Kartik Purnima kab hai: आपके राज्य में कार्तिक पूर्णिमा को क्या कहते हैं? कार्तिक पूर्णिमा कब है? जानिए डिटेल

Kartik Purnima kab hai: कार्तिक पूर्णिमा केवल हिन्दू धर्म में ही नहीं बल्कि सिख और जैन धर्म से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। यूं तो कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार भारत के सभी राज्यों में मनाया जाता है, लेकिन हर राज्य में इसे क्षेत्रीय मान्यताओं के अनुसार अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

आखिर क्यों मनाया जाता है कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार?

भले ही राज्यों में इसे अलग नामों से जाना जाता हो लेकिन पूरे भारत में कार्तिक पौर्णिमा का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। कार्तिक महीने की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व रखता है। आइए जानें कार्तिक पूर्णिमा को आखिर किस-किस नामों से जाना जाता है और कार्तिक पूर्णिमा की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि क्या है? साथ ही हम यह भी जानेंगे कि कार्तिक पूर्णिमा का महत्व क्या है?

किस-किस नामों से जाना जाता है कार्तिक पूर्णिमा?

कार्तिक पूर्णिमा के त्योहार को क्षेत्रीय मान्यताओं के आधार पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। क्योंकि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न धर्म को अनुसरण करने वाले लोग बसते हैं। और पौराणिक कहानियों और मान्यताओं के आधार पर कार्तिक पूर्णिमा का पर्व अलग-अलग नामों के साथ मनाया जाता है। इसे मुख्य रूप से त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान के लिए भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और यह पापों से मुक्ति दिलाने वाला दिन माना जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा को आंचलिक विशेषताओं के आधार पर कार्तिका पूर्णिमा, कार्तिक पौर्णिमा, त्रिपुरी पूर्णिमा, त्रिपुरारी पूर्णिमा, दिवा-दिवाली, देव-दीपावली के नामों से जाना जाता है। कार्तिका पूर्णिमा में पूजा विधि भी क्षेत्रीय मान्यताओं के आधार पर अलग हो सकती हैं।

क्यों मनाया जाता है कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार विशेष महत्व रखता है। हिंदू धर्म ग्रंथों और पुराणों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का संबंध भगवान शिव और भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर नामक राक्षस के वध का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा यह दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन दीपदान का विशेष महत्व है और इसे देव दीपावली भी कहा जाता है।

आखिर क्यों मनाया जाता है कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार?

Kartik Purnima 2024 तिथि और मुहूर्त

  • तिथि : 15 नवंबर 2024
  • पूर्णिमा तिथि आरंभ: 15 नवंबर 2024 को 06:19 AM
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 16 नवंबर 2024 को 02:58 AM

कार्तिक पूर्णिमा की कथा और महत्व

हिंदू धर्म में पौराणिक कहानी के अनुसार, त्रिपुरासुर नामक एक राक्षस ने तीन नगर बनाए और तीनों लोकों पर अत्याचार शुरू किया। भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया। इसके बाद से इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है। श्रद्धालु नदी में स्नान कर दीपदान करते हैं और व्रत कथा सुनते हैं। यह दिन आध्यात्मिक शुद्धि के लिए विशेष दिन माना जाता है और इसे धर्म, भक्ति और आस्था के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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English summary
When is Kartik Purnima 2024? Learn about Kartik Purnima's many names, date, muhurth, puja customs, and importance in Hindi. Understand the spiritual significance of Kartik Purnima.
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