Best Books of Swami Vivekananda: हर साल भारत में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रिय युवा दिवस मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद 18वीं शताब्दी के एक आध्यात्मिक नेता, दार्शनिक और समाज सुधारक थे। उनका जन्म वर्तमान कोलकाता में 12 जनवरी, 1863 को एक कुलीन बंगाली परिवार में हुआ था। स्वामी विवेकानंद एक प्रखर विचारक, एक महान वक्ता और एक भावुक देशभक्त थे, इस वर्ष देश भर में स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती मनाई जा रही है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको स्वामी विवेकानंद की कुछ प्रमुख पुस्तकों के बारे में बताते हैं, जिन्हें आपको अवश्य पढ़ना चाहिए। और साथ ही अन्य लोगों को भी इन किताबों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
स्वामी विवेकानंद की 10 सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें
1. राज योग
स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखित पुस्तक "राज योग" उनकी सबसे फेमस पुस्तकों में एक है। इस पुस्तक में विवेकानंद ने पतंजलि के योग सूत्र की व्याख्या की है जो कि पश्चिमी दर्शकों के लिए अनुकूलित है। "राज योग" पुस्तक 1896 में जुलाई के महीने में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक में योगों के राजा राजयोग की न सिर्फ व्याख्या की गई है बल्कि योग से संबंधित सभी जरूरी साधनों और परिणामों पर गंभीर चर्चा भी की गई है।
2. ध्यान और इसकी विधियां
स्वामी विवेकानंद की ध्यान और इसकी विधियां नामक पुस्तक इससे परे कई कारकों को छूती है। यह एक मार्गदर्शक की तुलना में एक दार्शनिक पुस्तक अधिक है। इस पुस्तक का प्रत्येक व्यक्तिगत खंड अपने आप में अद्भुत जीवन पाठों से भरा हुआ था। बता दें कि ध्यान करने के तरीके पर उत्कृष्ट यह पुस्तक, केवल ध्यान के व्यावहारिक तरीके ही नहीं बताती बल्कि इसके पीछे के दर्शन और ध्यान के अंतिम लक्ष्य की व्याख्या करती है। इस पुस्तक में ध्यान करने के दो तरीकों का वर्णन किया गया है; एक राज-योग के माध्यम से (मन के नियंत्रण के माध्यम से) और दूसरा वेदांत को समझने के माध्यम से - अद्वैत (आत्मा और ब्रह्म)। यह पुस्तक आपको यह समझने में मदद करेगी है कि वास्तविक ध्यान क्या है, ध्यान की शक्ति क्या है और ध्यान कैसे हर इंसान के जीवन में ज्ञान, खुशी और शांति ला सकता है।
2. गीता पर विचार
स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखित पुस्तक "गीता पर विचार" पढ़ने के एक सर्वश्रेष्ठ पुस्तक है। बता दें कि भगवद गीता हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसके ऊपर इस पुस्तक में स्वामी विवेकानंद के निजी विचार लिखित है।
3. धर्म क्या है: स्वामी विवेकानंद के शब्दों में
"धर्म क्या है: स्वामी विवेकानंद के शब्दों में" यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद की सबसे अद्भुत पुस्तकों में से एक है, जो कि धर्म जैसे जटिल मुद्दों पर विचारों की अद्भुत स्पष्टता प्रदान करती है। इस पुस्तक में स्वामी विवेकानंद ने अपनी दृष्टि अनुसार धर्म की व्याख्या की है। दरअसल, स्वामी विवेकानंद की पुस्तकें हिंदू धर्म और उसके विभिन्न मानकों को समझना वास्तव में आसान बनाती हैं। और यह पुस्तक वेदांत के माध्यम से सत्य को प्रसारित करता है।
4. भक्ति योग
स्वामी विवेकानंद ने 1896 में प्रकाशित अपनी इस किताब में कहा है कि भक्ति योग भगवान के लिए एक वास्तविक खोज है, जो प्रेम में शुरू, जारी और समाप्त होती है। ईश्वर के प्रति अत्यधिक प्रेम के पागलपन का एक क्षण हमें शाश्वत मुक्ति प्रदान करता है। जब मनुष्य इसे प्राप्त करता है, तो वह सबसे प्रेम करता है, किसी से घृणा नहीं करता; वह हमेशा के लिए संतुष्ट हो जाता है।
5. कर्मयोग
स्वामी विवेकानंद ने दिसंबर 1895 से जनवरी 1896 तक न्यूयॉर्क शहर में 228 डब्ल्यू 39 वीं स्ट्रीट में अपने किराए के कमरों में कई व्याख्यान दिए। जिसमें की स्वामी विवेकानंद के मित्रों और समर्थकों ने एक पेशेवर आशुलिपिक गुडविन को काम पर रखा, जिन्होंने उनके कुछ व्याख्यानों को प्रसारित किया और बाद में इस पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया। कर्म योग (द योग ऑफ एक्शन') स्वामी विवेकानंद द्वारा व्याख्यान की एक पुस्तक है जो कि जोसेफ जोशिया गुडविन द्वारा लिखित है। इस पुस्तक को फरवरी 1896 में न्यूयॉर्क शहर में प्रकाशित किया गया था।
6. ज्ञानयोग
'ज्ञानयोग' भी जोसेफ जोशिया गुडविन द्वारा लिखित एक पुस्तक है जो कि स्वामी विवेकानंद के व्याख्यानों पर आधारित है। इस पुस्तक में विवेकानंद के 'ज्ञान का योग' से संबंधित व्याख्यान दिए गए है जो कि उन्होंने मुख्य रूप से न्यूयॉर्क और लंदन में दिए गए थे। ये व्याख्यान एक पेशेवर आशुलिपिक गुडविन द्वारा रिकॉर्ड किए गए थे, जो बाद में स्वामी विवेकानंद के शिष्य बन गए थे। इस पुस्तक का प्रकाशन 1899 में किया गया था।
7. लेक्चर्स फ्रॉम कोलंबो टू अल्मोड़ा
स्वामी विवेकानंद की पुस्तक 'लेक्चर्स फ्रॉम कोलंबो टू अल्मोड़ा' का प्रकाशन 1897 में किया गया था। बता दें कि यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद के पश्चिम से लौटने के बाद श्रीलंका और भारत में दिए गए व्याख्यानों पर आधारित है।
8. माई मास्टर
माई मास्टर 1901 में प्रकाशित न्यूयॉर्क और इंग्लैंड में स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए दो व्याख्यानों से संयुक्त अंग्रेजी पुस्तक है। इस पुस्तक में स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण को श्रेय दिया है और कहा है कि मैं अपने गुरु के लिए ऋणी हूं, गलतियां सिर्फ मेरी हैं।
9. ईश्वर के साथ एक बनो
'ईश्वर के साथ एक बनो' इस पुस्तक में स्वामी विवेकानंद के 1863 उद्धरण हैं जिन्हें 12 अध्यायों में विभाजित किया गया है। उद्धरणों का चयन इस तरह से किया गया है कि इसके बारे में सोचा जा सके और इसे हमारे दैनिक जीवन में शामिल किया जा सके। स्वामी विवेकानंद पुस्तकें वास्तव में अद्भुत हैं यह उनमें से एक है।
10. भारतीय नारी
'भारतीय नारी' इस पुस्तक में भारत में महिलाओं की स्थिति के ऊपर स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए भाषणों का उल्लेख है। स्वामी विवेकानंद ने इस पुस्तक में मारतीय महिलाओं के कद और महिमा का भी वर्णन किया है।