Indian Army Day 2022 भारत में हर साल 15 जनवरी को राष्ट्रीय सेना दिवस मनाया जाता है। 15 जनवरी 2022 में 74वां भारतीय सेना दिवस 2022 मनाया जा रहा है। 15 जनवरी 1949 में केएम करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने। तब यह निर्णय लिया गया कि भारत में हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस के रूप मनाया जाएगा। इसलिए हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है। भारतीय सेना दिवस पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री समेत बड़े बड़े नेता अभिनेता और आम लोग सेना के जवानों को सलाम करते हैं।
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते भारतीय सेना दिवस कड़े प्रोटोकॉल के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन भारतीय सेना के उन जवानों को सम्मानित करती है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल कायम की है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स 2017 के अनुसार, भारत की सेना को दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना है। पहले स्थान पर अमेरिका, दूसरे पर रूस और तीसरे स्थान पर चीन की सेना है। इस लिस्ट में पाकिस्तान 13वें स्थान पर है।
स्वतंत्रता से पहले भारतीय सेना ईस्ट इंडिया कंपनी की एक इकाई थी, जिसे बाद में 'ब्रिटिश भारतीय सेना' के रूप में जाना जाता था और जब भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ तो इसे भारतीय सेना के रूप में स्थापित किया गया। भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल 1895 को अंग्रेजों ने की थी। भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल को हुई थी, लेकिन भारत में सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है।
भारतीय सेना दिवस का इतिहास
लगभग 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली। भारतीय स्वतंत्रता के समय, देश सांप्रदायिक दंगों का सामना कर रहा था और पाकिस्तान से शरणार्थी आ रहे थे और कुछ लोग पाकिस्तान की ओर पलायन कर रहे थे। इस अराजक वातावरण के कारण कई प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न होने लगीं तो इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा ताकि विभाजन के दौरान शांति बनी रहे। भारतीय स्वतंत्रता के समय भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी। इसलिए देश का पूरा नियंत्रण भारतीयों के हाथों में सौंपने का यह सही समय था, इसलिए फील्ड मार्शल के एम करियप्पा 15 जनवरी 1949 को स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने। यह अवसर भारतीय सेना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था, इसलिए भारत की तत्कालीन सरकार ने हर साल इस भव्य दिन को सेना दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसलिए 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय सेना दिवस कैसे मनाया जाता है
भारतीय सेना दिवस हर साल सेना के सभी कमान मुख्यालयों और राष्ट्रीय राजधानी में कई अन्य सैन्य कार्यक्रम समेत सेना परेड आयोजित की जाती है। इस दिन उन सभी वीर योद्धाओं को सलामी दी जाती है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा और राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। सेना दिवस के उपलक्ष्य में हर साल दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का आयोजन किया जाता है। यह सलामी भारतीय सेना प्रमुख को दी जाती है। वर्ष 2018 में 70वां सेना दिवस मनाया गया, जिसमें परेड की सलामी जनरल बिपिन रावत ने ली थी और 2019 में जनरल एम.एम नरवणे ने यह सलामी ली थी। 71वां भारतीय सेना दिवस 15 जनवरी 2019 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मनाया मनाया गया था।
भारतीय सेना दिवस पर महिला नेतृत्व
यह इतिहास में पहली बार होगा कि कोई महिला अधिकारी सेना दिवस परेड में सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करेगी। लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी 144 पुरुष अधिकारियों की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। भारतीय सेना ने सेना दिवस 2019 के अवसर पर पेंटिंग, फोटोग्राफी, वीडियो मेकिंग और स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया था। विजेताओं की प्रस्तुति को भारतीय सेना के फेसबुक पेज पर प्रदर्शित किया गया था और उन्हें पुरस्कार राशि से भी सम्मानित किया गया था।
फील्ड मार्शल के एम करियप्पा के बारे में
फील्ड मार्शल के एम करियप्पा का जन्म 1899 में कर्नाटक में हुआ था और उनके पिता कोंडेरा एक राजस्व अधिकारी थे। करियप्पा ने 1947 में भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। सैम मानेकशॉ भारत के पहले फील्ड मार्शल थे और उन्हें जनवरी 1973 में इस उपाधि से सम्मानित किया गया था। फील्ड मार्शल की उपाधि प्राप्त करने वाले दूसरे व्यक्ति कोंडेरा एम करियप्पा थे, जिन्हें 14 जनवरी 1986 को यह रैंक की गई थी।