Republic Day 2023: भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपना महत्व है। तिरगें को भारत की आन-बान-शान माना जाता है। देश के हर निवासी के मन में तिरेंगे को लेकर देश भक्ति की अलग भी भावना होती है। देश के दो बड़े ऐतिहासिक दिवस गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस दोनों की शुरुआत ध्वाजारोहण और राष्ट्रीय ध्वज को फहराने से की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्रता दिवस और गणंतत्र दिवस के दिन पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने में अंतर होता है। क्या आपने इस बात पर कभी ध्यान दिया है। सबने स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए बी देखा है और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति जी की भी राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए देखा है, लेकिन क्या आपने इस अंतर पर कभी ध्यान दिया है कि दोनों दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज तो फहराया जाता है लेकिन दोनों के तरीकें भिन्न है।
आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराए जाने के तरीके में क्या अंतर है। इस बारे में सभी को जानना आवश्यक है। तब आप समझ पाएंगे की ध्वजारोहण और राष्ट्रीय ध्वज फहराने में क्या अंतर होता है और आज की युवा पीढ़ी को इसके बारे में खास तौर पर जानकारी होनी चाहिए।
ध्वजारोहण (फ्लैग होस्टिंग) क्या है?
ध्वजारोहण में राष्ट्रीय ध्वज को खंभे पर नीचे बांधा जाता है जिसे फहराने के लिए ऊपर उठाया जाता है और इसकी को ध्वजारोहण कहा जाता है। स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्र द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। क्योंकि उनके द्वारा बांधी गई रस्सी को खीचा जाता है जिसमें राष्ट्रीय ध्वज नीचे से ऊपर की ओर बढ़ता है और फिर उसे फहराया जाता है।
झंडा फहराना क्या है?
झंडे को फहराने में केवल उसे खोलने की आवश्यकता होती है। इसमें राष्ट्रीय ध्वज को पहले की ऊपर की ओर बांधा जाता है। जिसकी रस्सी को केवल खीचा जाता है ताकि राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जा सकें। भारत के राष्ट्रपति द्वारा झंडे को गणतंत्र दिवस के दिन फहराया जाता है।
ध्वजारोहण और झंडा फहराने में अंतर
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस दोनों ही एक ऐतिहासिक घटना है जिसे हर साल मनाया जाता है। दोनों समारोह में राष्ट्रीय ध्वज सबसे महत्वपूर्ण है लेकिन इसके साथ ध्वज को फहरान में अंतर रखा गया है। अब सवाल ये उठता है कि ऐसा क्यों है। जहां राष्ट्रपति को देश के आधिकारिक तौर पर प्रमुख माना जाता है तो उनके द्वारा ध्वजारोहण क्यों नहीं किया जाता केवल ध्वज को फहराया क्यों जाता है। जो इसका उत्तर केवल इतना है कि भारत गणराज्य बनने से पहले ही स्वतंत्रत हो चुका था इसलिए गणतंत्र दिवस के दिन झंडे को फहराया जाता है। स्वतंत्रता दिवस के दिन ध्वजारोहण किया जाता है। साथ ही आपको बता दें कि स्वतंत्रता के समय प्रधानमंत्र की चयन किया गया था लेकिन उस दौरान राष्ट्रपती के पद पर कोई नहीं था।