Hockey नहीं है भारत का राष्ट्रीय खेल, जानिए क्या कहता है सरकारी कागज

भारत विवधताओं से भरा देश है विश्व में भारत को उसकी संस्कृती और विरासते के लिए जाना जाता है। इसी के साथ भार को उसके खेलों और विश्व स्तर पर खेलों में उसके प्रदर्शन के लिए भी जाना जाता है। हर साल भारत में 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इस ही दिन भारत के महान हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद का जन्म हुआ था। जिन्हें द विजर्ड और मैजिशियन के नाम से जाना जाता है। भारत का सर्वोत्तम खेल पुरस्कार भी मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार है। भारत में बहुत से खेल खेले जाते हैं लेकिन इन सभी खेलों में सबसे लोकप्रिय खेल है क्रिकेट और हॉकी। भारत की हर गली नुक्कड़ पर आपको एक बच्चों से लेकर बढ़े तक क्रिकेट खेलते नजर आते हैं। इस खेल की लोकप्रियता लोगों में शुरू से ही थी और समय के साथ इसकी लोकप्रियता और बढ़ती जा रही है। पहले के मुकाबले भारत में हॉकी खेल की लोकप्रियता भी बढ़ती जा रही है। फिल्ड हॉकी पर भारत का क्षेत्राधिकार है। इस खेल की स्थापना आज से 13 साल पहले 2009 में हुई थी। इतने सारे खेल खेले जाने के बावजुद भी क्या आपको पता है कि भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है। काफी लोगों का मानना है की भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है लेकिन ऐसा नहीं है भारत में खेले जाने वाले किसी खेल को राष्ट्रीय खेल की मान्यता नहीं दी गई है। जबकि हॉकी के साथ-साथ कबड्डी को भी बहुत पसंद किया जाता है। इन दोनों खेलों ने ओलंपिक और विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और अभी तक में ओलंपिक में हॉकी ने 8 स्वर्ण पदक और कबड्डी ने विश्व कप में 6 सवर्ण पदक अपने नाम किए है। भले ही भारत का कोई राष्ट्रीय खेल न हो लेकिन हर वर्ष 29 अगस्त को भारत राष्ट्रीय खेल दिवस जरूर मनाता है। इस साल भी हर साल की तरह भारत अपना खेल दिवस मनाने जा रहा है।

हर देश का अपना एक राष्ट्रीय खेल है। लेकिन भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है। मुख्य तौर भारत के लोगों द्वारा हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है लेकिन युवा मामले और खेल मंत्रालय की तरफ से अभी किसी भी खेल को भारत के राष्ट्रीय खेल की मान्यता प्राप्त नहीं है। हॉकी के राष्ट्रीय खेल होने के लेकर भारत के लोग भ्रमित हैं। आइए इस बारे में और राष्ट्रीय खेल होने के महत्व के बारे में और समझे।

Hockey नहीं है भारत का राष्ट्रीय खेल, जानिए क्या कहता है सरकारी कागज

भारत में हॉकी

भारत में हॉकी का काफी पुराना इतिहा रहा है। 1952 में भारतीय हॉकी महासंघ की स्थापना हुई थी। भारत ने पहला अंतराष्ट्रीय हॉकी न्यूजीलैंड में खेला था। इस पहले अंतराष्ट्रीय हॉकी खेल में भारत ने 21 मैच खेले, जिसमें से भारत ने 18 मैच जीते थे। भारत की हॉकी में इस जीत ने उस अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाई। अपने पहले ही अंतराष्ट्रीय हॉकी मैच में इस तरह की जबरदस्त जीत ने भारत को हॉकी खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

1928 से 1956 के बीच भारत में हॉकी खेल की लोकप्रियता बढ़ी और इसी समय काल के दौरान हॉकी में ओलंपिक गेम्स में लागातार 6 स्वर्ण पदक जीते और इस शानदार जीत के बाद इस खेल की लोकप्रियता और बढ़ने लगी।

भारत का राष्ट्रीय खेल न होने पर भी भारत की हॉकी टीम ने विश्व स्तर पर हुए मैचों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।

जैसा की आप जानते हैं कि भारत में कई खेल खेले जाते हैं और अंतराष्ट्रीय स्तर पर इन खेलों ने कई पुरस्कार भी जीते हैं और भारत की खेल उपलब्धियों को साबित किया है।

सभी खेलों को बढ़वा देने के लिए भारत में किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल की मान्यता प्राप्त नहीं है। लेकिन क्रिकेट, हॉकी और कबड्डी को भारत में सबसे अधिक पसंद किया जाता है।

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है की नहीं?

कई लोगों का मानना है की भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है, जबकि इसको लेकर सरकार की तरफ से कोई आधिकारीक घोषणा नहीं की गई है। इस खेल के राष्ट्रीय खेल होने को लेकर भारत के लोगों में भ्रम फैला हुआ है। आज भी आप किसी से पुछेंगे की भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है? तो उस व्यक्ति का जवाब होता है कि भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। इसी भ्रम और दुविधा को दूर करने के लिए के. पाटिल इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाने वाले मयूरेश अग्रवाल नाम के शिक्षक जो की सिंधखेड़ा तालुका से है,उन्होंने आरटीआई के के माध्यम से एक प्रश्न पुछा कि "क्या हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल? अगर है तो इस भारत का राष्ट्रीय खेल कब घोषित किया गया था" ये इस आरटीआई को इस दायर करने के पिछे का कारण यह है की उनके छात्रों ने उनसे भारत के राष्ट्रीय खेल के बारे में पुछा था। जिसके जवाब के लिए उन्होंने आरटीआई का सहारा लिया। दायर इस आईटीआई के जवाब में 15 जनवरी 2020 को युवा मामले और खेल मंत्रालय ने बताया की 'सरकार ने किसी भी खेल को भारत के राष्ट्रीय खेल के रूप में घोषित नहीं किया है। क्योंकि भारतीय सरकार का उद्देश्य हर खेल को बढ़ावा देना है।'

राष्ट्रीय खेल का महत्व

हर देश के लिए राष्ट्रीय खेल का बहुत महत्व होता है। जिसमें खेल को लेकर देश के नागरिकों के लिए खेल की प्रासंगिकता के बारे में पता लगता है।

राष्ट्रीय खेल देश में शारीरिक गतिविधियों को बढ़वा देता है।

एक राष्ट्रीय खेल होने से पता चलता है कि देश के नागरिक उसका कैस व्याख्या करते हैं और उसमें किस प्रकार से भाग लेते हैं।

अन्य राष्ट्रीय प्रतीको की तरह राष्ट्रीय खेल भी देश की पहतान का एक अहम भाग होता है जो इसमें वैल्यू जोड़ता है।

राष्ट्रीय खेल को लेकर नागरिकों की भावना का पता चलता है।

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English summary
India is a country where every sport is important but do you know that India doesn't have any national game. People or India thinks that Hockey is our nation game but Ministry of youth affairs and sports has never announced hockey as India's national game. cricket, hockey and kabaddi is the most famous game in India.
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