List of Famous Books by Rabindranath Tagore: रवींद्रनाथ टैगोर भारत के पहले नोबल पुरस्कार विजेता हैं। रवींद्रनाथ टैगोर को अपनी बेहतरीन रचना गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने कला, लेखन और साहित्य के क्षेत्र को एक अलग दिशा दी है। 7 अगस्त को भारत में रवींद्रनाथ टैगोर मेमोरियल दिवस के रूप में मनाया जाता है। टैगोर की रचनाएं दुनिया भर की पीढ़ियों को प्रेरित करती रही है।
रवींद्रनाथ टैगोर को केवल एक बंगाली कवि, लेखक नहीं बल्कि एक दार्शनिक, उपन्यासकार भी थे। संक्षेप में कहा जाये तो उन्हें कई विषयों का ज्ञान था। रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को हुआ था और इस दिन को रवींद्रनाथ टैगोर जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत के सबसे प्रसिद्ध साहित्यकारों में से एक रवींद्रनाथ टैगोर का निधन 7 अगस्त 1941 को हुआ था।
टैगोर की पुण्यतिथि पर साहित्य,संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया जाता है। कोलकाता के जोरासांको ठाकुर बाड़ी में जन्मे टैगोर एक प्रतिष्ठित बंगाली परिवार से थे। वे तेरह बच्चों में सबसे छोटे थे। उनके पिता, देबेंद्रनाथ टैगोर, ब्रह्मो समाज के नेता थे और उनकी मां, शारदा देवी का निधन तब हुआ जब वे बहुत छोटे थे।
टैगोर की प्रारंभिक शिक्षा अपरंपरागत थी। उन्होंने औपचारिक स्कूली शिक्षा को नकार दिया और मुख्य रूप से घर पर ही शिक्षा प्राप्त की। शिक्षकों ने उन्हें विभिन्न विषयों में प्रशिक्षित किया और उन्हें अपनी रचनात्मक प्रतिभाओं को तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। 17 साल की उम्र में, टैगोर को यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड भेजा गया, लेकिन वे अपनी डिग्री पूरी किए बिना ही चले गए। इसके बजाय, वे भारत लौट आए और साहित्यिक रचनाओं में अपना खास योगदान दिया।
Rabindranath Tagore Books रवींद्रनाथ टैगोर की समृद्ध साहित्यिक रचनाओं की 15 उल्लेखनीय कृतियां यहां दी गई हैं:
1. गीतांजलि (गीत प्रस्ताव)
टैगोर की लिखी गीतांजलि कविताओं का एक संग्रह है, जिसके लिए उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार मिला। टैगोर के संग्रह में 157 कविताएं शामिल हैं। इनमें से कई को रवींद्रसंगीत के नाम से जाने जाने वाले गीतों में रूपांतरित किया गया है। गीतांजलि मूल रूप से बंगाली में लिखा गया था। मूल बंगाली संग्रह 4 अगस्त, 1910 को प्रकाशित हुआ था।
2. गोरा
"गोरा" रवींद्रनाथ टैगोर के सबसे महत्वपूर्ण उपन्यासों में से एक है, जिसे मूल रूप से 1909 में बंगाली में लिखा गया था। यह औपनिवेशिक भारत में पहचान, राष्ट्रवाद, धर्म और सामाजिक मुद्दों के विषयों की पड़ताल करता है। यह उपन्यास अपनी गहरी दार्शनिक अंतर्दृष्टि और जटिल मानवीय भावनाओं और सामाजिक चुनौतियों के चित्रण के लिए प्रसिद्ध है।
3. काबुलीवाला
काबुलीवाला, रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखी गई एक पश्तून आदमी और एक छोटी लड़की के बीच के बंधन के बारे में एक मार्मिक लघु कहानी है। पहली बार 1892 में प्रकाशित, यह कहानी एक छोटी लड़की, मिनी और काबुल, अफ़गानिस्तान के एक मध्यम आयु वर्ग के फल विक्रेता रहमत के बीच के मार्मिक बंधन को दर्शाती है। कहानी अपनी सादगी, भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक सीमाओं से परे मानवीय संबंधों की खोज के लिए पसंद की जाती है।
4. द होम एंड द वर्ल्ड
व्यक्तिगत संबंधों पर राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तनों के प्रभाव की खोज करने वाला एक उपन्यास है द होम एंड द वर्ल्ड। रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखित "घरे बाइरे" (द होम एंड द वर्ल्ड) 1916 में प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास में ठाकुर ने स्वतंत्रता संग्राम के दौर में भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं और व्यक्तिगत रिश्तों की जटिलताओं का गहन चित्रण किया है। उपन्यास में मुख्य रूप से तीन पात्रों - बिमला, निखिलेश, और संदीप - के दृष्टिकोण से कहानी प्रस्तुत की गई है।
5. चोखेर बाली (ए ग्रेन ऑफ सैंड)
रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखित उपन्यास चोखेर बाली मानवीय भावनाओं और रिश्तों की जटिलताओं के बारे में है। चोखेर बाली 1903 में प्रकाशित हुआ था। चोखेर बाली का शाब्दिक अर्थ है आँख की किरकिरी" है। यह उपन्यास सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत संघर्षों को गहराई से दर्शाता है।
6. रवींद्रनाथ टैगोर: द माइरियड-माइंडेड मैन
7. शेषर कोबिता (अंतिम कविता)
8. दादासाहेब
9. पूरनो चंद
10. मुक्तधारा
11. नौकाडूबी
12. पोस्ट ऑफिस
13. सहज पाठ
14. कथा ओ कहानी
15. मेरी यादें