Republic Day 2023: 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया था। भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 में प्राप्त हुई थी। जिसके बाद भारत के संविधान का निर्माण हुआ था। 26 नवंबर 1949 में भारत का संविधान को संविधान सभा में अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया गया था। उस दिन से भारत में गणतंत्र दिवस की शुरुआत हुई और कई रिवाजों और प्रथाओं को आपना गया। ये सच है कि साल दर साल गणतंत्र दिवस समारोह में नए कार्यक्रम जोड़े जा रहे हैं लेकिन पारंपरिक रिवाजों को आज भी उतनी ही निष्ठा से निभाया जाता है।
हर साल गणतंत्र दिवस समारोह में अन्य देशों के प्रतिनिधि को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी को आमंत्रित किया गया है। इस साल के गणतंत्र दिवस की शोभा और भी देखने लायक होगी जहां कई तरह के नए कार्यक्रमों को साथ में जोड़ा गया है।
गणतंत्र दिवस संविधान के लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है लेकिन इस दिवस का अब भारतीय विरासत और सांस्कृति का सीधा असर है। हर साल आयोजित होने वाली परेड में भारतीय कला, संस्कृति, समृद्ध विरात, विविधता और प्रतिभा देखने को मिलती है। हर साल परेड में शामिल होने वाली राज्यों की झांकियां परेड में मुख्य आकर्षण का कार्य करती है। आइए आपको गणतंत्र दिवस में कला संस्कृति की भूमिका के बारे में बताएं।
गणतंत्र दिवस परेड
गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत वर्ष 1950 में की गई थी। लेकिन 1950 से 1954 गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन राजपथ की जगह इरविन स्टेडिया, किंग्सवे, रामलीला मैदान या लाल किले पर किया जाता था। वर्ष 1955 में इस राजपथ पर किया जाने शुरू किया गया और तब से हर साल परेड को राजपथ पर किया जाने लगा है। हर साल गणतंत्र दिवस के दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें मुख्य तौर पर कला संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है। जिसमें राज्यों की झांकियां दिखाई जाती है। जिसमें हर राज्य अपना संस्कृति, कला और नृत्य के आदि का प्रदर्शन किया जाता है।
इस साल आदिवासियों नृत्य फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है। बाहर के राज्यों से बुलाय गए अतिथियों को भारत की संस्कृति और विरासत का प्रदर्शन किया जाता है। संस्कृति और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। इस साल गणतंत्र दिवस 2023 में कुल 23 झांकियां निकाली जाएगी। जिसमें से 6 झांकियां मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों की है वहीं 17 झांकियां राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की शामिल होंगी। ये थीम बेसड झांकियां होती है जो कला और संस्कृति से साथ सरकारी योजनाओं के बारे में ज्ञान देती है।
गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य प्रदर्शन कला, संस्कृति और भारतीय विरासत का किया जाता है जो दिवस का मुख्य आकर्षण होता है। गणतंत्र दिवस के बाद कला संस्कृति को और अधिक प्रदर्शित करने के लिए भारत पर्व का आयोजन किया जाता है जिसमें परेड में शामिल सभी झांकियों को लाल किले पर रखा जाता है ताकि आम जनता भी इसका लुफ्ट उठा सकते हैं। साथ ही भारत पर्व पर राज्यों के स्टॉल लगाए जाते हैं और कला का प्रदर्शन किया जाता है। इस साल भारत पर्व में करीब 60 फूल स्टॉल, 65 हस्तकला के स्टॉल लगाए जाएंगे। साथ ही तीनों सेनाओं के बैंड और राज्यों और आदिवासी पारंपरिक नृत्य का आयोजन भी किया जाएगा। ये एक माध्यम से है देश की संस्कृति और सभ्यता को एक साथ लाने का।