New Year 2024: भारत का पहला सौर मिशन "आदित्य-एल1" पहुंचा सूर्य एल1 प्वाइंट के करीब

New Year 2024; India's First Solar Mission "Aditya-L1" reaches Sun near L1 Point: केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का पहला सौर मिशन "आदित्य-एल1" अगले महीने की शुरुआत में, यानी जनवरी 2024 के पहले सप्ताह के करीब अपने गंतव्य 'लैग्रेंज पॉइंट 1' पर पहुंच जायेगा। उन्होंने कहा कि इसरो अगले साल भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' से जुड़े परीक्षणों की एक शृंखला आयोजित करेगा।

इसरो अगले साल भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' का करेगा परीक्षण

नई दिल्ली में संसद टीवी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साहस और दृढ़ विश्वास के चलते ही संभव हो पाया है, जिन्होंने अतीत की वर्जनाओं को तोड़ा और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलकर एक सक्षम वातावरण प्रदान किया। इसके नतीजतन स्टार्टअप और उद्योग से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के खुलने के साथ देश की आम जनता चंद्रयान-3 और आदित्य जैसे मेगा अंतरिक्ष कार्यक्रमों के प्रक्षेपण को देखने में सक्षम हो सकी है। आदित्य का लॉन्च देखने के लिए 10,000 से अधिक लोग आए थे और चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान लगभग 1,000 मीडियाकर्मी मौजूद थे।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह इस तथ्य से भी प्रमाणित होता है कि भारत ने अप्रैल से दिसंबर, 2023 तक चालू वित्त वर्ष के आखिरी नौ महीनों में अंतरिक्ष स्टार्टअप में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, चार साल पहले अंतरिक्ष क्षेत्र में सिर्फ एक स्टार्टअप था, वहीं इस क्षेत्र के खुलने के बाद हमारे पास लगभग 190 निजी अंतरिक्ष स्टार्टअप हैं और उनमें से शुरुआती स्टार्टअप तो अब उद्यमी बन गए हैं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, हालांकि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम देर से शुरू हुआ, तब जब अंतरिक्ष क्षेत्र के अग्रणी देश चंद्रमा की तरफ दौड़ रहे थे, लेकिन आज दुनिया चंद्रयान-3 की जानकारियों का उत्सुकता से इंतजार कर रही है जो कि चंद्रमा के अनछुए दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरा था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान नासा ने एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में भेजने का प्रस्ताव रखा था, जिसके अगले साल साकार होने की संभावना है।

जीपीएस लैंड-मैपिंग और स्मार्ट सिटी

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत बुनियादी ढांचे के विकास, 'स्वामित्व' जीपीएस लैंड-मैपिंग और स्मार्ट सिटी जैसे लगभग सभी क्षेत्रों में स्पेस एप्लीकेशनों का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा, अंतरिक्ष अनुसंधान अब किसी न किसी तरह से प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को छू रहा है। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा का उपयोग आज स्वच्छ ऊर्जा, खाद्य संरक्षण और चिकित्सा क्षेत्र में किया जा रहा है।

नासा की लगभग 50-60 प्रतिशत परियोजनाएं निजी फंडिंग से चलती हैं, इसका उल्लेख करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) में लगभग 70 प्रतिशत फंडिंग गैर-सरकारी स्रोतों से होगी और ये भारत के एसएंडटी लक्ष्यों में पीपीपी मॉडल का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा, अगर हमें वैश्विक मानकों को हासिल करना है तो हमारे पैमाने और मानक वैश्विक स्तर के होने चाहिए।

जी20 की सफलता और जलवायु परिवर्तन

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जी20 की सफलता और जलवायु परिवर्तन को कम करने की दिशा में भारत के प्रयासों के बाद अब "दुनिया हमारे नेतृत्व के लिए तैयार है।" प्रधानमंत्री मोदी के "वोकल फॉर लोकल" के आह्वान का उल्लेख करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्थानीय उत्पादों की बिक्री में तेजी आई है। उन्होंने कहा, फैशन के लिए खादी, राष्ट्र के लिए खादी एक चलन बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत अब उलट चुके प्रतिभा पलायन का साक्षी बन रहा है।

उन्होंने कहा, अंतरिक्ष अनुसंधान के जो विशेषज्ञ विदेश चले गए थे, वे वापस लौट रहे हैं और स्टार्टअप स्थापित कर रहे हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस की नीति के साथ सरकार आज आम आदमी के लिए ईज़ ऑफ लिविंग हासिल करने की दिशा में पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी को लेकर आई है।

इसरो का आदित्य एल1 मिशन है सौर अध्ययन पहल

इसरो के आदित्य एल1 मिशन का लक्ष्य सूर्य की गहन जांच करना है, और यह 6 जनवरी, 2024 को लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) तक पहुंचने के लिए तैयार है। 2 सितंबर, 2023 को पीएसएलवी-सी57 के माध्यम से लॉन्च किया गया, अंतरिक्ष यान एक प्रभामंडल कक्षा में प्रवेश करेगा। एल-1, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर स्थित होगा। इस मिशन को भारत के पहले अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला-श्रेणी के सौर मिशन के रूप में चिह्नित किया गया है, जो सूर्य की विभिन्न परतों का अध्ययन करने के लिए समर्पित है।

इसरो के सूर्य मिशन का उद्देश्य क्या है

आदित्य एल-1 मिशन में अंतरिक्ष यान एल-1 तक पहुंचने के बाद यान को गति को रोकने के लिए एक कठिन प्रक्रिया से गुजरना होगा। अंतरिक्ष यान अगले 5 वर्षों तक एल-1 के आसपास कक्षा में रहेगा और न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिए आवश्यक डेटा एकत्र करेगा। इसरो ने इस बात पर जोर दिया है कि अंतरिक्ष यान सूर्य के बाहरी वातावरण की जांच करेगा और इसका डेटा सौर गतिशीलता को समझने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

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English summary
Union Minister Dr Jitendra Singh said that India's first solar mission "Aditya-L1" will reach its destination 'Lagrange Point 1' early next month, i.e. around the first week of January 2024. He said ISRO will conduct a series of tests next year related to India's first manned space mission 'Gaganyaan'.
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