National Youth Day Speech 2023: राष्ट्रीय युवा दिवस पर इस शायरी से शुरू करें अपना भाषण

Essay On National Youth Day Speech 2023 For Students, Teachers And Leaders: भारत में हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Essay On National Youth Day Speech 2023 For Students, Teachers And Leaders: भारत में हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। किसी भी राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की सबसे अहम भूमिका होती है। युवा नेताओं के कारण ही भारत ने अंग्रेजों से आजादी पाई और अब युवाओं के बूते पर ही देश विकास की राह पर है। राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में भाषण, निबंध, संगीत, सेमिनार, और विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। आज युवा दिवस पर हम आपके लिए सबसे बेस्ट भाषण लेकर आए हैं। आइए जानते हैं राष्ट्रीय युवा दिवस पर भाषण की शुरुआत कैसे करें।

National Youth Day Speech 2023: राष्ट्रीय युवा दिवस पर इस शायरी से शुरू करें अपना भाषण

राष्ट्रीय युवा दिवस पर भाषण (National Youth Day Speech)
सबसे पहले मंच पर पहुंचे औरं वहां मौजूद मुख्य अतिथि और जन सभा को प्राणम करें। फिर राष्ट्रीय युवा दिवस पर अपना भाषण शुरू करें। किसी शायर ने कहा है "कौन कहता है कि आसमाँ में सुराख नही हो सकता, एक पत्थर जरा तबियत से तो उछालो यारों।" स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है कि "लक्ष्य को ही अपना जीवन कार्य समझो, हर समय उसी का चिंतन करो, उसी का स्वप्न देखो और उसी के सहारे जीवित रहो।"

साथियों हम जैसा कि हम सब जानते हैं कि हम यहां आज राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में उपस्तिथ हुए हैं। भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत 1984 में हुई। भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। स्वामी जी भारत में 19वीं शताब्दी के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति थे और युवाओं की शक्ति में दृढ़ विश्वास रखते थे। स्वामी विवेकानंद ने ऐसे दर्शन और आदर्शों को बढ़ावा दिया जो भारत देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत है। कम से कम 18 विभिन्न देश अपने युवाओं के सम्मान में विभिन्न दिनों पर युवा दिवस मनाते हैं। 1999 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया।

युवा मन नई उमंगों, नये उत्साह, नई कल्पनाओं और नये विचारों से परिपूर्ण होता है। यह अवस्था उसके सपने बुनने और उन्हें साकार करने के लिए मार्ग तय करने की होती है। यही वह समय होता है जिसमें उसका भविष्य निर्धारण होता है और ऐसे समय किसी भी प्रकार की चूक उसके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देती है। प्रायः यह देखने में आता है कि युवा अपना लक्ष्य तय करके उस तक पहुंचने की दिशा में बड़े जोश के साथ कदम बढ़ाते जरूर हैं किंतु कुछ उचित मार्गदर्शन के अभाव में, कुछ विपरीत परिस्थितियों में और कुछ आरंभिक असफलताओं के चलते अपने लक्ष्य-पथ से भटक कर उन अंधेरी गलियों में खो जाते हैं जहाँ उन्हें अपना सम्पूर्ण जीवन अंधकारमय नजर आने लगता है।

ऐसे युवाओं को समझना चाहिए कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए लक्ष्य का सही चयन पहली आवश्यकता होती है। लक्ष्य की प्राप्ति के प्रति दृढ़ संकल्प दूसरी आवश्यकता होती है और लगन के साथ सतत प्रयास तीसरी व अंतिम आवश्यकता होती है। जरूरत केवल अपनी प्रतिभा और अपनी सृजनात्मक क्षमता का सही दिशा में सही तरीके से उपयोग करने की होती है। विश्व में एक नहीं ऐसे अनेक उदाहरण हैं जो इस बात को दर्शाते हैं कि अत्यंत विपन्न अवस्था व विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्य के प्रति बुलंद हौंसले रखने वाले और सतत संघर्ष करने वाले व्यक्तियों ने नये इतिहास रचे हैं।

हमारे देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन और स्वामी विवेकानंद जैसी महान विभूतियों ने अपनी राह में आई हर कठिनाई व मुश्किलों का सामना कर उन्हें परास्त किया व इतिहास के नये अध्यायों का सूत्रपात किया है। अपनी आरंभिक असफलताओं से घबराकर अपनी मंजिल को दुरूह मां लेने वाले युवाओं को यह बात अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि दुनिया मे ऐसा कोई काम नही है जो सच्ची लगन और मेहनत से किया जाए तो पूर्ण नही हो।

संघर्ष की राह में हारे-थके हमारे मन को लेखक सर्वेश्वर की ये पंक्तियां
उत्साह भरने में सक्षम हैं- "मुझे उन राहों पर एक बार विजय गीत गाते हुए जाना है, जहाँ मैं कई बार हार चुका हूं।"

अतः विपरीत परिस्थितियों और आरंभिक असफलताओं से घबराकर अपना सारा जोश खो देने वाले युवाओं को चाहिए कि नेपोलियन बोनापार्ट का यह सूत्र वाक्य कि "दुनिया में कुछ भी असंभव नही है " को याद रखकर अपनी हर एक असफलता के बाद दोगुने उत्साह व साहस से अपनी मंजिल पाने की कोशिश करें। अपने ध्येय की प्राप्ति के लिए सतत प्रयास करते रहना हमारा धर्म और कर्म होना चाहिए। सतत प्रयास ही सफलता का सीधा, सरल व सच्चा मार्ग है। युवा के बिना किसी भी राष्ट्र के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। अब मैं स्वामी विवेकानंद जी को नमन करते हुए अपना भाषण यहीं समाप्त करने की अनुमति चाहता हूं। मुझे यह मंच प्रदान करने के लिए आप सबका बहुत-बहुत हृदय से आभार।

यह खबर पढ़ने के लिए धन्यवाद, आप हमसे हमारे टेलीग्राम चैनल पर भी जुड़ सकते हैं।

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English summary
Essay On National Youth Day Speech 2023 For Students, Teachers And Leaders: Swami Vivekananda's birth anniversary is celebrated as National Youth Day every year on January 12 in India. Youth plays the most important role in building any nation. India got freedom from the British because of young leaders and now the country is on the path of development only because of the youth. Speech, essay, music, seminars, and various competitions are organized in schools and colleges on National Youth Day. Today on Youth Day, we have brought the best speech for you. Let us know how to start the speech on National Youth Day.
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