Independence Day 2022: जानिए स्वतंत्रता सेनानी आर शांति कृष्ण की कहानी

आर शांति कृष्ण का जन्म 29 अप्रैल 1932 को हुआ था। उनके पिता का नाम राधा कृष्ण था वह दक्षिण अंडमान के पोर्ट ब्लेयर के एबरडीन गांव में रहते थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जापानी 23 मार्च 1942 को अंडमान द्वीप समूह के विभिन्न स्थानों पर उतरे और पूरे अंडमान द्वीप समूह पर उन्होंने कब्जा कर लिया।

जिसके बाद अप्रैल 1942 में, अंडमान के प्रमुख निवासियों ने शुरू में रास बिहारी बोस के मार्ग का अनुसरण करते हुए भारतीय स्वतंत्रता लीग की अंडमान शाखा का गठन किया। लीग के सदस्यों ने लीग के आयोजन, सुदृढ़ीकरण और धन एकत्र करने के उद्देश्यों के साथ काम किया। उन्होंने व्यापक सार्वजनिक सभाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, देशभक्ति के गीतों, नाटकों आदि के माध्यम से भी लोगों को प्रेरित किया।

जानिए स्वतंत्रता सेनानी आर शांति कृष्ण की कहानी

इन गतिविधियों ने द्वीपवासियों को एकजुट करने और उनमें ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ राष्ट्रवाद की एक मजबूत भावना को प्रज्वलित करने में मदद की। और फिर इंडियन इंडिपेंडेंस लीग (आईआईएल) के तत्वावधान में, विभिन्न सहयोगी शाखाओं का गठन किया गया था। जिसमें की आर. शांति कृष्ण अपनी कम उम्र में स्वेच्छा से भारतीय स्वतंत्रता लीग के सांस्कृतिक विंग में शामिल हो गए। उन्होंने विंग के विभिन्न कार्यों में भाग लिया।

इस बीच, नेताजी सुभाष चंद्र बोस 29 दिसंबर 1943 को अंडमान द्वीप पर पहुंचे। 30 दिसंबर को पोर्ट ब्लेयर के जिमखाना ग्राउंड में, जहां उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में पहली बार भारतीय ध्वज फहराया। 31 दिसंबर को नेताजी ने लीग के तत्कालीन मुख्यालय ब्राउनिंग क्लब का दौरा किया। आर. शांति कृष्ण और लीग के अन्य सदस्य उनकी यात्रा की सभी तैयारियों और ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह सहित विभिन्न कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल थे।

उनके जाने के बाद नेताजी ने मेजर जनरल आरकोट दोराईस्वामी लोगानदान को अंडमान भेजा। वह 18 फरवरी 1944 को अंडमान में नेताजी द्वारा नियुक्त अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की आजाद हिंद सरकार के मुख्य आयुक्त के रूप में पहुंचे। जहां उनके साथ उनके स्टाफ में मेजर मंसूर अली अल्वी, लेफ्टिनेंट मोहम्मद इकबाल, लेफ्टिनेंट सुबा सिंह और स्टेनो-टाइपिस्ट श्रीनिवास शास्त्री शामिल थे। उन्होंने द्वीपों में नागरिक प्रशासन चलाने के लिए आजाद हिंद सरकार की स्थापना की।

आर शांति कृष्ण सहित इंडियन इंडिपेंडेंस लीग (आईआईएल) के सदस्यों ने अपनी गतिविधियों में भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) के अधिकारियों की सक्रिय रूप से सहायता की। बता दें कि देश की आज़ादी मिलने के बाद आर शांति कृष्णा राजनीति में शामिल हो गए और पोर्ट ब्लेयर शहर में एक प्रतिष्ठित राजनेता बन गए।

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English summary
R Shanti Krishna was born on 29 April 1932. His father's name was Radha Krishna, he lived in Aberdeen village of Port Blair, South Andaman. During the Second World War, the Japanese landed at various places in the Andaman Islands on 23 March 1942 and occupied the entire Andaman Islands.
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