22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम, सीता माता, लक्षमण और हनुमान जी की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इस अनुष्ठान को करने से पहले उन्होंने 11 दिन का व्रत लिया है, जिसमें वे यम नियम का पालन करेंगे। आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि यह नियम का तात्पर्य यमराज से नहीं है, यहां पर यम का मतलब देवता है और इसके अंतर्गत व्यक्ति को एक कठिन प्रक्रिया से गुजरना होता है। यम नियम का पालन करते वक्त दैनिक दिनचर्या में कुछ बदलाव करने होते हैं, जैसे फर्श पर सोना, ध्यान करना, सात्विक भोजन करना, धार्मिक ग्रंथ पढ़ना शामिल है। आइये इसे विस्तार से जानते हैं।
यम और नियम योग के आठ अंगों में से दो सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। यम का अर्थ है "निषेध", यानी उन चीजों को त्यागना जो आत्म-विकास के मार्ग में बाधा डालती हैं। नियम का अर्थ है "आज्ञा", यानी उन चीजों को करना जो आत्म-विकास के लिए आवश्यक हैं। दरअसल यह मन को शांत, शरीर में ऊर्जा का प्रवाह और एकाग्रता बढ़ाने वाली प्राचीन पद्धति का एक भाग है।
यम के पांच नियम हैं:
अहिंसा: किसी भी जीव को शारीरिक या मानसिक कष्ट न पहुँचाना।
सत्य: सत्य बोलना और सत्य के मार्ग पर चलना।
अस्तेय: चोरी न करना।
ब्रह्मचर्य: इंद्रिय निग्रह और संयम।
अपरिग्रह: आवश्यकता से अधिक संग्रह न करना।
नियम के पांच नियम हैं:
शौच: शरीर, मन और वाणी को शुद्ध रखना (ध्यान करना)।
संतोष: अपने पास जो कुछ है, उसमें संतुष्ट रहना (सात्विक भोजन)।
तपः: नियमित रूप से योगाभ्यास करना और कठिनाइयों का सामना करना (फर्श पर सोना)।
स्वाध्याय: योग ग्रंथों का अध्ययन और मनन करना (धार्मिक ग्रंथ पढ़ना)।
ईश्वर प्रणिधान: ईश्वर में विश्वास रखना और उसकी भक्ति करना (सुबह शाम पूजन करना)।
यम और नियम के पालन से क्या लाभ होते हैं?
यम और नियम के पालन से मनुष्य का आचरण शुद्ध होता है, उसकी बुद्धि निर्मल होती है, और वह आत्म-विकास के मार्ग पर आगे बढ़ता है। छात्रों को भी इसके प्रति प्रेरित होना चाहिए। यम और नियम के पालन से प्राप्त होने वाले कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:
मन की एकाग्रता बढ़ती है।
चिंता और तनाव कम होते हैं।
स्वास्थ्य में सुधार होता है।
सकारात्मकता बढ़ती है।
आत्म-सम्मान बढ़ता है।
यम और नियमों का पालन कैसे करें?
यम और नियमों का पालन करना एक निरंतर अभ्यास है। शुरुआत में इन नियमों का पालन करना कठिन हो सकता है, लेकिन लगातार प्रयास से यह आसान हो जाता है। यम और नियमों का पालन करने के कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:
- नियमों को समझें और उन्हें अपने जीवन में लागू करने के लिए एक योजना बनाएं।
- अपने आप को छोटी-छोटी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत करें।
- यदि आप किसी नियम का उल्लंघन कर देते हैं, तो निराश न हों। बस फिर से प्रयास करें।
- यम और नियमों का पालन करना आत्म-विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इन नियमों का पालन करके आप एक बेहतर इंसान बन सकते हैं और अपने जीवन में शांति और आनंद पा सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने अपना व्रत शुरू करने से पहले कहा, "मेरा ये सौभाग्य है कि 11 दिन के अपने अनुष्ठान का आरंभ, मैं नासिक धाम-पंचवटी से कर रहा हूं। पंचवटी, वो पावन धरा है, जहां प्रभु श्रीराम ने काफी समय बिताया था। और आज मेरे लिए एक सुखद संयोग ये भी है कि आज स्वामी विवेकानंदजी की जन्मजयंती है। ये स्वामी विवेकानंदजी ही थे जिन्होंने हजारों वर्षों से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था। आज वही आत्मविश्वास, भव्य राम मंदिर के रूप में हमारी पहचान बनकर सबके सामने है।" इसके बाद वे
इस नियम को प्रधानमंत्री की धार्मिक आस्था से जोड़ कर देखा जा सकता है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि यह नियम सफलता के रास्ते भी खोलता है। जी हां अगर आप यूपीएससी, आईआईटी, नीट, कैट, क्लैट, रेलवे, इसरो, डीआरडीओ भर्ती आदि जैसी बड़ी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो परीक्षाओं के कुछ दिन पहले यह नियम आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। आपका मन शांत रहेगा, पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ेगी और तो और आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा पूरी तरह से भर जायेगी।