लीला चिटनीस की पुण्यतिथि पर जानिए उनके फिल्मी करियर, शिक्षा और उपलब्धियों के बारे में

Leela Chitnis Biography: लीला चिटनीस भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख अभिनेत्री थीं, जिन्होंने हिंदी फिल्म उद्योग में अपने अभिनय से अमिट छाप छोड़ी। उनका जन्म 9 सितंबर, 1909 को महाराष्ट्र के धारवाड़ (वर्तमान कर्नाटक) में हुआ था। लीला चिटनीस का जीवन और करियर संघर्ष, समर्पण और उत्कृष्टता का प्रतीक है।

लीला चिटनीस की पुण्यतिथि पर जानिए उनके फिल्मी करियर, शिक्षा और उपलब्धियों के बारे में

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

लीला चिटनीस का जन्म एक मध्यमवर्गीय मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक डॉक्टर थे और उनकी मां एक शिक्षित महिला थीं, जिन्होंने अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने का संकल्प लिया था। लीला ने अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और कुछ समय तक शिक्षिका के रूप में भी काम किया। उनका विवाह एक कॉलेज प्रोफेसर से हुआ, लेकिन यह विवाह सफल नहीं रहा और वे अलग हो गईं। इस कठिनाई ने लीला को अपने बच्चों के लिए एक स्थिर जीवन बनाने की प्रेरणा दी।

अभिनय करियर की शुरुआत

लीला चिटनीस का अभिनय करियर 1930 के दशक में शुरू हुआ। उन्होंने पहले मराठी नाटकों में काम किया और फिर हिंदी सिनेमा की ओर रुख किया। 1935 में, उन्हें बॉम्बे टॉकीज की फिल्म "जन्मभूमि" में पहली प्रमुख भूमिका मिली। इस फिल्म में उनके अभिनय को बहुत सराहा गया और उन्हें फिल्म जगत में पहचान मिलने लगी।

प्रमुख फिल्में और उपलब्धियां

लीला चिटनीस ने अपने करियर में कई प्रमुख फिल्मों में काम किया। 1940 के दशक में, उन्होंने अशोक कुमार के साथ कई हिट फिल्मों में काम किया, जैसे "कंगन" (1939), "बंधन" (1940), "झूला" (1941) और "किस्मत" (1943)। "किस्मत" ने बॉक्स ऑफिस पर अपार सफलता प्राप्त की और यह फिल्म भारतीय सिनेमा की पहली सुपरहिट फिल्मों में से एक मानी जाती है।

लीला चिटनीस ने न केवल नायिका की भूमिकाएं निभाईं बल्कि मातृभूमि की भूमिकाओं में भी अपनी अलग पहचान बनाई। 1950 और 1960 के दशक में, उन्होंने कई प्रसिद्ध फिल्मों में माँ की भूमिका निभाई। दिलीप कुमार और देवानंद जैसे अभिनेताओं की फिल्मों में माँ की भूमिका में उनके अभिनय को बहुत सराहा गया। "श्री 420" (1955), "देवदास" (1955), "हम दोनों" (1961) और "गाइड" (1965) जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने उन्हें सिनेमा जगत में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया।

समाज सेवा और योगदान

लीला चिटनीस न केवल एक सफल अभिनेत्री थीं, बल्कि वे समाज सेवा में भी सक्रिय थीं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और बच्चों की शिक्षा के लिए कई पहल कीं। उनके कार्यों ने समाज में एक सकारात्मक प्रभाव डाला और उन्हें समाजसेवी के रूप में भी पहचान दिलाई।

व्यक्तिगत जीवन

लीला चिटनीस का व्यक्तिगत जीवन भी उनके करियर की तरह चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश अकेले ही की और उन्हें अच्छी शिक्षा दी। उनके बेटे, अजीत चिटनीस, ने भी फिल्म उद्योग में कदम रखा। लीला चिटनीस का जीवन संघर्ष और साहस का एक उदाहरण है, जिसने उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाया।

निधन

लीला चिटनीस ने 1980 के दशक के मध्य तक फिल्मों में काम किया। इसके बाद उन्होंने फिल्म उद्योग से संन्यास ले लिया और न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में बस गईं, जहां उनके बेटे रहते थे। 14 जुलाई, 2003 को न्यूयॉर्क में उनका निधन हो गया।

कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि लीला चिटनीस भारतीय सिनेमा की एक महान अभिनेत्री थीं, जिन्होंने अपने उत्कृष्ट अभिनय से दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया। उनका जीवन और करियर संघर्ष, समर्पण और उत्कृष्टता का प्रतीक है। उन्होंने न केवल सिनेमा में अपना योगदान दिया बल्कि समाज सेवा में भी सक्रिय रहीं। लीला चिटनीस का योगदान भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। उनके अभिनय और जीवन के प्रेरणादायक पहलुओं ने उन्हें एक आदर्श और प्रेरणा का स्रोत बना दिया है।

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English summary
Leela Chitnis was a leading actress of Indian cinema who left an indelible mark with her acting in the Hindi film industry. She was born on September 9, 1909 in Dharwad, Maharashtra (present-day Karnataka). The life and career of Leela Chitnis is a symbol of struggle, dedication and excellence.
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