कारगिल विजय दिवस पर निबंध (Essay On Kargil Vijay Diwas)

By Careeerindia Hindi Desk

Kargil Vijay Diwas Essay In Hindi 2024/Kargil War Essay/Operation Vijay Essay: भारत वीरों की भूमि है। भारत ने हमेशा दुश्मनों से देश को और देश के नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए कई युद्ध लड़े। भारतीय सीमा पर सैनिकों ने ऐसे कई युद्ध में देश के लिए बलिदान दिया। भारतीय जवानों की शौर्यगाथा में कारगिल विजय दिवस एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। आइए जानते हैं कारगिल दिवस के बारे में विस्तार से।

कारगिल विजय दिवस क्या है? कारगिल विजय दिवस कब, कैसे और क्यों मनाया जाता है? यदि आप भी जानना चाहते हैं कि कारगिल विजय दिवस क्या हैं और इसे क्यों मनाया जाता है तो यह लेख अवश्य पढ़ें। यदि आप कारगिल विजय दिवस पर निबंध लिखना चाहते हैं तो भी इस लेख से सहायता ले सकते हैं। कारगिल विजय दिवस पर निबंध कैसे लिखें जानिए?

कारगिल विजय दिवस पर निबंध (Essay On Kargil Vijay Diwas)

भारतीय सेना हर समय भारत की सीमा पर तैनात रहती है। लेकिन हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान हमेशा घुपैठ की कौशिश में लगा रहता है। ऐसी ही एक घटना 1999 में कश्मीर में हुई, जब पाकिस्तान ने कारगिल की चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया। लगभग दो महीनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच घमासान युद्ध हुआ। 26 जुलाई 1999 को कश्मीर के कारगिल में भारत ने पाकिस्तान पूर्ण रूप से हरा दिया। भारत ने पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की और फिर तब से हर साल भारत में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस साल भारत कारगिल विजय दिवस 2021 की 22वीं वर्षगांठ मना रहा है।

ऐसे में यदि आपको कारगिल विजय दिवस पर निबंध लिखना है तो करियर इंडिया हिंदी आपके लिए बेस्ट कारगिल विजय दिवस पर निबंध लिखने का ड्राफ्ट लेकर आया है। जिसकी मदद से आप आसानी से कारगिल विजय दिवस पर निबंध लिख व पढ़ सकते हैं। तो आइये जानते हैं कारगिल विजय दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

कारगिल विजय दिवस पर निबंध Essay On Kargil Vijay Diwas

कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई को भारत में मनाया जाता है, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। सन 1999 में भारत ने उन उच्च चौकियों को वापस संभाला, जिनपर पाकिस्तान ने कब्ज़ा किया हुआ था। कारगिल युद्ध 60 दिनों तक लड़ा गया और 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के हजारों सैनिक मरे गए, जबकि भारत के 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए। कारगिल युद्ध जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में नियंत्रण रेखा पर हुआ, जिसे एलओसी कहते हैं। इस युद्ध के लिए पाकिस्तान ने अपनी सेना को सर्दियों में घुसपैठी बनाकर भेज दिया। जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सीमा पर तनाव पैदा करना था।

उस समय घुसपैठिए शीर्ष पर थे और भारतीय सेना की चौकी ढलान पर थी, जिसकी वजह से भारत पर हमला करना आसान था। अंत में दोनों पक्षों के बीच युद्ध छिड़ गया। पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा को पार कर भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र में प्रवेश किया। 3 मई 1999 को पाकिस्तान के लगभग 5000 सैनिकों ने कारगिल के पहाड़ी क्षेत्र में घुसपैठ की और भारत की चौकियों पर कब्जा कर लिया। लगभग एक सप्ताह बाद जब भारत को इसकी जानकारी मिली, तब भारत ने जवाब तलब किया तो पाकिस्तानी सेना ने कहा कि वे पाकिस्तानी सैनिक नहीं बल्कि मुजाहिदीन हैं।

दरअसल, पाकिस्तान इस विवाद पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान चाहता था ताकि भारतीय सेना पर सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र से अपनी सेना वापस लेने और भारत को कश्मीर विवाद के लिए बातचीत करने के लिए मजबूर करने का दबाव बनाया जा सके। लगभग दो सप्ताह बाद जब भारत सरकार को इसकी जानकारी मिली तो भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय नाम से एक योजना बनाई और पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया। दरअसल युद्ध के पीछे की कहानी 1971 में शुरू हुई जब भारत-पाक युद्ध के बाद कई सैन्य संघर्ष हुए हैं। दोनों देशों ने 1998 में परमाणु परीक्षण किए, जिसकी वजह से तनाव काफी बढ़ गया।

मामला जब आगे बड़ा तो फरवरी 1999 में स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए, ताकि कश्मीर संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकला जाएगा। लेकिन हुआ यह कि पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने अपने सैनिकों और अर्धसैनिक बलों को नियंत्रण रेखा के पार भारतीय क्षेत्र में भेजना शुरू कर दिया और घुसपैठ का कोड नाम ऑपरेशन बद्र रखा गया। भारतीय वायुसेना ने जमीनी हमले के लिए मिग-2आई, मिग-23एस, मिग-27, जगुआर और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। इस युद्ध में मिग -21 का निर्माण किया गया, जिसने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जमीन पर लक्ष्य पर हमला करने के लिए, मिग-23 और 27 को अनुकूलित किया गया। पाकिस्तान के कई ठिकानों पर हमले किये गए और इस युद्ध के दौरान ऑपरेशन सफेद सागर में मिग-21 और मिराज 2000 सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया। भारत पाकिस्तान के इस युद्ध में बड़ी संख्या में रॉकेट और बमों का प्रयोग किया गया। दो लाख से ज्यादा गोले, बम और रॉकेट दागे गए। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह एकमात्र ऐसा युद्ध था, जिसमें सबसे ज्यादा बमबारी की गई। लगभग दो सप्ताह बाद जब भारत सरकार को इसकी जानकारी मिली तो भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय नाम से एक योजना बनाई और पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया। अंत में भारत ने पाकिस्तान पर जीत हासिल की और ऑपरेशन विजय को सफल बनाया।

FAQ's
  • कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?

    कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई को मनाया जाता है।

  • कारगिल युद्ध का कोड नाम क्या था?

    कारगिल युद्ध का कोड नाम 'ऑपरेशन विजय' था।

  • कारगिल किसका हिस्सा है?

    कारगिल लद्दाख का हिस्सा है।

  • कारगिल में अधिकांश लोग कौन सी बोली बोलते हैं?

    कारगिल में अधिकांश लोग बाल्टी-पुर्गी बोलते हैं।

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English summary
Kargil Vijay Diwas Essay In Hindi 2024/Kargil War Essay/Operation Vijay Essay: When, How and Why is Kargil Vijay Diwas celebrated? Know how to write an essay on Kargil Vijay Diwas? India is the land of heroes, who have always delivered sixes to the enemies. The Indian Army is stationed on the border of India all the time. But our neighboring country Pakistan is always trying to infiltrate. One such incident happened in Kashmir in 1999, when Pakistan captured the peaks of Kargil. There was a fierce battle between India and Pakistan for almost two months. On 26 July 1999, India completely defeated Pakistan in Kargil, Kashmir. India conquered Pakistan and then since then every year 26 July is celebrated as Kargil Vijay Diwas in India. This year India is celebrating the 22nd anniversary of Kargil Vijay Diwas 2021. In such a situation, if you want to write an essay on Kargil Vijay Diwas, then Career India Hindi has brought you the draft of writing essay on the best Kargil Vijay Diwas. With the help of which you can easily write and read essay on Kargil Vijay Diwas. So let's know how to write an essay on Kargil Vijay Diwas?Essay on Kargil Vijay DiwasKargil Vijay Diwas, also known as Operation Vijay, is celebrated in India on 26 July. In 1999, India took back the high posts which were occupied by Pakistan. The Kargil war was fought for 60 days and ended on 26 July 1999. Thousands of Pakistani soldiers died in the Kargil war, while 527 Indian soldiers of India were martyred. The Kargil War took place on the Line of Control in the Kargil district of Jammu and Kashmir, which is called the LoC. For this war, Pakistan sent its army as an intruder in winter. The main purpose of which was to create tension on the Indian border.At that time the intruders were on the top and the Indian Army post was on the slope, due to which it was easy to attack India. In the end a war broke out between the two sides. Pakistani troops crossed the Line of Control and entered the area under Indian control. On 3 May 1999, about 5000 soldiers of Pakistan infiltrated into the mountainous region of Kargil and captured Indian posts. About a week later, when India came to know about this, when India called for a reply, the Pakistani army said that they are not Pakistani soldiers but Mujahideen.
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