प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत 2003 में की गई थी। विदेश मंत्रालाय द्वारा 8 से 10 जनवरी को इस दिवस को मनाया जाता है। वर्ष 1915 में 9 जनवरी को भारत के राष्ट्रपिता के नाम जाने जाने वाले महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रिका से भारत आए थे और संवतंत्रता संग्राम की शुरुआत की गई। उन्होंने देश को अजाद करने के लिए कई तरह के आंदलनों की शुरुआत की। इस दिन प्रावासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले प्रावासी भारतीय समुदायों के साथ बातचीत की जाती है। इन प्रवासी समुदायों के लिए ये सम्मेलन एक आदर्श मंच है जो उन्हें अपनी बात रखने का अवसर प्रदान करता है।
आपको बता दें कि इस दिवस को हर दो साल में एक बार एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। थीम के साथ इस दिवस को मनाने की शुरुआत 2015 से की गई थी। बाहर के देशों में रह रहे भारतीय प्रवासी समुदायों द्वारा विकास में किए योगदान को चिन्हित करने के लिए दिवस को मनाया जाता है। हर दो साल में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार का भी आयोजन किया जाता है। इस साल भारत अपना 17वां प्रवासी भारतीय दिवस मनाने जा रहा है। आइए आपको इस दिवस की थीम, इतिहास और महत्व के बारे में बताएं।
प्रवासी भारतीय दिवस : इतिहास
प्रवासी भारतीय दिवस की स्थापना की घोषणा 2002 में उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गई थी। इस दविस को मनाने कि घोषणा उन्होंने 8 जनवरी को नई दिल्ली में स्थित विज्ञान भवन में की गई थी। प्रवासी भारतीय दिवस को मनाने का फैसाला एल.एम. संघवी की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित की गई भारतीय डायस्पोरा पर उच्च समिति के द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार किया गया था।
आपको बता दें कि इस दिवस को मनाने के लिए 9 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रिका से भारत वापस लौटे थे और वहां से वापस आने के बाद से उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की थी, जिसके कारण आज भारत देश आजाद है। 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रवासी भारतीय समुदाय की घोषणा के बाद सर्वप्रथम इस दिवस को 2003 में मनाया गया था , जहां एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें दुनिया के हर कोने से भारतीय प्रवासी समुदाय जुड़ा था। ये अन्य देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदायों का एक मंच है जहां उनसे कई मुद्दों चर्चा की जाती है।
जब इस दिवस की स्थापना की गई थी तब से वर्ष 2015 तक इस दिवस को हर साल मनाया जाता था, लेकिन 2015 में इस संशोधित कर हर दो साल में एक बार मनाने का फैसला लिया गया और अब इस दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है। उस साल प्रवासी भारतीय दिवस की थीम "अपना भारत अपना गौरव" तय की गई थी। प्रवासी भारतीय दिवस के दिन भारत के बाहर अन्य देशों में रह रहे भारतीय समुदायों के असाधारण योगदान के लिए उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
इससे पहले ये दिवस 2021 में मनाया गया था जबकि उस दौरान कोरोना महामारी पूरा विश्व में फैली हुई थी और तबाही मचा रही थी। अब 2023 में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
प्रवासी भारतीय दिवस : महत्व
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के अन्य देशों में रह रहे भारतीय समुदायों द्वारा भारत के विकास में कर रहे निरंतर योगदान के लिए उनकी सराहना करना है। इसके साथ उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां वह अपने विशेषज्ञता वाले क्षेत्र से संबंधित मुद्दो पर अपना राय दे सकें और निती निर्माण में सहायता कर सकें। इस दिवस के माध्य से भारत सरकार अन्य देशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों से जुड़ पाते हैं।
भारतीय सरकार का मानना है कि अन्य देशों में रह रहे गैर आवासी भारतीय और प्रवासी भारतीय समुदायों के लोगों के पास व्यापार और विकास के लिए कई रणनीतियों के मामलों का एक्पोजर होता है। यदि उन्हें अवसर दिया जाए तो वह अपना मातृभूमि (भारत) के विकास के लिए अपने अनुभवों और विचारों को प्रकट कर अपना योगदान दे सकते हैं। जिसके लिए इस दिन सम्मेलनया का आयोजन किया जाता है।
पिछले कुछ सालों की थीम (2015 से 2023)
2023 - प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार
2021 - आत्मनिर्भर भारत में योगदान
2019 - नए भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की भूमिका
2017 - भारतीय डायस्पोरा के साथ जुड़ाव को फिर से परिभाषित करना
2015 - अपना भारत, अपना गौरव
प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम का आयोजन
आइए नीचे दी गई तालिका के माध्यम से आपको बताएं कि 2003 से लेकर 2022 तक में कहां कहां प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया और 2023 में भारत के किस शहर में इस दिवस का मनाया गया।
दिन | वर्ष | स्थल | राज्य |
पहला | 2003 | नई दिल्ली | दिल्ली |
दूसरा | 2004 | नई दिल्ली | दिल्ली |
तीसरा | 2005 | मुंबई | महाराष्ट्र |
चौथा | 2006 | हैदराबाद | तेलंगाना |
5वां | 2007 | नई दिल्ली | दिल्ली |
6वां | 2008 | नई दिल्ली | दिल्ली |
7वां | 2009 | चेन्नई | तमिलनाडु |
8वां | 2010 | नई दिल्ली | दिल्ली |
9वां | 2011 | नई दिल्ली | दिल्ली |
10वां | 2012 | जयपुर | राजस्थान |
11वां | 2013 | कोच्चि | केरल |
12वां | 2014 | नई दिल्ली | दिल्ली |
13वां | 2015 | गांधीनगर | गुजरात |
14वां | 2017 | बेंगलुरु | कर्नाटक |
15वां | 2019 | वाराणसी | उत्तर प्रदेश |
16वां | 2021 | वर्चुअल | दिल्ली |
17वां | 2023 | इंदौर | मध्य प्रदेश |
2023 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार कि लिस्ट
2 जनवरी 2023 को भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित होने वाले लोगों की सूची जारी कर दी गई है। इस साल विभिन्न क्षेत्रों से कुल 27 लोगों को भारत की राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इन 27 प्राप्तकर्ता की सूची इस प्रकार है।
1. ऑस्ट्रेलिया के जगदीश चेनुपति (विज्ञान और प्रौद्योगिकी और शिक्षा)
2. भूटान के संजीव मेहता (शिक्षा)
3. ब्राजील के दिलीप लुंडो (कला और संस्कृति और शिक्षा)
4. ब्रुनेई के अलेक्जेंडर मालियाकेल जॉन (चिकित्सा)
5. कनाडा के वैकुंठम अय्यर लक्ष्मणन (सामुदायिक कल्याण)
6. क्रोएशिया के जोगिंदर सिंह निज्जर (कला और संस्कृति)
7. डेनमार्क के रामजी प्रसाद (आईटी)
8. इथियोपिया के कन्नन अम्बलम (सामुदायिक कल्याण)
9. जर्मनी के अमल कुमार मुखोपाध्याय (सामुदायिक कल्याण)
10. गुयाना के मोहम्मद इरफ़ान अली (राजनीति और सामुदायिक कल्याण)
11. इज़राइल की रीना विनोद पुष्करणा (बिजनेस एंड कम्युनिटी वेलफेयर)
12. जापान की मकसूदा सरफी श्योतानी (शिक्षा)
13. मेक्सिको के राजगोपाल (शिक्षा)
14. पोलैंड के अमित कैलाश चंद्र लाठ (व्यवसाय)
15. कांगो गणराज्य के परमानंद सुखुमल दासवानी (सामुदायिक कल्याण)
16. सिंगापुर के पीयूष गुप्ता (व्यवसाय)
17. दक्षिण सूडान के मोहनलाल हीरा (सामुदायिक कल्याण)
18. श्रीलंका के शिवकुमार नदेसन (सामुदायिक कल्याण),
19. सूरीनाम के देवचंद्रभोज शरमन (सामुदायिक कल्याण),
20. स्विट्जरलैंड की अर्चना शर्मा (विज्ञान और प्रौद्योगिकी),
21. त्रिनिदाद और टोबैगो के फ्रैंक आर्थर सीपरसाद (सामुदायिक कल्याण),
22. संयुक्त अरब अमीरात (व्यवसाय) के सिद्धार्थ बालचंद्रन
23. यूके के चंद्रकांत बाबूभाई पटेल (मीडिया)
24. अमेरिका के दर्शन सिंह धालीवाल (बिजनेस एंड कम्युनिटी वेलफेयर)
25. अमेरिका के राजेश सुब्रमण्यम (बिजनेस)
26. उज्बेकिस्तान के अशोक कुमार तिवारी (व्यवसाय)
27. दक्षिण सूडान के संजयकुमार शिवभाई पटेल (सामुदायिक कल्याण)
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