Chaitra Navratri 9 Forms and Colors: क्या आप जानते हैं देवी दुर्गा के नौ रूप, रंग और महत्व क्या है?

Chaitra Navratri 2024 9 Forms and Colors Significance: दिव्य शक्ति और शक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा की पूजा नवरात्रि के शुभ त्योहार के दौरान नौ अलग-अलग रूपों में की जाती है। देवी दुर्गा के प्रत्येक रूप अद्वितीय महत्व रखते हैं और विशिष्ट गुणों का प्रतीक है। देवी के इन नौ रूपों के लिए उन्हें नवदुर्गा के नाम से भी संदर्भित किया जाता है।

क्या आप जानते हैं देवी दुर्गा के नौ रूप, रंग और महत्व क्या है?

नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। प्रत्येक रूप में गहन प्रतीकवाद है, जो भक्तों को मूल्यवान जीवन सबक सिखाता है। जैसे ही भक्त इन रूपों से जुड़े जीवंत रंगों में डूब जाते हैं, वे न केवल इस उत्सव का जश्न मनाते हैं बल्कि प्रत्येक रंग द्वारा दर्शाए गए गुणों को भी आत्मसात कर लेते हैं। नवरात्रि एक आध्यात्मिक यात्रा, दिव्य स्त्रीत्व का उत्सव और आंतरिक शक्ति और ज्ञान की गहन खोज बन जाती है।

आइए इस नवरात्रि पर देवी दुर्गा के प्रत्येक रूप के पीछे के प्रतीकवाद, उनके महत्व और उनसे रंगों से जुड़ी कहानियां एवं सीख को जानें, जो नवरात्रि की आध्यात्मिकता को समृद्ध करते हैं।

नवदुर्गा के नौ रूप कौन से हैं?| 9 days of Navratri Devi Names and Colours

1. शैलपुत्री
2. ब्रह्मचारिणी
3. चंद्रघंटा
4. कुष्मांडा
5. स्कंदमाता
6. कात्यायनी
7. कालरात्रि
8. महागौरी
9. सिद्धिदात्री

देवी दुर्गा के नौ रूप और उनके महत्व| Chaitra Navratri: Day-wise 9 Colours of Navratri and Their Significance

1. शैलपुत्री - पर्वत की बेटी

देवी दुर्गा का पहला रूप हिमालय की पुत्री शैलपुत्री है। मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग पीला है जो कि पवित्रता और प्रसन्नता का प्रतीक है। भक्त उनसे शक्ति और सहनशक्ति का आशीर्वाद मांगते हैं। यह अवतार ब्रह्मा, विष्णु और महेश की संयुक्त शक्ति का प्रतीक है। इस रूप में देवी की पूजा शिव की पत्नी सती के रूप में की जाती थी। मां शैलपुत्री के अन्य नामों में उन्हें पार्वती, वृषारूढ़ा, हेमवती, दुर्गा और भवानी नाम से भी संदर्भित किया जाता हैं। इनका वाहन वृषभ है।

2. ब्रह्मचारिणी - भगवान शिव की भक्त

नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। यह देवी दुर्गा का दूसरा रूप है, जो दिव्य ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ ब्रह्म आचरण से जुड़ा है। उन्हें सफेद रंग की पोशाक में दर्शाया गया है, जो विकास, शांति और सद्भाव का प्रतीक है। माता ब्रह्मचारी को मोगरे के फूल अत्यंत प्रिय हैं, अतः उन्हें मोगरे के फूल चढ़ाने की सलाह दी जाती है।

3. चंद्रघंटा - योद्धा देवी

देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है। देवी की यह स्वरूप उनके साहस और वीरता के लिए जाना जाता है। उनके माथे पर सुशोभित अर्धचंद्र के कारण उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। चंद्रघंटा को रंग लाल प्रिय है, जो शक्ति और नकारात्मकता को खत्म करने की क्षमता का प्रतीक है।

4. कुष्मांडा- ब्रह्मांड की रचयिता

देवी दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की अराधना नवरात्रि कि चौथे दिन किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, चौथा स्वरूप कुष्मांडा ने अपनी दिव्य मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी। मां कुष्मांडा को नारंगी रंग बेहद प्रिय है। इसलिए इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र मां की पूजा अर्चना की जाती है। यह रंग ऊर्जा और उत्साह का प्रतिनिधित्व करता है।

5. स्कंदमाता - समस्त इच्छाओं और मनोकामना को करती हैं पूरा

नवरात्रि के पांचवें दिन नवदुर्गा का स्वरूप स्कंदमाता है। वह प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है। स्कंदमाता की उपासना से मां अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं और मनोकामनाओं को पूरा करती है। इस दिन का प्रतीक पीला रंग है। पीला रंग पवित्रता, उत्साह और प्रसन्नता लाता है। स्कंदमाता की अराधना से ज्ञान की प्राप्ति होती है।

6. कात्यायनी - योद्धा

मां दुर्गा का छठा स्वरूप कात्यायनी है, जो बुरी ताकतों से लड़ी थी। माता कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है। मां कात्यायनी को मरून रंग प्रिय है, जो शक्ति, जुनून और बुराई के उन्मूलन का प्रतीक है। मां कात्यायनी को युद्ध की देवी भी कहा जाता है।

7. कालरात्रि - अँधेरे की देवी

सातवां रूप कालरात्रि देवी दुर्गा का उग्र स्वरूप है। माता कालरात्रि के नाम का अर्थ काल की मृत्यू से है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां का सातवां स्वरूप कालरात्रि राक्षसों का नाश करती है। मां कालरात्रि को नीले रंग में दर्शाया गया है, जो ब्रह्मांड की अनंत शक्ति और सृजन और विनाश करने वाली दिव्य ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती है।

8. महागौरी - शांति की देवी

देवी का आठवां स्वरूप है महागौरी। यह शांति और स्थिरता का प्रतीक है। महागौरी अपने स्वरूप में दुर्गा बुद्धिमान और शांतिपूर्ण हैं। माता महागौरी को गुलाबी रंग बेहद प्रिय है। गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और पोषण को दर्शाता है। इस दिन मां महागौरी की उपासना गुलाबी रंग के कपड़े पहन कर करें।

9. सिद्धिदात्री - सिद्धियों की प्रदाता

देवी दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री रहस्यमय शक्तियों और आध्यात्मिक ज्ञान की दाता हैं। देवी सिद्धिदात्री को बैंगनी रंग में दर्शाया गया है, जो आध्यात्मिकता, ज्ञानोदय और विविध आध्यात्मिक पथों के विलय का प्रतीक है। विधि-विधान से नौंवे दिन इस देवी की उपासना करने से सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

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English summary
Navaratri 2023 Nine Forms and Colors: Goddess Durga, the symbol of divine power and strength, is worshiped in nine different forms during the auspicious festival of Navratri. Each form of Goddess Durga holds unique significance and symbolizes specific qualities. For these nine forms of the Goddess, she is also referred to as Navadurg
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