Hiroshima Day 2024: हिरोशिमा दिवस हर साल 6 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन 1945 में, अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर "लिटिल बॉय" नामक परमाणु बम गिराया था। यह मानव इतिहास में पहली बार था जब किसी शहर पर परमाणु बम का इस्तेमाल हुआ। इस दिन को विश्व भर में शांति और मानवता के प्रति सम्मान के रूप में याद किया जाता है।
हिरोशिमा की तबाही
6 अगस्त 1945 की सुबह 8:15 बजे, "लिटिल बॉय" नामक परमाणु बम को अमेरिकी बमवर्षक विमान 'एनोला गे' द्वारा हिरोशिमा पर गिराया गया। यह बम 600 मीटर की ऊंचाई पर विस्फोट हुआ और इसके परिणामस्वरूप तुरंत लगभग 70,000 लोग मारे गए। विस्फोट से शहर का अधिकांश हिस्सा नष्ट हो गया और हजारों लोग घायल हुए। बम के विकिरण से आने वाले वर्षों में भी कई लोगों की मौत हुई और बहुत से लोग विकिरण जनित बीमारियों से पीड़ित रहे।
हिरोशिमा दिवस का महत्व
हिरोशिमा दिवस का महत्व केवल उस दिन की घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिन मानवता को शांति, सहिष्णुता और नाभिकीय निरस्त्रीकरण के महत्व की याद दिलाता है। यह दिन परमाणु हथियारों के खतरे और इसके विनाशकारी परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
हिरोशिमा की पुनर्निर्माण की कहानी
हिरोशिमा ने अपनी तबाही से उबरकर पुनर्निर्माण का एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है। विस्फोट के बाद के वर्षों में, शहर ने न केवल अपने भौतिक ढांचे का पुनर्निर्माण किया, बल्कि शांति और शिक्षा के माध्यम से एक नई पहचान बनाई। आज हिरोशिमा 'शांति का शहर' के रूप में जाना जाता है और यहां पर शांति पार्क और शांति स्मारक संग्रहालय स्थित हैं, जो इस घटना की याद दिलाते हैं और शांति के संदेश को फैलाते हैं।
हिरोशिमा दिवस के 10 रोचक तथ्य
- पहला परमाणु हमला: हिरोशिमा पर गिराया गया बम मानव इतिहास का पहला परमाणु हमला था, जिसने शहर को लगभग पूरी तरह नष्ट कर दिया।
- बम का नाम: हिरोशिमा पर गिराए गए बम का नाम "लिटिल बॉय" था, जिसे यूरेनियम-235 से बनाया गया था।
- तुरंत मौतें: विस्फोट के तुरंत बाद, लगभग 70,000 लोग मारे गए थे, और साल के अंत तक यह संख्या 1,40,000 तक पहुँच गई।
- विस्फोट की ऊंचाई: "लिटिल बॉय" बम लगभग 600 मीटर की ऊंचाई पर विस्फोट हुआ, जिससे अधिकतम तबाही सुनिश्चित की जा सके।
- तापमान और ऊर्जा: विस्फोट के समय का तापमान 4,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया और इसकी ऊर्जा लगभग 15 किलोटन TNT के बराबर थी।
- शांति की प्रतीक: आज, हिरोशिमा शांति और नाभिकीय निरस्त्रीकरण के लिए एक प्रतीक बन चुका है, और यहां हर साल शांति स्मारक समारोह आयोजित किया जाता है।
- शांति की घंटी: हिरोशिमा शांति स्मारक पार्क में शांति की घंटी स्थापित की गई है, जिसे विश्व भर के लोग बजाते हैं, शांति की कामना के रूप में।
- पेपर क्रेन्स: जापान में एक मान्यता है कि 1,000 पेपर क्रेन्स बनाने से एक इच्छा पूरी होती है। हिरोशिमा में शांति की प्रतिज्ञा के लिए पेपर क्रेन्स का प्रचलन है।
- पुनर्निर्माण: युद्ध के बाद, हिरोशिमा का तेजी से पुनर्निर्माण हुआ और आज यह एक जीवंत और आधुनिक शहर है, जो शांति और प्रगति का प्रतीक है।
- शांति शिक्षा: हिरोशिमा विश्वविद्यालय और शांति संग्रहालय जैसे संस्थान शांति और नाभिकीय निरस्त्रीकरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए काम कर रहे हैं।
हिरोशिमा दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना की याद नहीं दिलाता, बल्कि यह हमें शांति, सहिष्णुता और नाभिकीय निरस्त्रीकरण के महत्व की याद दिलाता है। यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि विश्व शांति और मानवता की रक्षा के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए। हिरोशिमा की कहानी हमें यह सिखाती है कि विनाश के बाद भी पुनर्निर्माण संभव है और शांति की दिशा में कदम बढ़ाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।