Republic Day 2023:गणतंत्र दिवस समारोह में अब अधिक समय नहीं रह गया है। 26 जनवरी परेड और अन्य सभी कार्यक्रमों की तैयारी जोरो पर है। परेड में शामिल होने वाले सभी लोग रिहर्सल में जुटे हुए हैं, ताकि परेड के दौरान कोई भी गलति न होने पाए। गणतंत्र दिवस की परेड इतनी महत्वपूर्ण होती है कि इस दौरान किसी भी प्रकार की गलति न हो, जिसके लिए सभी लोग 600 से अधिक घंटों तक तैयारी करते हैं है ताकि परेड के दौरान हर चीज परफेक्ट जाए। परेड को इस तरह से तैयार किया जाता है और समय सीमा को इस प्रकार तय किया जाता है, जिससे सारी झांकियां बिना एक दूसरे से टकराए आगे बढ़ती है। रिपब्लिक डे परेड जितना महत्वपूर्ण बड़ों के लिए है उससे अधिक इस दिवस को बच्चों के लिए माना जाता।
भारत इस साल अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाया रहा है। आने वाले पीढ़ी को इसके महत्व को समझाने और बच्चों को इस दिवस के बारे में बताने के गणतंत्र दिवस पर वीर गाथा का कार्यक्रम किया जाने वाला है। इस कार्यक्रम की शुरुआथ 2022 में की गई थी। इस साल वीर गाथा 2.0 का एक शो दिखाया जाएगा। जिसमें राष्ट्रपति भवन के नॉर्थ-साउथ ब्लॉक पर लाइट प्रोजेक्शन के माध्य्म से वीर जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की कहानी को प्रोजेक्ट किया जाएग। इसके माध्यम से बच्चें न केवल इसके प्रति आकर्षित होंगे बल्कि अपने देश की विरासत और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और योगदान के बारे में समझेंगे।
एक माता-पिता और शिक्षक होने के नाते ये सभी कि जिम्मेदारी बनती है बच्चों को इस दिवस के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्रदान की जाए और इसके महत्व को समझाया जाए। उनके लिए मन में देश भक्ति की भावना को ऊजागर करना और देश के लिए कुछ कर दिखाने की भावना को प्रोत्साहित करना ही उसका उद्देश्य है। हर बच्चें को पता होना चाहिए कि जिस स्वतंत्र भारत में उन्होंने जन्म लिया है उसके लिए कितने नेताओं और सेनानियों ने संघर्ष किया है। इन सेनानियों की सम्मान देते हुए गणतंत्र दिवस के बारे में बताया जाना आवश्यक है। इस लेख के माध्यम से हम आपको आज कुछ मुख्य बातों के बारे बताएंगे जिसके माध्यम से आपक अपने बच्चों के गणतंत्र दिवस का हिस्सा बना सकते हैं।
गणतंत्र दिवस की शुरुआत और उसका महत्व
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन वर्ष 1950 में संविधान लागू किया गया था। सभी जानते हैं। लेकिन 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस मनाने के लिए क्यों चुना गया अपने बच्चों को इस बारे में बताएं। 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया, लेकिन उस दिन संविधान को लागू नहीं किया गया। उसके लिए 26 जनवरी की तिथि को चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1930 में पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी। जिसका अर्थ है औपनिवेशिक शासन से भारती स्वतंत्रता। यही कारण था कि भारत को गणराज्य बनाने के लिए 26 जनवरी की तिथि को चुना गया। ये दिन भारत के हर निवासियों को उन अधिकारों के बारे में याद दिलाता है जो उन्हें संविधान के द्वारा प्राप्त हुए हैं, साथ ही उन्हें सरकार चुनने की अपनी शक्ति का अहसास भी करवाता है। देश भक्ति कि भावना पैदान करने और अपने कर्तव्यों के पालन को लेकर जागरूकता भी फैलाता है।
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में अंतर
बच्चों को समझाएं कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में क्या अंतर है। अक्सर ही बच्चें स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के लेकर अस्पष्टा रहती है। जिसे दूर करना हमारा कार्य है। उन्हें अच्छे से बताई कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन 1947 में भारत को आजादी मिली थी। वहीं 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया था। स्वतंत्रता दिवस लाल किले के परिसर में मनाया जाता है और गणतंत्र राजपथ पर मनाया जाता है। जिस दिन परेड का आयोजन किया जाता है। बच्चों को लगाता है कि गणतंत्र दिवस के दिन भारत को आजादी मिली थी इसी कारण से इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्हें बताइ की 26 जनवरी को भारत एक गणराज्य बना था और इस दिन भारत का सर्वोच्च कानून संविधान लागू किया गया था।
भारतीय संविधान
गणतंत्र दिवस के बारे में बताते हुए उन्हें भारतीय सविंधान के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जरूर बताएं ताकि वह संविधान से अवगत हो सकें और एक नागरिक के तौर पर इसमें निहित कर्तव्यों का पालन कर सकें। संविधान के माध्यम से हमें अधिकार तो मिलते हैं लेकिन उनके साथ कुछ कर्तव्य भी आते हैं, जिसके बारे में बच्चों का जानना आवश्यक है। एक आदर्श नागरिक बनने के लिए उन्हें अपने कर्तव्यों का जानाकारी होना आवश्यक है और ये जानकारी बच्चों को देने की जिम्मेदारी हमारी है।
उन्हें बताएं कि भारत का संविधान सबसे लंबा लिखित संविधान है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
राष्ट्रगान का सम्मान
नई पीढ़ी के बच्चों को अगर शुरुआत से ही चीजे बताई और समझाई जाएं तो वह उसे समझते हैं और फॉलो भी करते हैं। उन्हें बताएं की राष्ट्रगान का क्या महत्व है और क्यों राष्ट्रगान की आवाज सुनते ही आपको खड़े होना चाहिए। इसके क्या नियम है। बच्चों को बताएं की राष्ट्रगान के दौरान हम एक संकल्प लेते हैं कि भारत को एक शांतिपूर्ण राष्ट्र बनाने में योगदान देंगे, किसी से भी भेदभाव पूर्ण व्यवाहर नहीं करेंगे। इसके साथ देश की स्वतंत्रा के लिए जान का बलिदान देने वाले और देश की सुरक्षा करने वाले सैनिकों कौ श्रद्धांजली दी जाती है। जिसके लिए आपको अपने स्थान पर खड़ा होना आवश्यक है। राष्ट्रगान के महत्व को बता कर उनकी जिज्ञासा को दूर करें और उन्हें इसके सम्मान के बारे में बताएं।
राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान
हर भारतीय निवासी के लिए तिरंगा बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय ध्वज भारत की आन-बान-शान का प्रतीक है। आप किसी भी अन्य देश में रह रहे हों या कार्य कर रहें हो जैसे आप अपने देश को नहीं भूल पाते हैं वैसे ही उसके प्रतीक भी नहीं भूलाया जाता है। राष्ट्रीय ध्वज के प्रति उनमें सम्मान की भावना पैदा करने का प्रयत्न करें। उन्हें राष्ट्रीय ध्वज के महत्व और उसके सम्मान के तरीकों के बारे में बताएं।
अक्सर ही देखा जाता है कि स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस से पहले हर जगह लोग राष्ट्रीय ध्वज की पिन लगाकर या उन्हें देते हुए दिखाई देते हैं। कुछ समय बाद वह सभी पैरों में आते हैं। जहां एक तरफ कहा जाता है कि राष्ट्रीय ध्वज जमीन को नहीं छूना चहिए वहीं उन्हें जमीन पर फेकना गलत होगा। बच्चों को सिखाई इस तरह की गतविधियों में हिस्सा न लें और राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करें।
भारत की विविधताओं से भरी संस्कृति
भारत की इतिहास, संस्कृति और विरासत के बारे में उन्हें बताएं। भारत में विविधताओं से भरा देश है ये तो वह सुन भी रहे होंगे लेकिन यही विविधता उसकी सबसे बड़ी एकता है, इसके बारे में उन्हें बताएं। उन्हें समझाएं जाती, धर्म, भाषा, रंग और लिंग के आधार पर कभी भेदभाव न करें। हमारे संविधान कि प्रस्तावना भी हमें यही सिखाती है। एक आदर्श राष्ट्र के निर्माण के लिए और उसकी अखंडता को बनाए रखने के लिए इन सभी बतों पर उनका ध्यान केंद्रीत करें और देश के निर्माण में योगदान देने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें।