भारत में 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय संविधान लागू किया गया था और तभी से हर साल कि दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का बुलाना देश की संस्कृति को दिखाना और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। इस दिवस पर भारत की तीनों सेनाएं राजपथ पर अपना पराक्रम दिखाती है। इसके साथ ही भारत में कई राज्यों की झांकियां दिखाई जाती है। इस साल भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। जिसमें भारत के 17 राज्य हिस्सा लेंगे और अपने राज्य की संस्कृति और नृत्य को प्रदर्शित करेंगे। गणतंत्र दिवस के दिन ही भारत की सुरक्षा करने वाले सैनिकों को परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र से सम्मानित किया जाता है।
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत से होने से पहले तीनों सेना के उच्च अधिकारियो के साथ प्रधानमंत्री, देश के लिए अपनी जान देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजली अर्पित करने के लिए इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योंती पर फूलों की एक रिंगलेट अर्पित करते हैं। जिस प्रकार इस गणतंत्र दिवस पर कई प्रथाओं का पालन किया जाता है। उसी तरह से ये भी एक महत्वपूर्ण प्रथों में से एक है। जिसमें देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाल भारतीय सैनिकों का स्ममान किया जाता है।
अमर जवान ज्योती भारतीयो के लिए प्रतीक है जो हमें 1971 और अन्य अवसरों पर शहीद हुए सैनिकों की याद दिलाता है। इसलिए आज इस लेख के माध्य्म से हम आपको अमर जवान ज्योती से जुडे़ कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताएं। आइए जाने-
अमर जवान ज्योती से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
• अमर जवान ज्योती की स्थापना इंडिया गेट पर की गई है। वर्ष 1931 में इंडिया गेट का उद्घाटन किया गया था। इंडिया गेट को बनने में करीब 10 वर्ष का समय लगा था। वर्ष 1971 में हुई भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में इसे बनाने का फैसला लिया गया और इसे इंडिया गेट के पर स्थापित किया गया।
• 1971 में अमर जवान ज्योती के निर्माण के फैसले के बाद इसे बनाने में करीब एक साल का समय लगा और 26 जनवरी 1972 यानी गणतंत्र दिवस के दिन भारत की तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अमर जवान ज्योति का उद्घाटन किया गया।
• वर्ष 1971 से अमर जवान ज्योति की लौ लगातार जलती रही है। ये सैनिकों की अमरता का प्रतीक है। लौ हमेशा जलती रहे इसे सुनिश्चित करने के लिए वहीं साथ में नीचे की तरफ एक कमरे का निर्माण किया गया है जिसमें एक व्यक्ति हमेशा रहता है, जो इस बात का ध्यान रखता है।
• अमर जवान ज्योति की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखने के लिए वहा तीनों सेनाओं के सैनिक हमेशा तैनात रहते हैं। साथ ही तीनों सेनाओं के ध्वज को भी स्थापित किया गया है, जिसे आप देख सकते हैं।
• 1971 में अमर जवान ज्योति की स्थापना से लेकर वर्ष 2006 तक ज्योति को पेट्रोलियम गैस के माध्यम से जीवित रखा गया था लेकिन 2006 के बाद से इसे पाइप वाली प्राकृतिक गैस के माध्यम से प्रज्वलित किया जा रहा है।
• जैसा की हमने बताया कि हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा अमर जवान ज्योती पर फूल माना अर्पित कर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजली दी जाती है। ये एक रिवाज है जिसे हर साल कार्यक्रम के आयोजन से पहले किया जाता है।
• अमर जवान ज्योती का आधार 4.5 वर्ग मीटर और इसकी ऊंचाई 1.29 मीटर की है।
• स्मारक पर संगमरमर की एक कुरसी है जिस पर एक कब्र का निर्माण किया गया है। जो अज्ञात सैनिकों के लिए बनाई गई है। उस पर एक L1Al स्व लोडिंग राइफल रखी गई है जिसके ऊपर युद्ध के सैनिक का हेलमेट लगा हुआ है। जो इस स्मारक का प्रतीक है।
• इसके आधार पर 4 कलशों का निर्माण किया गया है। जिसमें से एक ज्योती हमेशा जलती रहती है और अन्य ज्योतियों को गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर प्रज्वलित किया जाता है।
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