National Education Day 2024 Thought Quotes: आज 11 नवंबर 2022 को भारत में 15वां राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
भारतीय शिक्षा में अतुलनीय योगदान के लिए 11 नवंबर 2008 में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत की गई। अबुल कलाम आजाद ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय समेत कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की। आइए जानते हैं राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर मौलाना अबुल कलाम के प्रेरणादायक कोट्स।
भारत के शिक्षा मंत्रालय द्वारा हर साल एक अलग-अलग थीम पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। बता दें वैश्चिव स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 24 जनवरी को हर साल मनाया जाता है, जिसके लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा हर साल अलग-अलग थीम निर्धारित की जाती है। वर्ष 2022 के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम 'चेंजिंग कोर्स, ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन' रखी गई है। जिसके मुताबिक शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी के बढ़ते उपयोग और इसके अधिकतम प्रयोग को बढ़ावा देना है।
अबुल कलाम के अनमिल विचार (Quotes Thought By Maulana Abul Kalam Azad)
राष्ट्रीय शिक्षा का कोई भी कार्यक्रम तब तक उपयुक्त नहीं हो सकता जब तक वह समाज के आधे हिस्से यानी महिलाओं की शिक्षा और उन्नति पर पूरा ध्यान न दे।
अपने मिशन में सफल होने के लिए आपके पास अपने लक्ष्य के लिए एकल-दिमाग वाली भक्ति होनी चाहिए।
हमें इस बात का अहसास होना चाहिए कि आत्मविश्वास के साथ आत्मसम्मान आता है।
शिक्षाविदों को छात्रों में पूछताछ, रचनात्मकता, उद्यमशीलता और नैतिक नेतृत्व की भावना का निर्माण करना चाहिए और उनका आदर्श बनना चाहिए।
लोकतंत्र का जीवित रहना बहुत जरूरी है। यह देश की ऐसी विशेषता है जो आधुनिक भारत को दूसरों से अलग बनाती है।
हमें अपने जीवन में कभी हताश नहीं होना चाहिए, निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।
दिल से दी गई शिक्षा समाज में क्रांति ला सकती है।
अपने मिशन में सफल होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित्त होना चाहिए।
शिक्षाविदों को छात्रों के बीच पूछताछ, रचनात्मकता, उद्यमशीलता और नैतिक नेतृत्व की भावना की क्षमता का निर्माण करना चाहिए और उनका आदर्श बनना चाहिए।
जुबान से पढ़ाने से पसीना आ सकता है लेकिन अच्छे कर्मों से मजबूत बना जासकता है।