Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan: हाल ही में, भारत के प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) को मंजूरी दे दी है। प्रधान मंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान की लागत लगभग 24,104 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय है।
जनजातीय मामलों के मंत्रालय सहित नौ मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पीएम-जनमन में केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाएं शामिल हैं ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24,104 करोड़ रुपये अर्थात केंद्रीय हिस्सेदारी: 15,336 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सेदारी, 8,768 करोड़ रुपये, के कुल परिव्यय के साथ प्रधान मंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य 9 लाइन मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण एक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करना है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस पर खूंटी से इस अभियान की घोषणा की थी।
क्या है प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान?
जैसा कि बजट भाषण 2023-24 में घोषणा की गई थी कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए, प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जायेगा। यह पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त करेगा। अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत अगले तीन वर्षों में मिशन को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जायेगी।
Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में एसटी आबादी 10.45 करोड़ है, जिसमें से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन पीवीटीजी को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान का उद्देश्य क्या है?
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान, इस योजना का उद्देश्य जनजाति आदिवासी समुदाय का उत्थान करना है। इस योजना के तहत स्थायी आवास, सड़क कनेक्टिविटी, पाइप जलापूर्ति, मोबाइल चिकित्सा इकाइयां, छात्रावास निर्माण, 'आंगनवाड़ी' सुविधाएं, कौशल विकास केंद्र, जैसे महत्वपूर्ण हस्तक्षेप प्रदान करना है।
आयुष मंत्रालय मौजूदा मानदंडों के अनुसार आयुष कल्याण केंद्र स्थापित करेगा, और मोबाइल चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से आयुष सुविधाओं को पीवीटीजी बस्तियों तक बढ़ाया जाएगा। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय इन समुदायों के उपयुक्त कौशल के अनुसार पीवीटीजी बस्तियों, बहुउद्देशीय केंद्रों और छात्रावासों में कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करेगा। 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों के अलावा, अन्य मंत्रालयों के निम्नलिखित हस्तक्षेप मिशन का हिस्सा होंगे-
गतिविधि | लाभार्थियों/लक्ष्यों की संख्या | लागत मानदंड |
पक्के मकानों का प्रावधान | 4.90 लाख | 2.39 लाख रुपये/मकान |
संपर्क मार्ग | 8000 कि.मी | 1.00 करोड़ रुपये /किमी |
पाइप जलापूर्ति | मिशन के तहत 4.90 लाख एचएच सहित सभी पीवीटीजी बस्तियों का निर्माण किया जाना है | योजनाबद्ध मानदंडों के अनुसार |
सामुदायिक जल आपूर्ति | 20 एचएच से कम आबादी वाले 2500 गांव/बस्तियां | वास्तविक लागत के अनुसार आयें |
दवा लागत के साथ मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ | 1000 (10/जिला) | 33.88.00 लाख रुपये/एमएमयू |
छात्रावासों का निर्माण | 500 | 2.75 करोड़ रुपये/छात्रावास |
व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल | 60 आकांक्षी पीवीटीजी ब्लॉक | 50 लाख रुपये/ब्लॉक |
आंगनबाडी केन्द्रों का निर्माण | 2500 | 12 लाख रु/एडब्ल्यूसी |
बहुउद्देशीय केंद्रों का निर्माण (एमपीसी) | 1000 | 60 लाख रुपये/एमपीसी प्रत्येक एमपीसी में एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का प्रावधान |
एचएच का ऊर्जाकरण (अंतिम मील कनेक्टिविटी) | 57000 एचएच | 22,500 रु/एचएच |
0.3 किलोवाट सौर ऑफ-ग्रिड प्रणाली का प्रावधान | 100000 एचएच | 50,000/एचएच या वास्तविक लागत के अनुसार |
सड़कों और एमपीसी में सौर प्रकाश व्यवस्था | 1500 इकाइयाँ | 1,00,000 रुपये/यूनिट |
वीडीवीके की स्थापना | 500 | 15 लाख रुपये/वीडीवीके |
मोबाइल टावरों की स्थापना | 3000 गांव | योजनाबद्ध मानदंडों के अनुसार लागत |