जानिए क्या है 8+8+8 का नियम, क्या सच में इससे जिंदगी को आसान बनाया जा सकता है?

8+8+8 is Rule Of Life: आज के समय में लोग अपने कार्य में इतना व्यस्त होते जा रहे हैं कि वह न अपनी पर्सनल लाइफ की चिंता करते हैं न ही अपनी सेहत का ध्यान रखते हैं। वर्क-हॉलिक होना गलत नहीं है लेकिन अपनी सीमाओं को पार करते हुए कार्य करना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक है। अपने कार्य और व्यक्तिगत जीवन को बैलेंस करना सभी के लिए आवश्यक है। ताकि आप किसी एक ही जीवन में उलझ कर न रह जाएं। जितना आवश्यक आपके लिए कार्य है, उतना ही आवश्यक आपके लिए आपका परिवार और आपकी पर्सनल लाइफ होनी चाहिए, ताकि आपकी लाइफ में बैलेंस बना रहे और साथ ही साथ आपकी मानसिक स्थिति भी तंदुरुस्त रहे।

अपने स्वास्थ्य, पर्सनल लाइफ और वर्क लाइफ को बैलेंस करने का सबसे बेहतर उपाय है- '8+8+8' का नियम। यदि आप इस नियम को फॉलो करते हैं तो आपका जीवन साकार है। ये सच है कि ये नियम फॉलो करना मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन तो नहीं। देखा गया है कि बुरी आदतें आसानी से नहीं जाती लेकिन किसी अच्छी आदत को सीखना मुश्किल नहीं होता। अगर आप '8+8+8' के इस नियम को सीख जाते हैं और इसे पूरी तरह से फॉलो करते हैं तो सच मानिए... आपकी वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ बैलेंस हो जाएगी। आपके कार्यों में 'आउट ऑफ द बॉक्स' जाकर सोचने की क्षमता तो विकसित तो होगी ही। साथ ही साथ आप अपनी पर्सनल लाइफ और स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे पाएंगे, जिससे आप हमेशा कूल रहेंगे और आपका अपने कार्यों में मन भी लगा रहेगा।

जानिए क्या है 8+8+8 का नियम, क्या सच में इससे जिंदगी को आसान बनाया जा सकता है?

आज के समय में लोग 12 से 14 घंटे काम करते हैं, जिसके कारण उनकी पर्सनल लाइफ प्रभावित होती है। एक समय बाद इतना अधिक काम करने से आए फ्रस्ट्रेशन के कारण उनकी वर्क लाइफ भी प्रभावित होती है। इस परेशानी से बाहर निकलने के लिए हम आपको बताएंगे कि क्या है ये '8+8+8' का नियम और किस तरह से ये आपको लाभ पहुंचा सकता है?

क्या है '8+8+8' का नियम?

'8+8+8' का नियम हमारे जीवन को अनुशासित करने में सहायक होता है। एक दिन में हमारे पास 24 घंटे होते हैं, जिसे तीन हिस्सों में बांटे तो '8+8+8' का समय बनता है। ये नियम इसी पर निर्भर करता है। एक तरह से ये नियम टाइम मैनेज करने का सबसे सही तरीका है, जो आपके अनुशासन को भी दर्शाता है।

आमतौर पर हम अपने 24 घंटों के समय को कई भाग में बांट देते हैं। लेकिन फिर भी न हीं अपना काम पूरा कर पाते हैं और न हीं नींद पूरी हो पाती है और न हीं पर्सनल लाइफ को समय दे पाते हैं। ऐसे में हमें शारीरिक थकान रहती है जो हमें काफी परेशान करती है और फिर दूसरे दिन भी यही स्थिति बनी रहती है। लेकिन अगर आप इस नियम को अपने जीवन में उतारते हैं तो आप काफी खुशनुमा और स्वस्थ महसूस कर पाएंगे।

शुरुआती समय में इसे फॉलो करना बहुत मुश्किल हो सकता है लेकिन अगर आप ठान लें कि ये नियम फॉलो करना ही करना है तो सच मानिए, आपको इसका लाभ कुछ ही दिनों में दिखना शुरू हो जाएगा। आपको बता दें कि ये नियम केवल वर्क लाइफ वालों के लिए ही नहीं है बल्कि इसका इस्तेमाल छात्रों के लिए भी लाभकारी होगा। अभी इसे आदत बनाने से आपको आगे चलकर दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है ये '8+8+8' का नियम...

लाइफ में एक संतुलन बनाने के लिए '8+8+8' का नियम बनाया गया है- जिसमें 8 घंटे का व्यक्तिगत समय यानी पर्सनल टाइम, 8 घंटे का वर्क लाइफ और 8 घंटे का आराम। इन्हीं तीन स्तंभों पर टिका है ये नियम। आपका दृढ़ निश्चय आपको इस नियम के अनुसार कार्य करने में सहायता करता है।

8 घंटे का काम

नौकरी कर पैसे कमाना और एक अच्छा करियर बनाना सभी का सपना होता है। पैसे आप अपने परिवार के लिए कमाते हैं लेकिन यदि आप उन्हें समय ही ना दें तो क्या ये सही होगा। आप समय के साथ अपने काम में फंसते जाते हैं और अपने प्रियजनों से दूर होने लगते हैं। इसलिए कहा जाता है कि बैलेंस लाइफ एक स्वस्थ जीवन यापन के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए आपको अपने वर्क और पर्सनल लाइफ में संतुलन बनाने की आवश्यकता है।

'8+8+8' का ये नियम इसी बात पर आधारित है। इसके अनुसार आपको अपने एक दिन के 24 घंटे के समय में से 8 घंटे का पूरा समय अपने काम को देना चाहिए। इसे संतुलित करने के लिए आपको दी गई इन टिप्स को फॉलो करना चाहिए -

1. वर्कलोड को मैनेज करें - वर्कलोड को बांटना शुरू करें। सारा काम खुद न करके वर्क असाइन करें और आवश्यक व महत्वपूर्ण कार्य के अंतर को समझें।

2. सीमाओं का निर्धारण - काम की थकान को कम करने के लिए अपने कार्यकाल का समय निर्धारित करें। कम काम और अधिक काम के बीच सीमाएं बनाएं।

3. ना कहना सीखें - कई ऐसे लोग होते हैं जो 'ना' नहीं कह पाते या काम करने की उनकी इच्छा इतनी प्रबल होती है कि उनके लिए 'ना' कहना मुश्किल हो जाता है। आपको समय के अनुसार 'ना' कहना सीखना होगा। एक्स्ट्रा वर्क लोड लेने से बेहतर है कि आप अपने काम पर ध्यान दें। आपका समय आपके कार्यों के लिए है। उदाहरण के तौर पर यदि आपको लगता है कि आपके पास पहले से ही बहुत अधिक काम है तो नए काम को मत लें। अपने पूराने कामों को पहले निपटाए फिर किसी भी अन्य काम के बारे में सोचें। सामने के व्यक्ति को बताएं कि आपके पास पहले से ही बहुत काम है।

4. सुबह के दैनिक कार्यों को परिभाषित करें - एक लिस्ट तैयार करें और अपने सुबह के दैनिक कार्यों को इसमें शामिल करें। ताकि आप समय के अनुसार काम कर सकें। एक सूची बनाएं और उसके अनुसार अपनी दिनचर्या प्लान करें।

5. समय बर्बाद करने वाली वस्तुओं को दूर रखें - जब आप काम कर रहे हैं तो जो वस्तुएं आपका समय बर्बाद कर सकती है, उनसे दूरी बनाएं। जैसे सोशल मीडिया, अनआवश्यक फोन कॉल और ऑफिस गॉसिप आदि से दूर रहें, ताकि आपका समय बर्बाद न हो।

8 घंटे का व्यक्तिगत समय (पर्सनल टाइम)

सेल्फ लव, सेल्फ केयर सभी के लिए अति आवश्यक है। यदि आप अपना ध्यान नहीं रखेंगे तो कौन रखेगा। इस नियम में 8 घंटे का समय आपको अपनी पर्सनल लाइफ के लिए निकालना है। इस समय में आप अपने पसंद के कार्य कर सकते हैं।

सेल्फ केयर - अपने स्वास्थ्य का ध्यान आपको ही रखना है, इसके लिए आप सुबह उठकर अपने व्यक्तिगत कार्य पूरा कर योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज कर सकते हैं।

अपनी पसंद के कार्य में शामिल हों - अपने इस पर्सनल टाइम में आप अपने पसंद के कार्य जैसे, किताब पढ़ना, संगीत और नृत्य का अभ्यास करना, पेंटिंग करना, खाना बनाना या घूमने जाना आदि जैसे कार्य कर सकते हैं। यदि आप लंबे समय से किसी नए कार्य को करने के बारे में सोच रहे हैं तो ये सही समय है। अपने इस समय में आप उन नई चीजों को सीख सकते हैं या पुरानी चीजों को और बेहतर बनाने का काम कर सकते हैं।

परिवार और दोस्तों को समय दें - अपने व्यक्तिगत समय में आपको अपने प्रियजनों के साथ रहने का समय मिलता है, जिसमें आप उनके साथ समय बिताते हैं, उनकी जीवन में चल रहे उतार चढ़ाव के बारे में जानते हैं। अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताकर आप अपनी पुरानी यादों को ताजा कर सकते हैं और नई यादें बना सकते हैं। ऐसा करने से आपकी मानसिक स्थिति भी अच्छी रहेगी और आप बेहतर महसूस कर पाएंगे।

8 घंटे का आराम

एक अच्छी नींद आपके दिन को अच्छा बना सकती है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है। इस नियम में तीसरा 8 यानी 8 घंटे व्यक्ति के आराम को दर्शाता है। आपको यह समझने की जरूरत है कि जितना आवश्यक काम है, उतनी ही जरूरी आपकी नींद भी है। यदि आपको पर्याप्त आराम नहीं मिलता है तो आपका अगला दिन थकान से भरा हो सकता है जो आपके पूरे दिन को खराब कर सकता है और आलस से भर सकता है।

1. अच्छी नींद प्राप्त करने के लिए एक शांत वातावरण बनाएं।
2. सोने का समय तय करें। ऐसा करने से तय समय होते ही आपको खुद-ब-खुद नींद आनी शुरू हो जाएगी।
3. सोने से पहले फोन और टीवी आदि का प्रयोग कम करें। ताकि आपकी नींद की गुणवत्ता बढ़ सकें।

आपने अक्सर डॉक्टरों को कहते सुना होगा कि एक स्वस्थ जीवन के लिए 8 घंटे की नींद काफी महत्वपूर्ण है तो आपको भी इसी पैटर्न को फॉलो करना है और 8 घंटे की नींद के इस नियम को अपनाना है। इस नियम को अपने जीवन में गंभीरता से लें और फिर देखिए इस नियम को अपनाने से आपका दिन कितना खूबसूरत बन जाता है।

'8+8+8' का ये नियम केवल 24 घंटो को तीन हिस्सों में बांटने पर ही निर्भर नहीं करता है। ये निर्भर करता है कि आप इसे कितना गंभीरता से लेते हैं और अपने इस '8+8+8' के समय को बैलेंस करने के लिए कितने हिस्सों में बांटते हैं।

इस नियम को लेकर काफी लोग सवाल भी करते हैं कि 8 घंटे की नींद और वर्क लाइफ अगर बैलेंस भी कर ली जाए तो क्या 8 घंटे की पर्सनल लाइफ बैंलस हो पाएगी। क्योंकि इसमें काफी समय तो ट्रैवल में चला जाता है। ये आप पर निर्भर करता है कि ट्रैवल के उस समय को आप कैसे प्रयोग में लाते हैं। आप ट्रैवल के दौरान किताबें पढ़ सकते हैं या फिर किसी अपने से बातें कर सकते हैं या अपने मोबाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरीके से अपने समय का प्रयोग करते हैं।

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English summary
8+8+8 is Rule Of Life: The best way to balance your health, personal life and work life is the rule of '8+8+8'. If you follow this rule then your life is real. It is true that it is difficult to follow these rules, but it is not impossible. Let us tell you what is this rule of '8+8+8' and how it can benefit you?
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