Mahatma Gandhi Essay In Hindi 2023 महात्मा गांधी पर निबंध हिंदी में

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi Nibandh भारत के सबसे महान नेता व स्वतंत्रता सेनानी मोहनदास करमचंद गांधी की 153वीं जयंती के उपलक्ष्‍य में यह लेख आपको स्कूल में निबंध लिखने में मदद करेगा।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi 2023 महात्मा गांधी पर निबंध हिंदी में

2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्में महात्मा गांधी की शादी मात्र 13 साल की उम्र में कस्तूरबा बाई से हुई। 1890 में इंग्लैंड से वकील बनकर भारत लौटे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना पूरा जीवन दे दिया।

ब्रिटिशों के खिलाफ महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए, जिसमें चंपारण आंदोलन, खेड़ा आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, नामक आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन मुख्य रूप से शामिल है। स्कूल कॉलेज में महात्मा गांधी पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यदि आपको भी महात्मा गांधी पर निबंध लिखना है तो करियर इंडिया आपके लिए सबसे बेस्ट महात्मा गांधी पर निबंध आईडिया ड्राफ्ट लेकर आया है। जिसकी मदद से आप आसानी से महात्मा गांधी पर निबंध लिख पढ़ सकते हैं। तो आइये जानते हैं महात्मा गांधी पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi 2023 महात्मा गांधी पर निबंध हिंदी में

महात्मा गांधी पर निबंध | Essay On Mahatma Gandhi In Hindi
भारत के सभी महान लोगों में महात्मा गांधी का नाम सबसे ऊपर रखा गया है। महात्मा गांधी ने दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियों में से एक ब्रिटिश राज का अहिंसा बहिष्कार किया और भारत को आजादी दिलाने में सफलता प्राप्त की। उनकी मृत्यु के बाद भी पूरी दुनिया उन्हें अपना आदर्श मानती है। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को भारत के पश्चिमी तट पर एक छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था।

उनका जन्म वैश्य जाति के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद और माता का नाम पुतलीबाई था। मोहनदास गांधी पोरबंदर के एक प्राथमिक विद्यालय में पढ़े। उसके दो भाई और एक बहन थी और वह सबसे छोटे थे। जब गांधी जी स्कूल में थे तब ही 13 साल की उम्र में उनका विवाह कस्तूरबा से करवा दिया गया था। गांधी जी कानून की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए और 1890 में एक वकील बनकर लौटे।

भारत आने के तुरंत बाद, उन्हें दादा अब्दुल्ला एंड कंपनी ने एक मुकदमा लड़ने के लिए दक्षिण अफ्रीका जाने का प्रस्ताव दिया। जिसके बाद उन्होंने अपने केस स्टडी में पाया कि भारतीयों और अफ्रीकी लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। गांधी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ लाने वाली थी, जब वह ट्रेन में प्रथम श्रेणी के डिब्बे में चढ़ने लगे तो उन्हें रोक दिया गया।

अधिकारों के लिए शुरू की लड़ाई

रंगभेद की इस घटना के बाद गांधी जी ने अपने अधिकारों की लड़ाई की वकालत की। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपना प्रवास रखा और उस बिल का विरोध किया जिसने भारतीयों को वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया था। गांधी इक्कीस साल तक दक्षिण अफ्रीका में रहे। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा वहां भारतीयों के साथ किए गए अन्यायपूर्ण व्यवहार के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। जिसके बाद भारतीयों के लिए वह एक महान राजनीतिक नेता के रूप में उभरे।

जनवरी 1914 में गांधी जी अपने लोगों की सेवा करने और अपने देश में स्वतंत्रता लाने की महत्वाकांक्षा के साथ भारत लौटे। एक वर्ष बाद वह अहमदाबाद के साबरमती नदी के तट रहने लगे और 1915 में साबरमती आश्रम की स्थापना की। पहले उन्होंने इसका नाम सत्याग्रह आश्रम रखा, जिसे बाद में साबरमती आश्रम कहा जाने लगा। वहां उन्होंने लोगों की सेवा के लिए खुद को समर्पित किया और लोगों से सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य और चोरी न करने की प्रतिज्ञा ली।

जब रॉलेट एक्ट पारित किया गया, तब भारतीयों की नागरिक स्वतंत्रता को नकार दिया, जिसके बाद गांधी जी सक्रिय भारतीय राजनीति में आ गए।

राष्‍ट्रीय आंदोलन के नेता बने गांधी

वह स्वतंत्रता संग्राम में सबसे आगे आये और कुछ ही वर्षों में वह स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय आंदोलन के निर्विवाद नेता बन गए। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उन्होंने ब्रिटिश शासन का विरोध किया और भारत को विदेशी कानून से मुक्त करने के लिए राष्ट्रीय आंदोलन शुरू किया।

जिसमें 1920 में असहयोग आंदोलन, 1939 में सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक कानून तोड़ने और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन आदि शामिल है। इन आंदोलनों ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी और लाखों भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में एक साथ खड़ा कर दिया। गांधी जी ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अहिंसा और सत्याग्रह को अपने प्रमुख हथियार बनाया। गांधी के मार्गदर्शन और प्रभाव ने कई महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

आंदोलनों के लिए गांधी जी को कई बार गिरफ्तार भी किया गया। लेकिन राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए उनके संकल्प को कोई रोक नहीं सका। उनके नेतृत्व में सभी भारतीयों ने स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाई। तब अंग्रेजों ने महसूस किया कि वह अब भारत में नहीं रह सकते हैं और 15 अगस्त 1947 को हमारे देश स्वतंत्रत हो गया।

Mahatma Gandhi Essay In Hindi 2023 महात्मा गांधी पर निबंध हिंदी में

स्वतंत्रता में सबसे बड़ा योगदान

गांधी जी का भारतीय स्वतंत्रता में सबसे बड़ा योगदान रहा है। वह एक महान नेता और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने दुनिया भर के कई महान नेताओं को बिना हिंसा के अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रभावित किया। गांधी जी ने हिंदू-मुस्लिम एकता, छुआछूत, पिछड़े वर्गों के उत्थान, सामाजिक विकास के केंद्र, गांव का विकास, सामाजिक स्वतंत्रता और स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग आदि पर काफी जोर दिया। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को गांधीवादी युग भी कहा जाता है।

गांधी जी सादा जीवन जीने और उच्च विचार में विश्वास रखते थे। वह लोकतंत्र के पक्षधार और तानाशाही शासन के विरोधी थे। लेकिन स्वतंत्रता प्राप्त होने के 6 महीने बाद ही 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह उस समय शाम की प्रार्थना सभा में जार रहे थे। लेकिन वह मरने के बाद भी हर भारतीय के दिल में अमर हो गए। आज महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' के रूप में जाना जाता है, लोग उन्हें प्यार से 'बापू' भी बुलाते हैं। ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी को मेरा कोटि कोटि नमन...

महात्मा गांधी के विचार:

1. सत्याग्रह की महत्ता:
"सत्याग्रह वह ताकत है जिसके सामने कोई भी शक्ति नहीं टिक सकती।"

2. सच्चे स्वराज्य की आवश्यकता:
"स्वराज्य केवल स्वतंत्रता का ही नहीं, बल्कि सच्चे स्वराज्य की आवश्यकता है, जिसमें व्यक्ति अपने आप को नियंत्रित कर सकता है।"

3. अहिंसा का महत्व:
"अहिंसा न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक और आदर्शिक रूप से भी होनी चाहिए।"

4. एकाधिकार का विरोध:
"मैं एकाधिकार के खिलाफ हूँ, क्योंकि वह समाज के न्याय को चुनौती देता है।"

5. सादगी का महत्व:
"सादगी के बिना कोई भी समाज या व्यक्ति अच्छा नहीं हो सकता।"

6. सार्वभौमिक स्वास्थ्य:
"स्वास्थ्य न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और आदर्शिक भी होना चाहिए।"

7. सद्गुणों का पालन:
"सद्गुणों का पालन करना हमारे जीवन को महत्वपूर्ण बनाता है और समाज को भी सुधारता है।"

8. समाज सेवा का आदर्श:
"समाज सेवा हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होनी चाहिए, और हमें इसमें संयम और समर्पण के साथ लगना चाहिए।"

9. धर्मनिरपेक्षता का समर्थन:
"मैं धर्मनिरपेक्षता का पक्ष करता हूँ, क्योंकि यह सभी धर्मों को एक साथ लाता है और समानता को प्रोत्साहित करता है।"

10. आत्मनिर्भरता का महत्व:
"स्वयं को आत्मनिर्भर बनाओ, ताकतवर बनाओ, ताकत के बिना कुछ भी संभव नहीं है।"

महात्मा गांधी के ये विचार हमें सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं और एक सशक्त, न्यायपूर्ण, और सहमत समाज के निर्माण की दिशा में हमारे मार्गदर्शक रहे हैं।

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English summary
Essay On Mahatma Gandhi In English Mahatma Gandhi Essay 2022 Mahatma Gandhi Par Nibandh : The 153nd birth anniversary of India's greatest leader and freedom fighter Mohandas Karamchand Gandhi is being celebrated. Born on 2 October 1869 in Porbandar, Gujarat, Mahatma Gandhi was married to Kasturba Bai at the age of 13. He returned to India from England in 1890 as a lawyer and gave his whole life for the Indian freedom struggle. Mahatma Gandhi made many movements against the British, including Champaran Movement, Kheda Movement, Khilafat Movement, Nam Movement and Quit India Movement. Essay writing competition on Mahatma Gandhi is organized in the school college. In such a situation, if you also want to write an essay on Mahatma Gandhi, then Career India has brought you the best essay idea draft on Mahatma Gandhi. With the help of which you can easily read and write essay on Mahatma Gandhi. So let's know how to write an essay on Mahatma Gandhi in Hindi.
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