Republic Day 2023: भारत इस साल अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 में मनाया गया था जब भारत एक गणराज्य बना था। 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था। इस उपलक्ष्य को मनाने के लिए हर साल गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाता है। जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। समय के साथ गणतंत्र दिवस पर कई नए कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
लेकिन आज भी गणतंत्र दिवस परेड ही गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण है। जिसे देखने के लिए कई लोग राजपथ पर पहुंचते हैं। बाकि सभी भारतीय टीवी पर 26 जनवरी की परेड का प्रसारण देखते हैं। टीवी पर परेड का प्रसारण देखाना तो हर घर की प्रथा है ऐसा कोई भी नहीं होगा जो परेड का इंतजार न करता होता। हालांकि इस साल आकर्षण के लिए और गणतंत्र दिवस के महत्व को समझाने के लिए कई अन्य तरह के कार्कक्रमों को और शामिल किया गया है।
गणतंत्र दिवस की शुरुआथ देश राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने से की जाती है। अस्कर मन में सवाल आता है कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्र द्वारा झंडा फहराया जाता है लेकिन गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा, ऐसा क्यों है। क्यों राष्ट्रपती स्वतंत्रता दिवस पर झंडा नहीं फहराते या क्यों प्रधानमंत्री गणतंत्र दिवस पर झंडा नहीं फहराते। इसके पीछे क्या कारण है। आइए आपको इस लेख के माध्यम से बताएं।
गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत
हर साल गणतंत्र दिवस पर एक मुख्य अतिथि को आमंत्रति किया जाता है। ये प्रथा वर्ष 1950 से चली आ रही है। हर साल गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर कोई न कोई मुख्य अतिथि होता ही है केवल कोरोना का ही एक समय था जिस दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गणतंत्र दिवस पर कोई मुख्य अतिथि नहीं था। गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने से की जाती है। राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने से ही राष्ट्रगान की शुरुआत होती है और 21 तोपों की सलामी भी उसी दौरान दी जाती है। इसके बाद गणतंत्र दिवस की परेड की शुरुआत होती है। जिसका सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे होते हैं। इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति को अमंत्रित किया गया है। जो इस साल की परेड की शोभा बढ़ाएंगे।
स्वतंत्रता दिवस पर नहीं गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं झंडा
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा झंडा क्यों फहराया जाता है स्वतत्रंता दिवस पर क्यों नहीं या प्रधानमंत्र द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर झंडा क्यों फहराया जाता है गणतंत्र दिवस पर क्यों नहीं, ये सवाल सभी के मन में आता है। इसका उत्तर आज आपको करियर इंडिया के इस लेख के माध्यम से दिया जाएगा।
भारत को स्वतंत्रता वर्ष 1947 में मिली थी और वर्ष 1946 में संविधान समिति का गठन किया गया था ताकि संविधान का निर्माण किया जा सकें। भारत के संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने के समय लगा था। उससे पहले ही भारत आजाद हो गया था। भारत द्वारा जह संविधान को अपनया गया था तब वह एक स्वतंत्र राष्ट्र था। लेकिन उस दौरान राष्ट्रपति के पद पर कोई भी आसीन नहीं था। लेकिन जब संविधान लागू होने लगा उस दौरान भारत से राष्ट्रपति के पद के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद को चुना गया था जो भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने थें और उनका कार्यकाल 26 जनवरी 1950 से यानी पहले गणतंत्र दिवस से ही शुरू हुआ था। क्योंकी राष्ट्रपति राष्ट्र के प्रमुख होते हैं इसलिए गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का सम्मान उन्हें प्राप्त हुआ। यही कारण है कि गणतंत्र दिवस पर झंडा राष्ट्रपति द्वारा फहराया जाता है। इससे आपको आपके पहले प्रश्न का उत्तर मिलता है कि क्यों राष्ट्रपति द्वारा गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया जाता है।
अब आती है दूसरे प्रश्न की बात कि क्यों स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा झंडा नहीं फहराया जाता है। जैसा कि सभी जानते हैं कि भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 में मिली थी। उस दौरान ये तो तय था की भारत का प्रथम प्रधानमंत्र है लेकिन ये तय नहीं था कि भारत का प्रथम राष्ट्रपति कौन बनेगा। उस दौरान भारत के प्रथम प्रधानमंत्र पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। क्योंकि भारत की आजदी के समय राष्ट्रपति के पद कोई नहीं था इसलिए स्वतंत्रता प्राप्त होने पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया गया था। उसके बाद से ये एक प्रथा बन गई कि स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाएगा, जिसे आज तक निभाया जा रहा है।
इस प्रकार आपके दो महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर प्राप्त होते हैं और जानने के मिलता है कि किन कारणों से गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराया जाता है और किन कारणों से स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा झंडा फहराया जाता है। ये दोनों की ऐतिहासिक घटनाएं है और भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण दो दिन हर निवासी को स्वतंत्रता के लिए चल रहे संग्राम के बारे में जानकारी प्रदान करती है।