Hybrid Solar Eclipse 2023: क्या है संकर ग्रहण? स्कूल के छात्रों से लेकर UPSC तक के लिए बेहद आवश्यक

Hybrid Solar Eclipse Kya Hai: वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण अब नजदीक ही है। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को होगा। 20 अप्रैल को होने वाला सूर्य ग्रहण हाइब्रिड सूर्य ग्रहण (Hybrid Solar Eclipse) होगा, जो कि सबसे दुर्लभ सूर्यग्रहण में से एक है।

जब हमें कभी ये सुनने को मिलता है कि हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होने वाला है तो सबसे पहले हमारे मन में एक प्रश्न उठता है, कि आखिर ये क्या है? ये कैसा होता है? और इसमें क्या खास होता है, जिसके कारण ये हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहलाता है। इन सभी प्रश्नों का उत्तर आपको इस लेख में मिलेगा।

Hybrid Solar Eclipse 2023: क्या है संकर ग्रहण? स्कूल के छात्रों से लेकर UPSC तक के लिए बेहद आवश्यक

लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण अब केवल स्कूल की पुस्तकों तक ही सीमित नहीं है। बल्कि हर साल आयोजित होने वाली कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में इससे संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यूपीएससी की शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए तो ये और भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा और मेन्स की परीक्षा में सूर्य ग्रहण से संबंधित कई प्रश्न पूछे जाते हैं। भूगोल विषय पढ़ने वाले छात्रों को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

हम ये सोचते हैं कि जैसे हमें सूर्य ग्रहण के बारे में आवश्यक सारी जानकारी प्राप्त है, लेकिन ये कितने प्रकार का होता है और इन सभी में क्या अंतर है, ये जानना सभी के लिए बेहद जरूरी है। अगर आप भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो ये लेख आपके लिए ही है।

हाइब्रिड (संकर) सूर्य ग्रहण क्या है?

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को संकर ग्रहण भी कहा जाता है, जिसमें आपको तीन प्रकार के सूर्य ग्रहण देखने को मिलते हैं। इसमें आपको आंशिक, पूर्ण और वलयाकार (कुंडलाकार) सूर्य ग्रहण देखने को मिलता है।

- संकर ग्रहण एक दुर्लभ प्रकार का सूर्य ग्रहण है, जो चंद्रमा की छाया के अनुसा अपना स्वरूप बदलता है। इसमें पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा की छाया पृथ्वी को पूरी तरह से कवर कर लेती है, इस प्रकार पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है, जिसे डायमंड रिंग भी कहा जाता है। पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीधी लाइन में होते हैं।

- दूसरी तरफ संकर ग्रहण में कुंडलाकार ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, सूर्य को केवल 97 प्रतिशत कवर करता है। जिसमें ये सूर्य के बीच के भाग को कवर करता है और अन्य क्षेत्र इसकी पहुंच से बाहर होते हैं। कुंडलाकार सूर्यग्रहण फायर ऑफ रिंग के रूप में दिखता है। इस दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी न केवल एक सीधी लाइन में, बल्कि एक ही तल में भी होते हैं।

- संकर ग्रहण में आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा की उपछाया पृथ्वी पर पड़ती है। लेकिन बता दें कि ये उसकी प्रच्छाया नहीं होती है। इसमें चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को कवर करता है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि इस समय में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी लाइन में नहीं होते।

संकर सूर्यग्रहण सदियों में एक बार देखने को मिलता है। इस सूर्य ग्रहण की यही सबसे खास बात है कि आपको एक ही ग्रहण में अन्य तीन प्रकार के ग्रहण देखने को मिलते हैं। इसलिए इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है।

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहां और किस समय देखा जा सकता है

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होने वाला है, लेकिन ये भारत में नहीं देखा जा सकता। ऐसे में यह आंशिक सूर्य ग्रहण ही हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहलाएगा, जो कि् पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी इंडोनेशिया और पूर्वी तिमोर में देखा जा सकता है। इस आंशिक सूर्य ग्रहण की शुरुआत 20 अप्रैल को सुबह 3:34 बजे से होगी, जो कि सुबह 6:32 बजे तक दिखाई देगा। इस दौरान 4:29 बजे से 4:30 बजे (यानी 1 मिनट के लिए) के बीच लोगों को पूर्ण सूर्य ग्रहण भी दिखाई देगा।

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English summary
What is Hybrid Solar Eclipse: The first solar eclipse of the year is just around the corner. The first solar eclipse of this year will happen on 20 April. The solar eclipse on April 20 will be a hybrid solar eclipse. On hearing the name of hybrid solar eclipse, first of all a question arises in our mind, what is it? How does this happen? And what is special about it. Let us tell you.
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