New Year Essay In Hindi 2023 ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, साल में 12 महीने होते हैं और हर साल 1 जनवरी को नए साल के पहले दिन के रूप में चुना गया है। इसलिए पूरी दुनिया में 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है। नए साल की तैयारियां एक महीने पहले ही शुरू हो जाती है। स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान और ऑफिस समेत सभी जगहों पर नए साल के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। नया साल एक ऐसा त्योहार है, जिसे हर धर्म और जाति के लोग बिना भेदभाव के मनाते हैं। दुनिया भर में लोग एक महिना पहले ही नए साल के संकल्पों और नए साल की तैयारियों की योजना बनाना शुरू कर देते हैं। स्कूल कॉलेज आदि में नए साल पर निबंध, भाषण, लेख और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ऐसे में अगर आपको भी नए साल पर निबंध लिखना है या पढ़ना है तो करियर इंडिया आपके लिए सबसे बेस्ट नए साल पर निबंध लिखने का ड्राफ्ट लेकर आया है। जिसकी मदद से नए साल पर निबंध लिखने का आईडिया मिलेगा। तो आइये जानते हैं नए साल पर निबंध कैसे लिखें।
नए साल पर निबंध | Essay On New Year In Hindi
दुनिया भर में जाति और संस्कृति के भेदभाव के बावजूद सभी लोग नए साल को बड़े हर्सोल्लास के साथ मनाते हैं। हर आयु वर्ग के लोगों द्वारा नए साल व्यापक रूप से मनाया जाता है। कुछ स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों में क्रिसमस से नव वर्ष 1 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहता है। नए साल का मतलब होता है, साल का पहला दिन होता है। यह लोगों के जीवन में खुशियों के संकल्प के साथ आता है और सभी लोग नकारात्मक विचारों को पीछे छोड़ते हुए नए साल में नई शुरुआत करते हैं।
नया साल कैसे मनाते हैं?
हर कोई आने वाले नव वर्ष में अपने प्रियेजानो के सुख, स्वास्थ्य और भाग्य के लिए प्रार्थना करते हैं। बच्चे समेत सभी उम्र के लोग नए साल पर पार्टी करते हैं और नए साल का स्वागत करते हैं। नए साल पर नए नए संकल्प लेते हैं। नए साल के लिए दुनिया भर के हर घर में अलग-अलग रीति-रिवाज और परंपराएं होती हैं। प्रत्येक लोग अपनी संस्कृति के अनुसार इस दिन को अपने अनोखे तरीके से मानते हैं। कुछ लोग धार्मिक स्थलों पर जाने की प्लानिंग करते हैं, तो कुछ लोग घूमने के लिए देश-विदेशों की प्लानिंग करते हैं। वहीं कुछ लोग अपने प्रियजनों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने की योजना बनाते हैं। जबकि कुछ लोग अपने प्रियजनों को उपहार देते हैं।
1 जनवरी नया साल क्यों मनाया जाता है?
प्राचीन रोमन कैलेंडर में 10 महीने और 304 दिन होते थे और वसंत ऋतू के प्रारंभ में नया साल मनाया जाता था। इस परंपरा को रोम के संस्थापक रोमुलस द्वारा आठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में बनाया गया था। 1713 ईसा पूर्व के दौरान, रोम के दूसरे राजा नुमा पोम्पिलियस ने रोमन कैलेंडर में दो अन्य महीनों को जोड़ा, जिन्हें जनवरी और फरवरी नाम दिया गया। लेकिन उस समय भी रोमन कैलेंडर का सूर्य के साथ सही तालमेल में बैठा।
जूलियन कैलेंडर
फिर 46 ईसा पूर्व सम्राट 'सीज़र' ने अपने समय के प्रमुख प्रमुख खगोलविदों और गणितज्ञों से परामर्श करके इस मामले को सुलझाने का फैसला किया। इसके बाद सभी विशेषज्ञों द्वारा विचारविमर्श के बाद सीज़र द्वारा 'जूलियन कैलेंडर' लागू किया गया, जो आधुनिक ग्रेगोरियन कैलेंडर के समान था। जिसे आज अंग्रेजी कैलंडर के नाम से भी जाना जाता है। सम्राट सीज़र ने 1 जनवरी को वर्ष के पहले दिन के रूप में स्थापित किया, जिसके बाद रोम के लोगों ने एक दूसरे को उपहार दिए और नए साल का जश्न मनाने लगे।
नए साल का जश्न कैसे मनाएं?
कई देश 31 दिसंबर की शाम से 1 जनवरी तक नए साल का जश्न मनाते हैं। कई लोग पूरी रात पटाखे फोड़ते हैं और खूब मस्ती करते हैं। कई देशों में नए साल के लिए पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं। ओस्ट्रेलिया, हंगरी, क्यूबा और पुर्तगाल जैसे कुछ देशों में सूअर का मांस परवारिक व्यंजन के रूप में बनाया जाता है। इनका मानना है कि सूअर प्रगति और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
स्वीडन और नॉर्वे जैसे कई स्थानों पर नए साल की पूर्व संध्या पर चावल का हलवा बनाया जाता है। जबकि, नीदरलैंड, ग्रीस, मैक्सिको आदि में नए साल के दौरान केक और पेस्ट्री बनाई जाती है। इस तरह कई देश अपने अपने ट्रेडिशन के हिसाब से व्यंजन बनाते हैं।
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