हर साल 29 नवंबर को फिलिस्तानी लोगों के साथ एकजुटता का अतंर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1977 में की गई थी। 29 नवंबर की तिथि को फिलिस्तानी लोगों के एकजुटता दिवस के तौर पर इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन 1947 में महासभा में फिलिस्तीन के विभाजना का संकल्प अपनाया गया था। 2 दिसंबर 1977 में संकल्प 32/40 बी में निहित जनादेश के अनुसार इस दिवस को हर वर्ष मनाने का फैसाला लिया गया था। इस दिवस को सर्वप्रथम 1978 में मनया गया था। हर साल इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य फिलिस्तीन के लोगों द्वारा झेली जाने वाली समस्याओं के बारे में जनजागरूकता फैलाना है और फिलिस्तीन और इजराइल के बीच शांतिपूर्ण समाधान का समर्थना करना है। फिलिस्तीन और इजराइल में एक लंबे समय से संघर्ष की स्थिति चल रही है जिसके चलते फिलिस्तीन के निवासियों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जान-माल की हानि तो दोनों देशों में है, लेकिन किसी में ज्यादा है तो किसी में कम है। इन्हीं सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हर साल इस दिवस को मनाया जाता है। इसका आयोजन हर साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा उसके मुख्यालय समेत जिनेवा, वियना, नौरोबी और न्यूयॉर्क में किया जाता है।
इतिहास
फिलिस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष बहुत पुराना है इस संघर्ष की शुरुआत 19 बी शताब्दी में हुई थी। जब यहुदियों और अरबों के बीच अपनी भूमि की मांग की राष्ट्रवादी भावना भड़कनी शुरू हुई। इस भावना के दौरान एक हिंसक विद्रोह ने जन्म लिया और इस हिंसा और दंगों को देखते हुए ब्रिटिशों ने फिलिस्तीन पर रॉयल कमीशन की स्थापना की। इस कमीशन में फिलिस्तीन को दो अलग राज्यों में बांटने की बात की, जो अरबों और यहूदियों के लिए था। इसमें यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानों द्वारा माने जाने वाले पवित्र शहर यरूशलेम के साथ विभाजित करने का सूझाव भी शामिल था। 1947 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 29 नवंबर को फिलिस्तीन के विभाजन के प्रस्ताव को अपनाया गया। इसके बाद 14 मई 1948 में इजराइल राज्य का गठन 8 महीने के लंबे युद्ध के बाद हुआ। इसी दौरान इजराइला सेना द्वारा फिलिस्ता़ीनीयों के 400 से अधिक गांवो और निवास स्थानों को नष्ट किया जिसमें करीब 7,60,000 फिलीस्तीनी गाजा, वेस्ट बैंक और अरब के देशों में भाग गए। उसी समय से इन दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी रहती है।
वर्ष 2008 में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय इजरायल-फिलिस्तीनी के बीच हो रहे संघर्ष में हो रही हताहतों की संख्या पर ध्यान दिया जा रहा है। दोनों देशों के बीच चल रहे इस संघर्ष में इन दोनों को ही जान-माल की हानी झेलनी पड़ रही है। अगर बात करें की दोनों में से कौनसा देश सबसे अधिक प्रभावित है तो 2020 में कार्यालय द्वारा जारी किए आंकड़ो के अनुसार जहां 5600 फिलिस्तीनियों की मृत्यु हुई है वहिं इजराइल में 250 लोगों की मृत्यु हुई है। इसमें करीब 115,000 फिलिस्तीन और 5600 इजराइल के लोग घायल हुए हैं।
महत्व
फिलिस्तानी लोगों के साथ एकजुटता का अतंर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 29 नवंबर को फिलस्तीन के लोगों की स्वतंत्रता और शांति की उम्मीद से साथ उनकी एक जुटता की पुष्टि करता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अधिकारों और स्वतंत्रता को परिभाषित किया गया है। जिसके अनुसार राष्ट्रीय स्वतंत्रता और संप्रभुता का अधिकार, बाहरी हस्तक्षेप के बिना आत्मनिर्माण का अधिकार और उनकी संपत्ति और घरों में वापस लौटने का अधिकार शामिल है। इस दिवस के माध्यम से फिलिस्तीनी लोगों की समस्याओं और संघर्ष की स्थिति में झेली जा रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए जनजागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
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