New Year Speech 10 Lines For Students Kids Teachers Leaders In Hindi English स्कूल और कॉलेज समेत विभिन्न जगहों पर नए साल पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। नए साल पर सभी धर्म और जाति के लोग बिना भेदभाव इस पर्व को मनाते हैं। लोग नए साल पर नए नए संकल्प लेते हैं और नए साल की तैयारी करते हैं। स्कूल कॉलेज आदि में नए साल पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ऐसे में अगर आपको भी नए साल पर भाषण लिखना है या पढ़ना है तो करियर इंडिया आपके लिए सबसे बेस्ट नए साल पर भाषण लिखने का ड्राफ्ट लेकर आया है। जिसकी मदद से नए साल पर भाषण लिखने का आईडिया मिलेगा। तो आइये जानते हैं नए साल पर भाषण कैसे लिखें।
नए साल पर भाषण (Speech On New Year)
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, साल में 12 महीने होते हैं और हर साल 1 जनवरी को नए साल के पहले दिन के लिए चुना गया था। इसलिए हर साल 1 जनवरी को नया साल के रूप में मनाया जाता है। नए साल में जिंदगी का सफर सुकून से आगे बढ़ता रहे, और सफलता मिलती रहे। इसके लिए बस आपको कुछ छोटी छोटी सी बातों का ध्यान रखना है। सफल होने के लिए मानसिक सुकून और स्वस्थ रहना सबसे जरूरी है। तभी तो आपको कुछ नया, क्रिएटिव और प्रोडक्टिव सोचने व करने का मौका मिलेगा।
गुस्से पर हो टोटल कंट्रोल
ज्यादा गुस्सा लोगों को हमसे दूर करता है, रिलेशन खराब करता है और हमारी सेहत भी चौपट करता है। इसलिए इस पर कंट्रोल रखना ही आपके लिए हितकर होगा। जब भी चिड़चिड़ापन या गुस्सा महसूस हो, अपना ध्यान दूसरी चीजों पर लगाएं। खेलकूद, व्यायाम और अपनी रूचि के कामों में लगकर आप इस पर काबू पा सकते हैं। रोज सुबह मेडीटेशन करना भी इसका अच्छा उपाय है।
घर में रखें शांत माहौल
कई घरों में आए दिन कलह और झगड़े होते हैं। इसकी वजह मूल रूप से परिवार के सदस्यों के विचारों में भिन्नता होती है। इसे बहुत आसानी से शांत किया जा सकता है। बस विश्व प्रसिद्ध पुस्तक द सेवन हैबिट्स ऑफ हाइली इफेक्टिव पीपल में स्टीफन आर कवी द्वारा लिखी इस बात की गांठ बांध लें- यदि मुझे पारस्परिक संबंधों से सीखे सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत का सार एक वाक्य में कहना हो तो वह होगा- पहले समझने की कोशिश करें, बाद में समझाने की। बस झगड़ा खत्म। अक्सर हम अपनी बात दूसरों पर थोपते हैं, लेकिन खुद उनकी बात नहीं समझते।
हैसियत से ज्यादा खर्च न करें
आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपैया की आदत आपको कहीं का नहीं छोड़ती। इससे आपके मन का सुकून नष्ट हो जाता है। कई बार आप जब अपनी जरूरतें बढ़ा लेते हैं, तो उल्टे सीधे तरीकों से, गैरकानूनी माध्यम से पैसा कमाने का जुनून सवार हो जाता है। इससे आपका दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है और आप सही तरीके से सफलता हासिल करने के मार्ग से भटक कर किसी गुमनाम गली में खो जाते हैं।
भूलें और आगे बढ़ें
पुराने झगड़े, बुरी बातें, बुरी यादें और बुरे लोगों को अपने सीने से चिपका कर न घूमें। ये आपके जेहन में जगह बना लेंगे तो फिर अच्छी बातों और सुकून को जगह कैसे मिलेगी? इन सब निगेटिव बातों को भूल कर नए साल में नई शुरूआत करें। अच्छे लोगों से मिलें, अच्छी बातों में इन्वॉल्व हों और अच्छे आयडिया सोचें। सुखी जीवन का मूल मंत्र यही है कि माफ करो और आगे बढ़ो।
रिश्तों को सम्मान दें
याद रखें, आप अकेले कुछ भी नहीं कर सकते। आपको हमेशा लोगों से ही काम लेना होता है। फैमिली मेम्बर्स और फ्रैण्ड्स आपको इमोशनल और मोरल सपोर्ट देते हैं, ये लोग बीमारी में, दुख सुख में, आर्थिक तंगी में आपके साथ आकर खड़े होते हैं, तभी आप संभव पाते हैं। ठीक इसी तरह बाहरी लोग यानी आपके ग्राहक, क्लाइंट, बॉस और कलीग्स आदि आपको फाइनेंशियल सपोर्ट देते हैं। इसलिए आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है कि आप इन सभी रिश्तों को सम्मान दें और सबसे अच्छा व्यवहार रखें।
खुशी के छोटे कारण खोजें
खुश होने के लिए नयी कार,स्कूटी,फ़्लैट खरीदना या यूरोप टूर पर जाना ही जरुरी नहीं होता। आप दस रूपए की ऑरेंज आइसक्रीम खाकर या अपने नजदीक स्थित पार्क में बच्चों को खेलते देखकर भी खुशी महसूस कर सकते हैं। आप एक कप गर्मागर्म चाय पीकर और अपने छोटे से बच्चे के साथ खेल कर भी खुश हो सकते हैं। खुश या नाखुश होना खुद आपके हाथ में होता है। इसलिए खुश होने के लिए बहुत बड़े मौके या चीजों का इन्तजार करना छोड़ें।
चिंता नहीं चिंतन कीजिए
नोटबुक्स ऑफ द माइंड के लेखक वेरा जॉन स्टेनर कहते हैं कि चिंतन एक तरह का खामोश सम्वाद है, विचारों की बुनावट है,एक खोज है- अर्थ की. हमारी विचार प्रक्रिया ही असल में हमें गढती है। चिंता आपकी ऊर्जा का क्षय करती है जबकि चिंतन आपको नई ऊर्जा, नए आयडिया देता है, जिससे आपकी जय होती है।