Independence Day 2023: भारत ने 15 अगस्त 1947 को कड़े संघर्ष के बाद अंग्रेजों से स्वतंत्रता हासिल की। हालांकि, भारत की स्वतंत्रता दो अलग-अलग राष्ट्र भारत- पाकिस्तान के विभाजन के साथ हुई। लेकिन, भारत का विभाजन देश को कई क्षेत्रों में ऊंचाई हासिल करने से नहीं रोक सका।
उनमें से एक है भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन), जिसकी स्थापना 1969 में हुई थी। पिछले कुछ वर्षों में, इसरो ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया है। यहां इसरो की महान उपलब्धियों के बारे में बताया गया है।
इसरो की महान उपलब्धियों की सूची। List of ISRO's major achievements
1975- इसरो ने बैकोनूर कॉस्मोड्रोम स्पेसपोर्ट से एक रूसी निर्मित रॉकेट के माध्यम से वर्ष 1975 में भारत का पहला उपग्रह- आर्यभट्ट सैटेलाइट लॉन्च की, जिसका नाम भारत के महान खगोलशास्त्री के नाम पर रखा गया था।
1963- भारत का पहला साउंडिंग रॉकेट 21 नवंबर 1963 को TERLS (थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन) से लॉन्च किया गया था। यह केरल के थुम्बा में स्थित है, जो पृथ्वी के चुंबकीय भूमध्य रेखा के करीब है।
1979- रोहिणी प्रौद्योगिकी पेलोड ऑनबोर्ड के साथ एसएलवी-3 का पहला प्रायोगिक प्रक्षेपण 10 अगस्त, 1979 को किया गया। यह प्रक्षेपण विफल रहा लेकिन आगे की सफलताओं के लिए मील का पत्थर साबित हुआ।
1981- एक प्रायोगिक भूस्थैतिक संचार APPLE उपग्रह 19 जून 1981 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
1984- राकेश शर्मा सोवियत इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अप्रैल 1984 में, अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने।
1993- इन्सैट 2 सिरिज का दूसरा उपग्रह इन्सैट-2बी था, जिसे दूरसंचार और मौसम संबंधी अवलोकन के लिए 23 जुलाई 1993 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
2008- भारत का पहला चंद्रयान (चंद्रयान 1) 22 अक्टूबर 2008 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में एसडीएससी (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र) से पीएसएलवी-एक्सएल सी11 रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च किया गया था।
2008- 8 नवंबर 2008 को भारत चंद्रमा के चारों ओर अंतरिक्ष यान भेजने वाला दुनिया का पांचवां देश बना।
2017- पीएसएलवी-सी37 को 15 फरवरी 2017 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था, जहां रॉकेट ने एक ही मिशन में रिकॉर्ड संख्या में 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक ले जाया और तैनात किया।
2019- चंद्रयान 2 ऑर्बिटर को चंद्रमा की कक्षा में 2 सितंबर 2019 को स्थापित किया गया था।
2023- इसरो ने हाल ही में 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान कार्यक्रम के तहत अपना तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन लॉन्च किया। जिसके लैंडर और रोवर के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के पास उतरने की उम्मीद है।