General Bipin Rawat Death News देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की बुधवार को एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई। वे तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के सुलूर एयरफोर्स स्टेशन से वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। हेलीकॉप्टर में उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 14 लोग सवार थे। हादसे में जनरल रावत व उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। हेलीकॉप्टर में मौजूद वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह गंभीर रूप से घायल हैं। बुधवार दोपहर करीब 12:22 बजे हुए इस हादसे के बाद घायलों को वेलिंगटन के बेस अस्पताल ले जाया गया था। शाम को एयरफोर्स ने आधिकारिक रूप से जनरल रावत व उनकी पत्नी की मौत की पुष्टि की। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस खबर की पुष्टि करते हुए हादसे पर शोक जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी हादसे पर संवेदनाएं व्यक्त कीं।
सीडीएस से पहले सेनाध्यक्ष के पद पर रहे जनरल बिपिन रावत के परिवार में दो पुत्रियां हैं। हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वालों में जनरल रावत व उनकी पत्नी के अलावा ब्रिगेडियर एल.एस. लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरुसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी साई तेजा, हवलदार सतपाल, विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (पायलट), स्कवॉड्रन लीडर के सिंह (को-पायलट), जूनियर वारंट ऑफिसर दास व जूनियर वारंट ऑफिसर ए प्रदीप शामिल हैं। हेलीकॉप्टर में मौजूद डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के डायरेक्टिंग स्टाफ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत गंभीर है।
सेना के सर्वोच्च अधिकारी के पद पर रहते हुए ऐसे हादसे में मौत की यह पहली घटना है। एयरफोर्स ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। जब हादसे की खबर आई तो केंद्रीय कैबिनेट की बैठक चल रही थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कैबिनेट बैठक से निकलकर सीधे जनरल रावत के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे। बुधवार शाम सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में सदस्यों ने जनरल रावत को श्रद्धांजलि दी। जनरल रावत व उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर गुरुवार को दिल्ली लाए जाएंगे। शुक्रवार को दिल्ली कैंट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। सरकार गुरुवार को हादसे पर संसद में बयान देगी।
जन्म: 16 मार्च 1958
निधन: 8 दिसंबर 2021
नाम: जनरल बिपिन रावत
पत्नी का नाम: मधुलिका रावत
हाइलाइट्स
हेलीकॉप्टर के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वाॅयस रिकॉर्डर की जांच से ही हादसे के कारण सामने आएंगे।
मांद में घुस दुश्मन को मारने की शुरुआत रावत ने की थी, म्यांमार से बालाकोट तक यही ट्रेंड
काफी नीचे उड़ रहा था हेलीकॉप्टर...पेड़ों से टकराकर आग लगी
मृतकों में जनरल रावत की पत्नी भी...आज दिल्ली लाए जाएंगे शव, शुक्रवार को दिल्ली कैंट में अंत्येष्टि
एमआई-17 हेलीकॉप्टर में 14 लोग थे, जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत गंभीर, इलाज जारी
चीन की हर कुटिल चाल का जवाब थे जनरल रावत, हादसे से 4 दिन पहले भी बातों में चीन का जिक्र था
मौका 4 दिसंबर को नौसेना दिवस पर चीफ के आवास पर होने वाले रिसेप्शन का था जिसमें जनरल बिपिन रावत ने अपने अंदाज में पत्रकारों से बेबाक बातचीत की थी। इसमें चीन के साथ एलएसी पर तनाव की चर्चा भी शामिल थी। तनातनी कब खत्म होगी, इस सवाल पर उन्होंने इशारों-इशारों में कहा था कि दुश्मन खेल शुरू कर सकता है लेकिन खत्म करना उसके हाथ में नहीं होता। सैन्य बिरादरी में 'बीरा' नाम से लोकप्रिय जनरल रावत ने चीन के साथ चली पूरी तनातनी के दौर में सैन्य नेतृत्व किया और कैलाश रेंज की तैनाती का मास्टर स्ट्रोक खेला था। चीन इस रणनीति के सामने मात खा गया था।
लोग बोले-हेलीकॉप्टर में लोग जलते हुए मदद मांग रहे थे
हादसा कुन्नूर में नीलगिरी की पहाड़ियों के बीच हुआ है। एक स्थानीय के. नारायणन के मुताबिक बुधवार को बहुत धुंध थी। एक तेज आवाज सुनी और फिर दूर से आग की लपटें दिखाईं दीं। पी. कृष्णास्वामी के मुताबिक तेज आवाज सुन वे घर से निकले तो देखा कि हेलीकॉप्टर पेड़ों से टकरा घाटी में क्रैश हो गया था। उन्होंने कहा-हेलीकॉप्टर लपटों से घिरा था। कुछ लोग हेलीकॉॅप्टर से बाहर कूदे...वे जल रहे थे और मदद के िलए पुकार रहे थे।
कैसे हुआ बेस से सिर्फ 10 किमी. पहले हादसा...अत्याधुनिक था हेलीकॉप्टर, फ्लाइट क्रू की दक्षता भी सर्वोच्च स्तर की
ये कारण नहीं हो सकते...
1. हेलीकॉप्टर की खराब गुणवत्ता: एमआई-17वी5 तकनीकी कुशलता में बेजोड़ है। हेलीकॉप्टर में वेदर रडार व अत्याधुनिक नाइट विजन मौजूद है।
2. तकनीकी खामी या छेड़छाड़: उड़ान से पहले ट्रिपल चेक होते हैं। सुलूर व वेलिंगटन दोनों ही सैन्य प्रतिष्ठान हैं। बाहरी छेड़छाड़ संभव नहीं।
3. फ्लाइट क्रू की क्षमता: ए-मास्टर ग्रीन सर्टिफाइड पायलट थे, जिनकी परीक्षा में बैठने के लिए 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव चाहिए।
4. ओवरलोड: 24 लोग बैठ सकते थे, 14 बैठे थे। हेलीकॉप्टर की पेलोड क्षमता 4000 किलो है।
5. इंजन फेलियर: हेलीकॉप्टर ट्विन इंजन वाला था। इस ऊंचाई पर एक इंजन काफी था।
शक मौसम पर... अचानक धुंध होने से दृश्यता 5 मी. से भी कम
रक्षा विशेषज्ञ, रिटायर्ड मेजर जनरल पीके सहगल के मुताबिक जहां हादसा हुआ, उस वेस्टर्न घाट पर मौसम अचानक बदलता है। विजिबिलिटी अचानक घटकर 5 मीटर रह जाती है। ऐसे में विमान के सामने कुछ भी नजर नहीं आता। न ही पेड़ और न ही पहाड़। यहां इमरजेंसी लैंडिंग के लिए भी जगह नहीं मिली। तस्वीरों में स्पष्ट है कि पायलट लैंडिंग का प्रयास नहीं कर पाया।
जवानों को वॉट्सएप नंबर दे रखा था...सबकी समस्याएं सुलझाते थे
जनरल बिपिन रावत जब सेना प्रमुख थे तो मुझे उनके ठीक नीचे एजूटेंट जनरल की जिम्मेदारी संभालने का अवसर मिला। उस दौरान जनरल रावत को बहुत करीब से जानने का मौका मिला। उनके साथ सेना में लंबी पारी खेली। उनके व्यक्तित्व के कई पहलू सामने आए। वह जवानों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। उनकी हर छोटी बड़ी शिकायतों का समाधान करते थे। हर रविवार को उनका घर जवानों के लिए खुला था। सीडीएस बनने के बावजूद उन्होंने यह सिलसिला जारी रखा था। सेना प्रमुख के तौर उन्होंने जवानों के लिए अपना वॉट्सएप नम्बर उपलब्ध कराया था ताकि वे सीधे चीफ तक पहुंच बना सकें। मुझे याद है कि मेरे सामने एक जवान उनके पास बड़ी टेढ़ी शिकायत लेकर आया था। जवान को शराब की लत के कारण एफ-5 कैटेगरी में डाल नौकरी से निकालने का आदेश जारी कर दिया गया था। जवान का कहना था कि उसके अफसर को इसी गलती की वजह से नशामुक्ति के प्रोग्राम में डाला गया है, फिर जवान के साथ भेदभाव क्यों। जनरल रावत ने उसका बर्खास्तगी आदेश रद्द करवा दिया। बोले-जवान हो या अफसर, कोई भेदभाव नहीं होगा। जनरल रावत का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस था। इस रास्ते में वह किसी भी बाहरी दबाव में कभी नहीं आते थे। सेना संगठन में सुधार के लिए वे कई परिवर्तनों के सूत्रधार रहे। मौजूदा थियेटर कमांड उन्हीं का ब्रेन चाइल्ड है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के बैचमेट थे ब्रिगेडियर लिड्डर
ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के बैचमेट थे। राठौड़ ने कहा-1993 में हमने एक साथ आतंक के खिलाफ जंग लड़ी थी। एकसाथ नेशनल डिफेंस एकेडमी में ट्रेनिंग ली थी। भारत ने अपने सबसे प्रतिभाशाली और सबसे बहादुर अफसरों में से एक को खो दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हेलीकॉप्टर धुंध में काफी नीचे उड़ रहा था। पहले पेड़ से टकराया और उसमें आग लग गई। जलता हुआ हेलीकॉप्टर घाटी में क्रैश हो गया।
अगला सीडीएस कौन...वरिष्ठता में जनरल नरवणे सबसे आगे
नए सीडीएस का फैसला राजनीतिक स्तर पर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नियुक्ति मामलों की कैबिनेट समिति ही इस पर अंतिम फैसला लेगी।
अभी सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे तीनों सैन्य प्रमुखों में वरिष्ठ, वायुसेना प्रमुख दूसरे नंबर पर। हालांकि इस नियुक्ति में वरिष्ठता ही पैमाना रहे, जरूरी नहीं।
यदि जनरल नरवणे को सीडीएस बनाया जाता है तो उनके बाद सबसे वरिष्ठ उत्तरी कमान के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई.के. जोशी नए सेनाध्यक्ष बन सकते हैं।