Mathematics Day 2023 Essay Speech On Srinivasa Ramanujan In Hindi | राष्ट्रीय गणित दिवस श्रीनिवास रामानुजन पर भाषण निबंध हिंदी में: राष्ट्रीय गणित दिवस और अंतर्राष्ट्रीय गणित दिवस अलग अलग होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय गणित दिवस हर साल 14 मार्च को मनाया जाता है, जबकि राष्ट्रीय गणित देश के अनुसार मनाया जाता है।
भारत में हर साल 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस मनाने की शुरुआत 2012 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा की गई। श्रीनिवास रामानुजन की 125वीं जयंती पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घोषणा की कि भारत में हर साल 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाएगा। तब से हर वर्ष श्रीनिवास रामानुजन की जयंती को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय गणित दिवस प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती का प्रतीक है। गणित विषय के बारे में छात्रों को प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। गणित दिवस पर निबंध और गणित दिवस पर भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। ऐसे में अगर आपको भी राष्ट्रीय गणित दिवस पर भाषण या राष्ट्रीय गणित दिवस पर निबंध लिखना पढ़ना है तो करियर इंडिया हिंदी द्वारा रामानुजन के बारे में कुछ जानकारी दी गई है, जिसका उपयोग छात्र गणित दिवस पर भाषण और निबंध में कर सकते हैं।
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड जिले में हुआ था, वह एक तमिल ब्राह्मण आयंगर परिवार संबंध रखते थे। रामानुजन ने 1903 में कुंभकोणम के सरकारी कॉलेज में एडमिशन लिया और अपनी पढ़ाई शुरू की। आर्थिक कठिनाइयों के बाद भी रामानुजन ने अपनी पढ़ाई पूरी की और उन्हें सरकारी कला कॉलेज, कुंभकोणम में छात्रवृत्ति मिली। लेकिन उनका ध्यान पूरी तरह से केवल गणित पर था, जिसकी वजह से वह अन्य सभी विषयों में फेल हो गए थे, जिसकी वजह से उनकी छात्रवृत्ति रोक दी गई।
इसके बाद रामानुजन ने साल 1912 में मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क के रूप में काम करना शुरू किया। यहां उनका एक सहयोगी गणितज्ञ था, जिसने श्रीनिवास रामानुजन की प्रतिभा को पहचाना और उनका समर्थन करने का फैसला किया। उन्होंने रामानुजन को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज के प्रोफेसर जीएच हार्डी के पास भेज दिया। यहां उन्होंने अपनी प्रतिभा को नया आकार दिया और 1916 में रामानुजन ने बीएससी में अपनी अपनी डिग्री प्राप्त की। उसके बाद 1917 में उन्हें लंदन मैथमैटिकल सोसाइटी के लिए चुन गया था।
साल 1917 में रॉयल सोसाइटी ने रामानुजन को एलिप्टिक फंक्शंस और संख्याओं के सिद्धांत पर शोध के लिए चुना। इस तरह वह इतिहास रचते हुए ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो चुने जाने वाले पहले भारतीय बने। दो साल बाद वर्ष 1919 में रामानुजन भारत लौट आए और एक साल बाद 26 अप्रैल 1920 को 32 वर्ष की आयु में श्रीनिवास रामानुजन का निधन हो गया। वर्ष 2015 में श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर आधारित पहली फिल्म 'द मैन हू न्यू इनफिनिटी' रिलीज हुई। यह फिल्म रॉबर्ट नैगेल द्वारा लिखी गई रामानुजन की जीवनी 'द मैन हू न्यू इनफिनिटी' पर आधारित है।