्वास्थ्य देखभाल सहायता प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और स्वास्थ्य संबंधित सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करना है। लोगों के स्वास्थ्य और आज के समय की जरूरत को समझते हुए इस संगठन ने एक सीपीआर ट्रेनिंग देकर लोगों को जागरूक करने की एक मुहिम की शुरुआत की है।
बीते शनिवार को इस संस्थान ने कई अन्य डॉक्टर्स के साथ मिलकर जिम में लोगों को सीपीआर की ट्रेनिंग दी थी। इसके साथ ही सीपीआर देने की पूरी प्रक्रिया की गाइडलाइंस भी जारी की गई थी। जारी ये पीडीएफ आपको लेख के अंत में प्राप्त होगी। इसे डाउनलोड कर आप भी सीपीआर देने की प्रक्रिया घर बैठे सीख सकते हैं और आवश्यकता के समय इसका उपयोग कर सकते हैं।
सीपीआर ट्रेनिंग कार्यक्रम
कार्यक्रम में पीटी (फिजिकल थेरेपिस्ट, जिसे फिजियोथेरेपिस्ट भी कहा जाता है) और दंत चिकित्सक यानी डेंटिस्ट भी शामिल रहे थे। डॉ राजन शर्मा (पीटी), डॉ इंदु चौधरी (पीटी), डॉ विपुल वशिष्ठ (दंत चिकित्सक) के साथ डॉ श्रिया वशिष्ठ (दंत चिकित्सक), डॉ वंशिका (पीटी) और डॉ अमित भारद्वाज (पीटी) जैसे कई डॉक्टर शामिल हुए और लोगों को सीपीआर के महत्व और उद्देश्य के बारे में समझाया। इसी दौरान कार्यक्रम में मौजूद लोगों को डॉ राजन शर्मा ने स्टेप-वाइस-स्टेप लाइव सीपीआर ट्रेनिंग दी। इस कार्यक्रम में मौजुद दर्शकों ने व्यावहारिक अभ्यास के साथ पूरे प्रशिक्षण सत्र में भाग लिया।
सीपीआर ट्रेनिंग कार्यक्रम का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं में हार्ट अटैक के कारणों, इसके लक्षणों और उपायों के बारे में जागरूकता पैदा करना है ताकि अधिक से अधिक लोगों को सीपीआर की ट्रेनिंग दी जा सके और आवश्यकता के दौरान इसका प्रयोग कर आप लोगों की जान बचा सके।
जिम में आयोजित किया गया सीपीआर ट्रेनिंग का सेशन
अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए लाखों लोग जिम जाते हैं लेकिन जिम में ही सबसे अधिक हार्ट अटैक के केस सामने आ रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि इसका कारण क्या हो सकता है।
बता दें कि जिम के हेवी वर्कआउट, प्री-वर्कआउट और स्टेरॉयड का उपयोग या फिर कमजोर हृदय स्वास्थ्य एक तरह से इसका कारण हो सकता है। जिम में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों को देखते हुए जिम को बनाया गया इस सीपीआर ट्रेनिंग का पहला सेंटर।
जिम में सीपीआर की ट्रेनिंग जिम के दौरान हार्ट अटैक का शिकार बनने वाले कई मासूमों की जान को बचा सकती है। यदि जिम में कुछ लोगों की ही सही सीपीआर के बारे में पता हो और उसे परफॉर्म करना आता हो तो सोचिए कितने लोगों को बचाया जा सकता है।
क्या है सीपीआर?
हार्ट अटैक की स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण जीवन रक्षक तकनीक सीपीआर का पूरा नाम बहुत कम लोग जानते हैं। सीपीआर का पूरा नाम कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है, जिसे कार्डियक अरेस्ट के दौरान महत्वपूर्ण अंगों में रक्त के प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए परफॉर्म किया जाता है। इसमें छाती को दबाने और सांसों देकर व्यक्ति को रेस्क्यू किया जाता है। इससे पीड़ित को मेडिकल सहायता प्राप्त होने तक पर्याप्त समय मिल जाता है।
जिम में सीपीआर की आवश्यकता
जिम शारीरिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। अधिक और हेवी वर्कआउट आपके हृदय की गति को बढ़ा देते हैं और ऐसी स्थिति में कार्डियक संबंधित घटनाएं होने का खतरा भी बढ़ता है। इसलिए जिम में मौजूद लोग और जिम के कर्मचारियों को सीपीआर देना आता हो तो वह तेजी से और प्रभावी ढंग से एक्शन ले पाएंगे। यही कारण रहा है कि "द हीलर्स- विजन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग लाइफ" ने जिम से सीपीआर ट्रेनिंग की शुरुआत की है।
सीपीआर कैसे दिया जाए और इसके दिशानिर्देशों से संबंधित पूरी जानकारी के लिए पीडीएफ करें डाउनलोड -
CPR Guidelines Details in Hindi -