Republic Day 2023: इस गैस चैंबर में रखी है संविधान की मूल कॉपी

Republic Day 2023: भारत में प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस साल (2023) भारत अपना 74वां गणतंत्रि दिवस मना रहा है। जिसकी तैयारी जोरो-शोर से चल रही है। कई नए कार्यक्रमों के साथ इस साल के गणतंत्रदिवस की शुरुआत की जाएगा। भारत के संविधान को बनने में करीब 2 साल 11 महीने का समय लगा था। जिसे 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 में इसे लागू किया गया और गणतंत्र दिवस की शुरुआत हुई। भारत का संविधान का जनक डॉ. भीमराव अंबेडकर को मना जाता है। गणतंत्र दिवस की शुरुआत हमेशा उन स्वतत्रंता सेनानीयों और देश की सुरक्षा में अपनी जान का बलिदान करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजली अर्पित करके की जाती है।

जब हम भारत के संविधान की बात करते हैं बड़ा ही गर्व महसूस होता है, क्योंकि इस संविधान के कारण ही आपकों कई अधिकार प्राप्त है जिसके माध्यम से आप स्वतंत्र और सम्मान से भरा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। हमारे अधिकारों के साथ कुछ कर्तव्य भी है जिसका हम पालन करते हैं। ये सभी हमें संविधान के अनुसार प्रदान किए गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान की कितनी मूल कॉपियां है और उन्हें कहां रखा गया है। उनकी सुरक्षा किस प्रकार की जा रही है। ये ऐसे सवाल है जो हर किसी के मन में कभी न कभी आते हैं। आज इस लेख के माध्यम से आपको इन प्रश्नों के उत्तर देने के प्रायस करेंगे। आइए जाने -

Republic Day 2023: इस गैस चैंबर में रखी है संविधान की मूल कॉपी

संविधान क्या है?

भारत के लिए संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है। संविधान को संविधान सभा द्वारा बनाया गया है इसलिए ये संवैधानिक सर्वोच्चता प्रदान करता है न कि संसदीय सर्वोच्चता। ये बात ध्यान में रखने वाली है। भारतीय संविधान में मैलिक सिद्धांतों, राजनीतिक सिद्धांतों, प्रथाओं, कर्तव्यों, अधिकारों, प्रक्रियाओं और शक्तियों का फ्रेंम दिया गया है, जिसके अनुसार कार्य किया जाता है। भारत के संविधान के निर्माण का सारा कार्य अम्बेडक की अध्यक्षता में किया गया था। जिसकी मूल कॉपी को लिखने का कार्य प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा किया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार संविधान के हर पन्ने को इटैलिक शैली से लिखा गया है और इसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा सजाया गया है।

संविधान की मूल कॉपी के हर पन्ने पर सोने की पत्तियों का फ्रेम बनाया गया है और संविधान के सभी 22 भागों पर शांतिनिकेतन के कारीगरों द्वारा भारत के विशाल इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को चित्र के माध्यम से दर्शाने के लिए 22 चित्र बनाए थे। इसमें मोहनजोदड़ो की सभ्यता से लेकर स्वतंत्रता संग्राम तक के हमारे भारत को रेखांकित किया है।

भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान मना जाता है, जिसमें 22 भाग और 8 अनुसूचियों के साथ 395 आर्टिकल थे। वर्तमान समय की बात करें को इसकी प्रस्तावना के साथ 25 भाग, 12 अनुसूचियां, 5 परिशिष्ट, 448 आर्टिकल और 101 संशोधन। भारत का संविधान लचीला संविधान है जिसमें आवश्यकता और स्थिति के अनुसार एक प्रक्रिया के साथ संशोधन किया जा सकता है।

भारतीय संविधान की कितनी मूल कॉपीयां है?

सबसे महत्वपूर्ण सवाल जो हर किसी के मन में होता है कि भारतीय संविधान की कुल कितनी कॉपियां बनीई गई है। आपको बता दें कि भारतीय संविधान की तीन मूल कॉपी हैं। जिसे संसद के केंद्रीय पुस्तकालय में रखा गया है। भारतीय संविधान की मूल प्रती 22 इंच लंबी और 16 इंच चौंडी है। इस कॉपी को सुरक्षित रखा गया है।

भारतीय संविधा की मूल कॉपी को कहां रखा गया है

संविधान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसे सुरक्षित किया जाना आवश्यक है। जैसा कि आपको ऊपर बताया गया कि संविधान की केवल तीन मूल कॉपी तैयार की गई है और संविधान को बनाने के लिए एक लंबा समय तय किया गया था। इसलिए इसकी देखभाल उतनी ही आवश्यक है, ताकि इसे खराब होने से बचाया जा सके। भारतीय संविधान की मूल कॉपी को संसद के केंद्रीय पुस्तकालय में संजोया गया है। जहां तीन कमरों का एक घेरा है और वहां रखे एक बॉक्स में इन्हें संभाला गया है। ये चेंबर हीलियम गैस से भरा है। ताकि मूल कॉपियों को नुकसान न हो। शुरुआत के समय में संविधान को फलालेन कपड़े में लपेटकर नेफ्शलीन बॉक्स में रखा गया था।

संविधान की मूल प्रति पर कितने सदस्यों के हस्ताक्षर हैं

भारतीय संविधान के निर्माण में कई लोगों ने अपना योगदान दिया है, जिसके लिए लंबे समय तक कार्य किया गया है। जैसा कि आपको बताया गया है कि भारतीय संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने का समय लगा था। इस दौरान कई बार ड्राफ्ट बनाएं और बदले गए होंगे। और अंत में 26 नवंबर 1949 मे भारत के संविधान को अपनाया गया है। 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान को लागू किया गया था और उस दिन संविधान की मूल प्रति पर संविधान सभा के 284 सदस्यों के द्वारा हस्ताक्षर किए गए थें। जिसमें राष्ट्रपती समेत 46 लोगों ने हिंगी भाषा में हस्ताक्षर किए थे। वहीं इसमें 15 महिलाओं के हस्ताक्षर भी हैं। संविधान के निर्माण में जितना योगदान पुरुषों का रहा है उतना ही महिलाओं का भी रहा है।

संविधान की मूल कॉपी पर पहले हस्ताक्षर किसके हैं

संविधान की मूल कॉपी पर संविधान सभा के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सबसे पहले हस्ताक्षर भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नहीं है। जबकि वह उस समय स्थायी राष्ट्रपति के पद पर थें। आपको बता दें कि संविधान की मूल कॉपी पर सबसे पहला हस्ताक्षर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ज्वाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था।

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English summary
Republic Day 2023: Republic Day is celebrated every year on 26 January in India. This year (2023) India is celebrating its 74th Republic Day. The preparations for which are going on in full swing. It took about 2 years and 11 months to make the Constitution of India. But do you know how many original copies of the Indian Constitution are there and where are they kept? How is their security being done? These are the questions that come to everyone's mind at one time or the other.
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