Science And Technology Scenario 2023: बीते सालों की तरह ही साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन होने वाले विकास की रफ्तार इस वर्ष और भी बढ़ेगी। इसके चलते स्पेस साइंस से लेकर एग्रीकल्चर, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, कंप्यूटर इनोवेशन जैसे तमाम क्षेत्रों में हमें कई तरह के बदलाव और काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। इन्हीं संभावित बदलावों पर विहंगम दृष्टि।
आज के दौर में विज्ञान-प्रौद्योगिकी किसी देश-समाज के केवल विकास में ही योगदान नहीं देते, इससे देश की सुरक्षा, वैश्विक प्रतिष्ठा जुड़ी होती है और आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में भी इसकी बड़ी भूमिका होती है। यही वजह है कि हर देश इस दिशा में निरंतर प्रगति करने की कोशिश में लगा रहता है। अपना देश भी साल-दर- साल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। बीता बरस तकनीकी इनोवेशन और डिजिटल क्षेत्र में बदलावों का साल था तो यह चलन इस वर्ष भी निरंतर जारी रहेगा। और भी बहुत कुछ नया इस साल देखने को मिलेगा, जिसके बारे में आप जरूर जानना चाहेंगे।
5जी का बढ़ेगा प्रसार
2023 में 5जी नेटवर्क का प्रसार पूरे देश के अधिकांश क्षेत्रों तक होने की संभावना है। इसके चलते रोबोटिक सर्जरी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के क्षेत्र में भी शुरुआती अनुभव और विकास का पता चलेगा। मेटावर्स का अनुभव भी मिलना शुरू हो जाएगा।
पूरे होंगे कई स्पेस मिशन
इस साल देश-दुनिया के लोगों की निगाहें आसमान की ओर भी रहेंगी, क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो इस साल बहुत व्यस्त रहने वाला है। छोटे-बड़े तमाम देशी-विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण के साथ कुछ इंजनों और गगनयान के ऑर्बिट टेस्टिंग के अलावा जून में 'चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण होना है। अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र की जो ऐतिहासिक शुरुआत 2022 में हुई है, इस साल उसमें नए आयाम जुड़ेंगे, यह निश्चित है।
पूरे होंगे कई मिशन
विजुअल आधारित ड्रोन टेक्नोलॉजी, डीप ओशन मिशन, नेशनल सुपर कंप्यूटर मिशन, सेमीकंडक्टर मिशन, मिशन हाइड्रोजन विजन-आधारित ड्रोन निर्माण जैसे अभियानों की उपलब्धियां इसी साल देखने को मिलेंगी तो रक्षा क्षेत्र में कुछ परियोजनाएं इसी साल पूरी होंगी। बीते साल रिजर्व बैंक ने अपनी डिजिटल मुद्रा जारी की, उसका चलन और प्रदर्शन कैसा रहता है, यह अपने उद्देश्यों की तरफ किस रफ्तार से बढ़ता है, देश इसी साल देखेगा।
विकसित होगी एआई
बीते बरसों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई फोकस और उसकी चुनौतियों की दिशा बहुत स्पष्ट हुई हैं। कस्टमर सर्विस, पर्चेज, बैंकिंग, हेल्थ सर्विस, व्यवसाय लेखा, पब्लिक सिक्योरिटी, खुदरा, शिक्षा और सार्वजनिक परिवहन जैसे कई क्षेत्रों, उद्योगों में मूलभूत बदलाव लाने के लिए यह एक प्रेरक साबित हुआ है। इस साल यह बिग डाटा के साथ मिलकर देश में ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, मेमोरी एमुलेशन, स्पीच रिकग्निशन, मशीन लर्निंग, प्लानिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग के अलावा कई दूसरे क्षेत्रों में कमाल करेगा। एआई सिस्टम इस साल हमारे व्यापार करने, योजनाएं बनाने और किसी भी उत्पाद को डिजाइन करने का तौर-तरीका बदल देने वाला है। हमारे रोबोटिस्ट, रोबोटिक हार्वेस्टिंग, रीसाइक्लिंग में रोबोटिक सॉर्टिंग और वेयरहाउस पिक एंड प्लेस जैसी उन संभावनाओं की ओर बढ़ने वाले हैं।
विकसित होगी एआई
बीते बरसों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई फोकस और उसकी चुनौतियों की दिशा बहुत स्पष्ट हुई हैं। कस्टमर सर्विस, पर्चेज, बैंकिंग, हेल्थ सर्विस, व्यवसाय लेखा, पब्लिक सिक्योरिटी, खुदरा, शिक्षा और सार्वजनिक परिवहन जैसे कई क्षेत्रों, उद्योगों में मूलभूत बदलाव लाने के लिए यह एक प्रेरक साबित हुआ है। इस साल यह बिग डाटा के साथ मिलकर देश में ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, मेमोरी एमुलेशन, स्पीच रिकग्निशन, मशीन लर्निंग, प्लानिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग के अलावा कई दूसरे क्षेत्रों में कमाल करेगा। एआई सिस्टम इस साल हमारे व्यापार करने, योजनाएं बनाने और किसी भी उत्पाद को डिजाइन करने का तौर-तरीका बदल देने वाला है। हमारे रोबोटिस्ट, रोबोटिक हार्वेस्टिंग, रीसाइक्लिंग में रोबोटिक सॉर्टिंग और वेयरहाउस पिक एंड प्लेस जैसी उन संभावनाओं की ओर बढ़ने वाले हैं।
साइबर सिक्योरिटी का चैलेंज
देश ने पिछले साल की पहली तिमाही में 18 मिलियन से अधिक साइबर हमलों का सामना किया था। देश में बढ़ते डिजिटलीकरण को देखते हुए साइबर सिक्योरिटी की चिंता लाजिमी है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का हैक हुआ सर्वर साल के आखिर तक बहाल तो हो गया। लेकिन साइबर सिक्योरिटी, जो पहले भी बड़ा मुद्दा था, अब वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बन गया है। साइबर हमलों और फ्रॉड्स की संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में तेजी से डिजिटल होते देश-समाज के लिए साइबर सिक्योरिटी की दिशा में प्रभावी काम होना भी जरूरी है। साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में देश इस साल कितना आगे बढ़ता है, देखना होगा।